अब महंगाई की मार पर चलेगा चाबुक! RBI ने दिया बड़ा तोहफा; रेपो रेट में कटौती से EMI का बोझ होगा कम, जानिये कैसे?

दिवाली से पहले आम लोगों को एक और राहत मिल सकती है। जीएसटी कटौती के बाद ब्याज दरों में भी कटौती हो सकती है। इससे लोन लेना सस्ता होगा।

Update: 2025-09-22 10:29 GMT

RBI Repo Rate Cut (NPG FILE PHOTO)

नई दिल्ली। सरकार ने दिवाली से पहले आम जनता को राहत देने के लिए GST दरों में कटौती की है। जिसके बाद अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी एक और बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, RBI सितंबर की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में 0.25% यानी 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है।

लोन होगा सस्ता, EMI में मिलेगी राहत

अभी RBI की रेपो रेट 5.50% है। अगर इसमें कटौती होती है तो बैंक से लोन लेना सस्ता हो जाएगा और आपकी EMI भी कम हो सकती है। इससे आम आदमी के साथ-साथ कारोबारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

काबू में होगी महंगाई

SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि, सितंबर और अक्टूबर में महंगाई दर 2% से भी नीचे रह सकती है। अगर GST दरों में बदलाव का असर शामिल किया जाए तो अक्टूबर में महंगाई 1.1% तक गिर सकती है, जो 2004 के बाद सबसे कम होगी। इसके आलावा एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि, अगर RBI इस बार ब्याज दरें नहीं घटाता तो यह एक "टाइप 2 एरर" होगा यानी सही समय पर सही कदम न उठाना। पहले भी ऐसा हुआ है जब अनुकूल हालात के बावजूद RBI ने दरें नहीं घटाईं है।

मीटिंग की तारीख तय

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की अगली बैठक 29 और 30 सितंबर को होगी और इसका फैसला 1 अक्टूबर को आएगा। अगर दरें घटती हैं तो यह दिवाली से पहले एक बड़ा आर्थिक बूस्टर हो सकता है।

इस साल तीन बार घट चुकी हैं दरें

आपको बता दें कि, इस साल (2025) में भी RBI ने फरवरी, अप्रैल और जून में कुल 1% की कटौती की है। अगस्त में दरें जस की तस रखी गई थीं लेकिन अब हालात फिर से दरें घटाने के पक्ष में हैं।

अब जानिये क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब महंगाई बढ़ती है तो RBI रेपो रेट बढ़ाकर मनी फ्लो को कम करता है। और जब इकोनॉमी को बूस्ट देना होता है, तो रेपो रेट घटाकर लोन सस्ता किया जाता है।

SBI की सलाह 'अब देर न करें RBI'

इधर, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) का कहना है कि, RBI को अब स्पष्ट और सटीक कम्युनिकेशन करना चाहिए। जून के बाद से दरें घटाने की जरूरत और भी ज्यादा हो गई है। ऐसे में सितंबर में कटौती करना सबसे बेहतर विकल्प होगा। दिवाली से पहले अगर RBI ब्याज दरें घटाता है, तो यह आम जनता के लिए एक बड़ा राहत पैकेज साबित हो सकता है। अब सबकी निगाहें 1 अक्टूबर के फैसले पर टिकी हैं।

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