Mehbooba Mufti Delhi Blast: महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली धमाका आरोपियों के घर गिराने की निंदा की, बोलीं- निर्दोषों को सज़ा देना अन्याय है, जानिए पूरा मामला!

Mehbooba Mufti Delhi Blast:दिल्ली धमाके के आरोपियों के घर गिराने पर महबूबा मुफ्ती ने सरकार और पुलिस की आलोचना की।

Update: 2025-11-15 07:39 GMT

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली बम विस्फोट के आरोपियों के घरों को गिराए जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोषों को सताना या उनके घर गिराना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। महबूबा ने कहा कि पुलिस द्वारा सामूहिक गिरफ्तारियों से आम लोगों में डर का माहौल बन गया है और ऐसी कार्रवाई से आतंकवाद खत्म नहीं होगा बल्कि लोगों में गुस्सा बढ़ेगा।

निर्दोषों को सज़ा देना कानून के खिलाफ: महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा कि पीडीपी उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के विरोध में नहीं है जो वास्तव में आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं लेकिन प्रशासन जिस तरह से छापेमारी और गिरफ्तारियों का सिलसिला चला रहा है उससे मासूमों में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि किसी के किए की सजा उसके निर्दोष परिवारवालों को देना न तो इंसाफ है और न ही लोकतांत्रिक भावना के अनुरूप।
अमित शाह के बयान पर भी दी प्रतिक्रिया
महबूबा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान “कानून अपना काम करेगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी” का हवाला देते हुए कहा कि अगर कानून अपना काम कर रहा है तो उसे कानूनी दायरे में रहकर ही करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोषियों को सजा जरूर मिले लेकिन जो लोग निर्दोष हैं उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
पुलवामा में आतंकी उमर नबी का मकान ध्वस्त
उल्लेखनीय है कि लाल किले के पास हुए विस्फोट में लिप्त बताए जा रहे आतंकी डॉ. उमर नबी के पुलवामा स्थित कोइल इलाके में मकान को गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि में ध्वस्त कर दिया गया था। प्रशासन ने यह कार्रवाई सुरक्षा कारणों के तहत की थी। महबूबा ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए ऐसी कार्रवाई कारगर नहीं है। अगर निर्दोषों को निशाना बनाया गया, तो इससे समाज में कटुता बढ़ेगी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी।
उमर अब्दुल्ला ने भी जताई आपत्ति
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस तरह की कार्रवाई पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि आतंकियों के घर गिराने से आतंकवाद खत्म नहीं होगा, बल्कि लोगों में आक्रोश बढ़ेगा। उमर ने कहा कि ऐसे कदम आतंकवाद के मूल कारणों को खत्म करने में मदद नहीं करते, बल्कि निर्दोष नागरिकों को मुख्यधारा से दूर करने का खतरा बढ़ा देते हैं।
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