Archana Tiwari Missing Case: ट्रेन से लापता अर्चना तिवारी मिली: जानिए क्यों रची थी खुद के लापता होने की कहानी

Train Se Lapta Archana Tiwari Mili: भोपाल की कमलापती थाना जीआरपी पुलिस ने नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से लापता अर्चना तिवारी को 12 दिन बाद बरामद कर लिया है। पूछताछ में अर्चना ने जो खुलासे किए हैं वह हैरान कर देने वाले हैं। अर्चना ने खुद के ही लापता होने की कहानी बनाई थी। जिसका खुलासा जीआरपी एसपी राहुल सिंह लोढ़ा ने कर दिया है।

Update: 2025-08-20 12:28 GMT



Train Se Lapta Archana Tiwari Mili: भोपाल की कमलापती थाना जीआरपी पुलिस ने नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से लापता अर्चना तिवारी को 12 दिन बाद बरामद कर लिया है। पूछताछ में अर्चना ने जो खुलासे किए हैं वह हैरान कर देने वाले हैं। अर्चना ने खुद के ही लापता होने की कहानी बनाई थी। जिसका खुलासा जीआरपी एसपी राहुल सिंह लोढ़ा ने कर दिया है।        

मंजील पर पहुंचने से पहले हुई लापता 

जीआरपी एसपी राहुल सिंह लोढ़ा ने बताया कि अर्चना तिवारी 7-8 अगस्त को इंदौर से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से निकली थी। लेकिन वह अपने मंजील पर पहुंचने से पहले ही रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी। जिसके बाद उसके परिजनों ने कमलापती थाना जीआरपी पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। जीआरपी पुलिस ने शिकायत दर्ज होते ही जांच शुरु कर दी थी।

12 दिन की तलाशी अभियान के बाद मिली अर्चना

जिसके बाद पुलिस ने कई सीसीटीवी खंगाले और मिडघाट के जंगल में भी तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान अर्चना की मां ने दावा किया था कि उसकी बेटी ने उसे फोन कर कहा था कि वह ठीक है। अर्चना का आखिरी लोकेशन भोपाल में मिला था, जिसके बाद से उसका मोबाइल बंद हो गया था। पुलिस ने 12 दिन की तलाशी अभियान के बाद 19 अगस्त को अर्चना तिवारी को लखीमपुर खीरी के नेपाल बॉर्डर से सकुशल बरामद कर लिया। वहीं जब उससे पूछताछ की गई तो उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। 

शादी के दबाव से बनाया प्लान 

अर्चना तिवारी ने पूछताछ में बताया कि उनके घर वालों ने उसकी शादी पटवारी के साथ तय कर दी थी और पढ़ाई छोड़कर शादी के लिए दबाव बना रहे थे। जिससे वह परेशान हो गई थी। जिसके बाद उसने अपने खुद के लापता होने की कहानी बनाई थी। इसमें उसके दोस्त सारांश और तेजिंदर ने भी साथ दिया था। तीनों ने मिलकर 6 अगस्त को ही पूरी प्लानिंग कर ली थी। 

इसलिए चुना ट्रेन से गायब होने का रास्ता

अर्चना तिवारी पेशे से वकील थी और सिविल जज की तैयारी भी कर रही थी। ऐसे में उसने लापता होने की पूरी कहानी बड़े ही शातिर तरीके से बनाई थी। वह ये भी जानती थी कि पुलिस और GRP किस तरह से काम करती है। GRP के पास लापता होने के कई मामले सामने आते रहते हैं,इसलिए इस मामले में कोई भी अपराध नहीं बनता है। इसलिए उनसे ट्रेन से गायब होने का रास्ता चुना था। 

लोकेशन ट्रेश कर अर्चना को किया बरामद

प्लानिंग के तहत तेजिंदर अर्चना के साथ इटारसी तक गया और पुलिस को गुमराह करने के लिए अर्चना के मोबाइल के साथ ही कपड़े को भी मिडघाट के जंगल में फेंक दिया। इसके बाद सारांश अर्चना को इटारसी से कार में नेपाल लेकर पहुंचा, जहां उसे छोड़कर वह शुजालपुर लौट आया। लेकिन पुलिस ने लोकेशन ट्रेश कर अर्चना को खलीमपुर खीरी के नेपाल बॉर्डर से बरामद कर लिया और पूरे मामले का खुलासा कर दिया। 

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