MP Student In Kyrgyzstan: किर्गिस्तान में भारतीय बच्चों से मारपीट, खाने का सामान ख़त्म, लड़कियां भी हिंसा का शिकार...जीतू पटवारी ने पूछा क्या कर रही सरकार?

MP Student In Kyrgyzstan: किर्गिस्तान में इन दिनों बुरे हालात हो रखे है. किर्गिस्तान में फंसे भारतीय छात्र भी हिंसा का शिकार हो रहे हैं. किर्गिस्तान में मध्यप्रदेश के करीब 1200 विद्यार्थी फंसे हुए हैं.

Update: 2024-05-24 10:07 GMT


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MP Student In Kyrgyzstan: किर्गिस्तान में इन दिनों बुरे हालात हो रखे है. किर्गिस्तान में फंसे भारतीय छात्र भी हिंसा का शिकार हो रहे हैं. किर्गिस्तान में मध्यप्रदेश के करीब 1200 विद्यार्थी फंसे हुए हैं. जिन्हे वापस लाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. वहीँ इसे लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश बीजेपी सरकार पर नाराजगी जताई है.

जीतू पटवारी ने मप्र सरकार पर कसा तंज 

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने एक्स पर कहा है कि किर्गिस्तान में मध्यप्रदेश के 1200 बच्चे फंसे हैं. मप्र सरकार ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकालने का "भरोसा" दिया है. लेकिन, राजनीतिक वादे की तरह उन्हें वापस लाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए.  

किर्गिस्तान में भूखे रह रहे हैं भारतीय बच्चे 

स्टूडेंट्स का कहना है, पाकिस्तान अपने छात्रों को यहां से निकाल चुका है, परंतु भारत सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. केवल बयान और मीडिया हेडलाइंस में सरकार सक्रिय है! हकीकत में मदद जैसा कुछ नहीं है. जो बच्चे फ्लैट में रह रहे हैं, वे बाहर ही निकल नहीं पा रहे हैं. खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है. उन्हें भूखे ही रहना पड़ रहा है, क्योंकि बाहर निकलते ही मारपीट हो रही है. लोकल लोग लड़कियों से भी मारपीट कर रहे हैं.

डरे हुए हैं किर्गिस्तान में फंसे बच्चे 

बच्चों का कहना है पहले इंडियन स्टूडेंट्स का वापसी टिकट करीब 15-20 हजार रुपए में हो जाता था, लेकिन जब से हालात बिगड़े हैं, 50 हजार रुपए में फ्लाइट का टिकट हो रहा है. यह सभी के लिए संभव नहीं है. साथ ही बच्चों ने नाराजगी जताते हुए मीडिया से यह भी कहा है कि किर्गिस्तान से अपने स्टूडेंट्स को निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने फ्री ऑफ कास्ट फ्लाइट भेजी है! लेकिन भारत की सरकार अभी तक बेफिक्र नजर आ रही है. किर्गिस्तान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स ने भारत सरकार, इंडियन एंबेसी और विदेश मंत्री को सोशल मीडिया पर टैग किया, गुहार भी लगाई, लेकिन कुछ रिस्पॉन्स नहीं मिला. इस स्थिति में बच्चे ज्यादा निराश और डरे हुए हैं. 

हमले का शिकार हो रहे हैं स्टूडेंट 

जीतू पटवारी ने आगे कहा मुख्यमंत्री मोहन यादव से मैंने पहले भी उदाहरण देकर अनुरोध किया था, इसके बाद मध्यप्रदेश भाजपा सरकार मीडिया और बयानों में तो नजर आई, लेकिन बच्चों की बातों से हकीकत फिर सामने है.डबल इंजन कहां है, क्या कर रहा है? मुझे जानकारी मिली है कि बिश्केक में फ्लैट में रहने वाले बच्चों को कुछ मकान मालिक बाहर निकाल रहे हैं. जब वे बाहर जा रहे हैं, तो स्थानीय लोगों के हमले का शिकार हो रहे हैं! क्या आपको यह सब नहीं पता है?

जीतू पटवारी: मुख्यमंत्री क्यों खामोश हैं?

 हैरान बच्चों के साथ उनके परिजन भी बहुत परेशान हैं! सभी यह उम्मीद कर रहे हैं कि संकट के गंभीर दौर में मध्यप्रदेश के साथ केंद्र सरकार भी प्राथमिकता से पहल करेगी और बच्चों की सुरक्षित वापसी के प्रयास करेगी. लेकिन भाजपा सरकार के रवैए से बहुत निराशा हो रही है. पीड़ित परिवार जानना चाहते हैं कि चुनावी रैलियों में झूठ परोस रहे प्रधानमंत्री को हमारे भूखे बच्चों की चिंता क्यों नहीं है? मुख्यमंत्री क्यों खामोश हैं?


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