Supreme Court News: अनुकंपा नियुक्ति स्वीकार कर लेने के बाद उच्च पद के लिए नहीं कर सकते दावा, सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात....
Supreme Court News: अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई व्यक्ति अनुकंपा नियुक्ति को स्वीकार कर लेता है तब बाद में वह उच्च पद के लिए दावा नहीं कर सकता। इसका उद्देश्य साफ है, मृतक कर्मचारी के परिवार को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से दी जानी वाली अनुकंपा है।
supreme court of india (NPG file photo)
Supreme Court News: दिल्ली। अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई व्यक्ति अनुकंपा नियुक्ति को स्वीकार कर लेता है तब बाद में वह उच्च पद के लिए दावा नहीं कर सकता। इसका उद्देश्य साफ है, मृतक कर्मचारी के परिवार को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से दी जानी वाली अनुकंपा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस व्यक्ति ने अनुकंपा नियुक्ति स्वीकार कर ली है, वह बाद में उच्च पद पर नियुक्ति के लिए दावा नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अनुकंपा नियुक्तियां सामान्य भर्ती प्रक्रिया से एकदम अलग है। इसका उद्देश्य भी साफ है। मृतक कर्मचारी के परिवार को तत्काल राहत देने वाली सरकार की ओर से अनुकंपा है। एक बार जब नियुक्ति मिल जाती है तब संबंधित व्यक्ति नियमों व शर्तों से बंध जाता है। फिर वह उच्च पद के लिए दावा नहीं कर सकता।
याचिका की सुनवाई जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस मनमोहन की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने साफ कहा कि एक बार जब मृतक कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर रोज़गार दिया जाता है तो उसका अधिकार समाप्त हो जाता है।
क्या है मामला
मृतक कर्मचारी सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत था। अनुकंपा नियुक्ति के तहत आश्रित को सफाई कर्मचारी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई। शैक्षणिक योग्यता का हवाला देते हुए आश्रित ने जूनियर असिस्टेंट के पद पर नियुक्ति की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जूनियर असिस्टेंट के पद पर नियुक्ति देने का राज्य सरकार को आदेश दिया। सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज करते हुए सिंगल बेंच के फैसले काे यथावत रखा। इसके बाद राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसी व्यक्ति की उच्च पद पर नियुक्त होने की मात्र पात्रता उसे उच्च पद पर अनुकंपा नियुक्ति मांगने और वरिष्ठता का दावा करने का हकदार नहीं बनाती है। कोर्ट ने कहा कि यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि किसी अथॉरिटी द्वारा की गई गैर-कानूनी कार्रवाई को वैध नहीं ठहराया जा सकता। इसी तरह की स्थिति वाले दूसरे लोगों तक इसका विस्तार करके इसे आगे जारी नहीं रखा जा सकता।