Pankaja Munde PA Wife: मंत्री पंकजा मुंडे के PA की पत्नी की आत्महत्या, टॉर्चर के आरोप, परिवार ने हाई-लेवल जांच की मांग की
Pankaja Munde PA Wife Suicide: महाराष्ट्र मंत्री पंकजा मुंडे के PA अनंत गर्जे की पत्नी डॉ. गौरी पाल्वे ने वर्ली स्थित घर में आत्महत्या कर ली. परिवार ने पति पर टॉर्चर के आरोप लगाए और हाई-लेवल जांच की मांग की है. पुलिस ADR दर्ज कर जांच कर रही है.
Mumbai. महाराष्ट्र सरकार में पशुपालन एवं पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे के पर्सनल असिस्टेंट अनंत गर्जे की पत्नी डॉ. गौरी पाल्वे ने शनिवार शाम वर्ली स्थित अपने घर पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. रविवार को पुलिस ने इसकी पुष्टि की. घटना ने लोकल कम्युनिटी के साथ-साथ राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है, क्योंकि मृतका एक सरकारी डॉक्टर थीं और शादी को अभी सिर्फ नौ महीने ही हुए थे.
शादी को नौ महीने, घर में लटकी मिलीं डॉक्टर
डॉ. गौरी पाल्वे KEM हॉस्पिटल के डेंटल डिपार्टमेंट में डॉक्टर थीं. पुलिस के अनुसार, शनिवार शाम वह वर्ली के घर में फांसी के फंदे पर लटकी मिलीं. पति अनंत गर्जे मंत्री पंकजा मुंडे के बेहद भरोसेमंद स्टाफ में गिने जाते हैं, इसलिए मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील माना जा रहा है. शुरुआती जांच में पुलिस इसे घरेलू विवाद से जुड़ा मामला मान रही है.
परिवार का आरोप- पति टॉर्चर करते थे, इसी वजह से सुसाइड किया
मृतका के परिवार ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि शादी के बाद से ही गौरी को टॉर्चर और लगातार हैरेसमेंट का सामना करना पड़ रहा था. परिवार का दावा है कि इसी मानसिक दबाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया. परिवार ने मामले की गहन, निष्पक्ष और हाई-लेवल जांच की मांग की है.
पुलिस ने Accidental Death Report (ADR) दर्ज कर ली है और कहा है कि सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. फिलहाल पति की भूमिका और वैवाहिक संबंधों की स्थिति को लेकर पुलिस बयान दर्ज कर रही है.
पॉलिटिकल अंगल भी उभर रहा
क्योंकि अनंत गर्जे सीधे एक कैबिनेट मंत्री के साथ काम करते हैं, घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में भी सवाल खड़े कर दिए हैं. लोकल नेताओं और महिला संगठनों ने कहा है कि यह मामला दिखाता है कि घरेलू हिंसा और मेंटल हेल्थ का संकट सिर्फ साधारण परिवारों तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा कि बड़े पदों से जुड़े परिवारों की महिलाएं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं.
लोकल कम्युनिटी में शॉक, सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने वर्ली और आसपास की कम्युनिटी को झकझोर दिया है. महिला सुरक्षा, घरेलू हैरेसमेंट और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर फिर से बहस तेज हो गई है. सामाजिक कार्यकर्ता कह रहे हैं कि यह मामला उन कई महिलाओं की स्थिति को सामने लाता है जो पारिवारिक प्रताड़ना या मानसिक दबाव के कारण चुपचाप संघर्ष करती रहती हैं.