MPPSC News: दिव्यांगता का मजाक: PSC सलेक्ट SI दौड़ा रहा बाइक, फोटो वायरल हुआ तो खुली पोल

MPPSC News: मध्य प्रदेश के सागर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दिव्यांग कोटे से अधिकारी बने एक अफसर का फोटो वायरल हुआ है. आंखों से दिव्यांग अधिकारी बाइक चलते नजर आये हैं.

Update: 2025-04-04 06:22 GMT

MPPSC News: मध्य प्रदेश के सागर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दिव्यांग कोटे से अधिकारी बने एक अफसर का फोटो वायरल हुआ है. आंखों से दिव्यांग अधिकारी बाइक चलते नजर आये हैं. उनके बाइक चलाते हुए फोटो वायरल होने के बाद अब MPPSC और उनके चयन पर सवाल खड़ा हो गया है.

आंखों से दिव्यांग अधिकारी चलाने लगे बाइक

जानकारी के मुताबिक़, सागर जिले के सत्यम रजक आबकारी सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है. सत्यम रजक मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा में दिव्यांग कोटे से आबकारी सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित किये गए थे. इसी साल 18 जनवरी को MPPSC 2022 का रिजल्ट जारी हुआ. जिसमे सत्यम चयनित हुए. सत्यम ने इस परीक्षा में अपनी दृष्टिबाधितता का सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया था. 

वहीँ, सत्यम रजक का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जिसमें सत्यम रजक बाइक और चार पहिया वाहन चलाते हुए नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद उनके चयन पर सवाल किये जा रहे हैं. आख़िर एक आंखों से दिव्यांग व्यक्ति बाइक कैसे चला सकता है. अगर वो बाइक चला सकता है तो उसका चयन दिव्यांग कोटे से कैसे हो गया. 

सत्यम रजक के चयन पर उठी मांग

इसे लेकर उज्जैन जिले के महिदपुर रोड निवासी प्रिंस यादव ने मामले की जांच की मांग की है. प्रिंस यादव ने सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को शिकायत की है. उन्होंने अपनी शिकायत के साथ सत्यम रजक के बाइक चलाते हुए फोटो और ड्राइविंग लाइसेंस भी अटैच किये हैं. शिकायतकर्ता ने कहा, आवकारी उपनिरीक्षक के पद पर दृष्टिबाधित विकलांग कोटे से चयनित हुए सत्यम रजक अभ्यर्थी सत्यम रजक को दृष्टि संबंधी कोई समस्या नहीं है. सत्यम रजक दो पहिया तथा चार पहिया वाहन दिन तथा रात में बड़ी ही आसानी से चलाते है. सत्यम रजक द्वारा अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाया गया है. सत्यम रजक ने शासन की संस्था कर्मचारी चयन मण्डल भोपाल के माध्यम से कई ऐसी परीक्षाएं भी दी गई है. जिन पर एक दृष्टिबाधित विकलांग का चयन शारीरिक मापदण्डों के कारण नहीं हो सकता है. तथा इन परीक्षाओं के ऑनलाइन आवेदन पत्रों में इन्होने स्वयं को शारीरिक रूप से स्वस्थ घोषित किया है. स्वयं को विकलांग घोषित नहीं किया है.

म.प्र. शासन परिवहन विभाग के निर्देशानुसार 40% से अधिक दृष्टिबाधित विकलांग व्यक्ति अपना ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा सकता, यदि सत्यन रजक को दृष्टि संबंधी समस्या है तो ड्राइविंग लाइसेंस क्यों बनवाया (जबकि सत्यम रजक स्वयं का 45% दृष्टिबाधित प्रमाण पत्र बनवाये हुए है) इससे सिद्ध होता है कि सत्यम रवक द्वारा चिकित्सक व म.प्र. शासन को झूठी जानकारी देकर फर्जी रूप से विकलांग प्रमाण पत्र प्राप्त कर शासन की आँखों में धूल झोंकने का कार्य किया है. अतः इस मामले की जाँच की जाये. 

सत्यम रजक ने क्या कहा

सत्यम रजक ने इस आरोप का बेबुनियाद बताये हैं. सत्यम का कहना है कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस 2017 में बना था, जबकि आंखों की बीमारी 2021 में हुई है. फोटो वायरल किया जा रहे हैं वह 2021 से पहले के हैं. जीप वाली फोटो सिर्फ उसपर बैठकर खिचवाई गयी है. 

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