पीसीसी ने जारी किया पत्र “बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय, पीसीसी उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव से समन्वय स्थापित कर पार्टी बूथ लेव्हल पर मजबूत करें”

Update: 2020-09-21 04:28 GMT

रायपुर,21 सितंबर 2020। क्या आप शीर्षक पढ़ कर चौंके हैं, यदि आप चौंके हैं तो यह माना जाना चाहिए कि बिलासपुर में कांग्रेस की एकता को लेकर मुकम्मल जानकारी आप रखते हैं, तो अब आप यह भी जान लें कि, पीसीसी ने एक पत्र जारी किया है जिसमें मरवाही उप चुनाव को लेकर मरवाही को चार ज़ोन में बाँटकर प्रभार सौंपा गया है।इस में बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय का नाम दक्षिण मरवाही के प्रभारी के रुप में मौजुद है। बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय के अतिरिक्त पाली तानाखार से विधायक मोहित केरकेट्टा को पेंड्रा जबकि गौरेला अर्जुन तिवारी और उत्तर मरवाही में उत्तम मरवाही को ज़िम्मा दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला के हस्ताक्षर से जारी इस पत्र में उप चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए ज़ोन प्रभारियों की नियुक्ति का मसला तो अहम है ही लेकिन पूरे पत्र को गौर से पढ़ें तो समझ आता है कि खबर बस ज़ोन प्रभारी के नियुक्ति तक सीमित नहीं है।
दरअसल इस पत्र में पीसीसी के निर्देश हैं कि प्रभारी क्षेत्र का तत्काल दौरा करें और पीसीसी से उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव जो ज़िला प्रभारी भी हैं उनसे समन्वय स्थापित कर पार्टी संगठन के कार्यक्रमों का सुचारु संचालन करते हुए पार्टी संगठन को बूथ स्तर पर मज़बूत किये जाने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही करें।
दरअसल मरवाही उप चुनाव में ज़ोन प्रभारी से नियुक्ति से ज़्यादा बड़ी खबर यही है। जिन्हे बिलासपुर में कांग्रेस की सियासत का ककहरा पता है वे इस ख़त की इन पंक्तियों का मज़ा लेंगे और जो बिलासपुर से नावाक़िफ़ हैं वे यह समझ लें कि बिलासपुर की सियासत में अटल और शैलेष दो चुंबकीय तत्व हैं, आप चाहें तो ऐसे भी पढ़ें कि शैलेष पांडेय और अटल श्रीवास्तव का व्यक्तित्व चुंबकीय है,और जैसा कि चुंबक का गुण तत्व है, वे एक दूसरे के प्रतिकर्षण उर्जा से दैदीप्यमान होते हैं शेष कोई उर्जा यदि हो भी तो इस चमक के आगे फीकी है।
हालिया दिनों एल्डरमेन नियुक्ति के बाद दोनों चुंबकों में प्रतिकर्षण एक बार फिर परंपरा को निभाते हुए आमने सामने है। ऐसे में पीसीसी का पत्र और उसके शब्द संयोग या कि स्वाभाविक हो सकते हैं.. लेकिन जैसे आप शीर्षक देख कर चौंके, वैसा ही हो यह तो पीसीसी का आदेश है।
अब सोचिए कि मसला कैसा होगा.. एक मशहूर पुराना गीत है .. जिसके बोल है –

“ये दिल की लगी..कम क्या होगी..ये इश्क़ भला…कम क्या होगा ..जब रात है ऐसी मतवाली .. फिर सुबह का आलम क्या होगा”

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