ब्रश करते समय भूलकर भी न करें ये गलती! हो सकती है कैंसर जैसी गंभीर बिमारी, जानें दातों की सफाई के नियम और कितना लेना चाहिए टूथपेस्ट?

Update: 2025-10-17 13:09 GMT

oral health care tips

ORAL HELTH CARE TIPS: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक अच्छी ओरल हेल्थ (मौखिक स्वास्थ्य) बनाए रखना थोड़ा मुश्किल काम हो जाता है। आमतौर पर डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि, किसी भी व्यक्ति को सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले दाँतों को साफ़ करके सोना चाहिए। ऐसा करने से हमारे मुँह में बैक्टीरिया कम पनपता है। माना जाता है कि, तकरीबन 12 घंटों के भीतर हमारे मुँह के भीतर लाखों की संख्या में बैक्टीरिया पनपना शुरू हो जाते हैं, जिसके लिए हमें दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए, ऐसा करने से हमें बैक्टीरिया से भी छुटकारा मिल जाता है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दिन में दो बार दाँतों की सफ़ाई करने के लिए हमें कितनी और किस तरह दाँतों की सफ़ाई करनी चाहिए? इसके अलावा क्या ज़्यादा टूथपेस्ट (कोलगेट) का इस्तेमाल करने से कोई बीमारी या कोई नुकसान तो नहीं होगा? आज हम इन्हीं सब सवालों के जवाब आपको देने वाले हैं, तो आइए जानते हैं इसके बारे में...

क्या है दातों की सफाई का नियम

देखिए, दाँतों की सफ़ाई के लिए दिन में दो बार ब्रश करना बेहद ज़रूरी माना जाता है। दाँत साफ़ करते वक्त आपको इसके सही तरीकों पर भी ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है। आजकल की इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग जल्दी-जल्दी ब्रश करने के चक्कर में अपने मसूड़ों और ओरल सेहत से संबंधित समस्याओं को आमंत्रण दे देते हैं। ध्यान रखिए, जब आप ब्रश करें तो दाँतों की संरचना के अनुसार ही ब्रश को मूव करना चाहिए, अर्थात यदि आप सामने के दाँत साफ़ कर रहे हैं तो ब्रश को नीचे से ऊपर की तरफ मूव करना चाहिए।

इसके अलावा अगर आप मुँह के किनारे के दाँतों को साफ़ कर रहे हैं तो ब्रश को जीभ की तरफ करके मूव करना चाहिए। लगातार आगे-पीछे ब्रश को घिसने से आपके दाँत ख़राब हो सकते हैं, वहीं आपके मसूड़ों में भी चोट लग सकती है। इसके अलावा आपको अपने टूथपेस्ट की मात्रा पर भी ध्यान देना अति आवश्यक हो जाता है। ब्रश करने के लिए आपको मटर के दाने के समान टूथपेस्ट लेना चाहिए, वहीं बच्चों को इससे भी कम मात्रा में टूथपेस्ट (कोलगेट) का इस्तेमाल करना चाहिए।

कैसे बनता है टूथपेस्ट और कितना नुकसानदेह?

वहीं, टूथपेस्ट को कभी निगलना नहीं चाहिए, क्योंकि बाज़ार में दो तरह के टूथपेस्ट मिलते हैं। जिनमें से पहला फ्लोराइड टूथपेस्ट और दूसरा बिना फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट देखने को मिलता है। जिसकी ज़्यादा मात्रा में इस्तेमाल से आपको पेट में दर्द, पेट खराब होना, उल्टी, या फ्लोराइड विषाक्तता (बहुत अधिक मात्रा में) और त्वचा में जलन या एलर्जी जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। कुछ टूथपेस्ट में मौजूद रसायन, जैसे कि सोडियम लॉरिल सल्फेट, त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

टूथपेस्ट (कोलगेट) में सोडियम फ्लोराइड (दाँतों की सड़न से बचाव के लिए), सोडियम लॉरिल सल्फेट (झाग बनाने के लिए), और सॉर्बिटोल (सूखने से बचाने और मिठास के लिए) जैसे विभिन्न प्रकार के रसायन होते हैं। इसके अलावा, इसमें कैल्शियम कार्बोनेट, सिलिका, और अन्य अपघर्षक (abrasives) मिले होते हैं, जो दाँतों की सतह से गंदगी हटाते हैं। कुछ प्रकार के टूथपेस्ट में हाइड्रोजन पेरोक्साइड (सफेदी के लिए) या ट्राइक्लोसन (रोगाणुरोधी गुणों के लिए) भी हो सकता है, हालाँकि ट्राइक्लोसन के उपयोग पर चिंताएँ व्यक्त की गई हैं।

कोलगेट के ज्यादा इस्तेमाल से क्या होता है ?

ज़्यादा मात्रा में टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना दाँतों के लिए हानिकारक हो सकता है। टूथपेस्ट में मौजूद सोडियम फ्लोराइड, जो दाँतों को मज़बूत बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे में इसकी ज़्यादा मात्रा होने पर ओरल हेल्थ बिगड़ सकती है। ऐसी स्थिति में दाँतों में गड्ढे बन सकते हैं और बच्चों में फ्लोरोसिस जैसी समस्या भी पैदा हो सकती है। यही वजह है कि डॉक्टर दाँतों को साफ़ रखने के लिए टूथपेस्ट की थोड़ी सी मात्रा इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

कब करें माउथवॉश का इस्तेमाल?

अगर आपको ओरल हेल्थ से जुड़ी कोई परेशानी है, तो सबसे पहले किसी डेंटिस्ट से सलाह ज़रूर ले लें। अगर आपकी ओरल हेल्थ नॉर्मल है तो ब्रश करने के बाद माउथवॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं। बता दें, इससे मुँह में ताज़गी आती है और बदबू की शिकायत से भी छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा, यह मुँह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को भी कम करने में मदद करता है। हालाँकि, किस तरह का माउथवॉश आपके लिए बेस्ट होगा, यह जानने के लिए आपको एक डेंटिस्ट से सलाह ज़रूर लेनी होगी।

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