Raisen Liquor Factory case: रायसेन शराब फैक्ट्री मामला: शराब कंपनी में बाल मजदूरी, CM के निर्देश पर मंडीदीप श्रम निरीक्षक सस्पेंड

Raisen Liquor Factory case: मध्य प्रदेश के रायसेन की शराब कंपनी में बाल श्रम के मामले में प्रभारी जिला अधिकारी और 3 आबकारी अधिकारी को निलंबित करने के बाद मोहन सरकार ने एक और अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.

Update: 2024-06-17 04:23 GMT

Raisen Liquor Factory case: रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन की शराब कंपनी में बाल श्रम के मामले में प्रभारी जिला अधिकारी और 3 आबकारी अधिकारी को निलंबित करने के बाद मोहन सरकार ने एक और अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. रविवार को प्रशासन ने एक्शन लेते हुए श्रम निरीक्षक मंडीदीप रामकुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है. 

शराब फैक्ट्री में मिले नाबालिग बच्चे

जानकारी के मुताबिक़, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को बचपन बचाओ आंदोलन नाम के एक एनजीओ से बाल श्रम की शिकायत मिली थी. जिसके बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम शनिवार, 15 जून की दोपहर रायसेन के सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई की थी. इस दौरान 60 नाबालिग बच्चे शराब बनाते हुए मिले थे. जिसमे लडकियां भी शामिल थी. बच्चों के हाथ में छाले पड़ चुके थे. बता दें बच्चों को स्कूल बस से फैक्ट्री में लाया जाता था.

जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप  

इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने पुलिस और जिला प्रशासन को जानकारी दी. लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. जिसके बाद आयोग के अध्यक्ष उमरावगंज थाने पहुंचे और कार्रवाई करवाने के लिए मांग करने लगे.  आयोग अध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर लापरवाही और 39 नाबालिग बच्चों को गायब करने का आरोप लगाया. 

श्रम निरीक्षक निलंबित

मामला शासन के संज्ञान में आने के बाद एक्शन लिया. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. जिसके बाद आबकारी आयुक्त ने प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर और विभाग के तीन उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शेफाली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया था. वहीँ रविवार को प्रशासन  ने श्रम निरीक्षक मंडीदीप रामकुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया. इस सम्बन्ध में श्रमायुक्त ने आदेश जारी किया है. 


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