MP Shikshak Bharti 2025: हजारों युवाओं का टूटा सपना, MP शिक्षक भर्ती में बड़ा बवाल!आवेदन से पहले जानें ये जरूरी बातें

MP Shikshak Bharti 2025: मध्यप्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में 13 हजार से अधिक पदों टीचरों की भर्ती की जा रही है. कर्मचारी चयन मंडल यानी ईएसबी 13 हजार पदों के लिए शिक्षक वर्ग-3 भर्ती परीक्षा आयोजित करा रही है.

Update: 2025-07-19 11:23 GMT

MP Shikshak Bharti 2025

MP Shikshak Bharti 2025: मध्यप्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में 13 हजार से अधिक पदों टीचरों की भर्ती की जा रही है. कर्मचारी चयन मंडल यानी ईएसबी 13 हजार पदों के लिए शिक्षक वर्ग-3 भर्ती परीक्षा आयोजित करा रही है.

भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरु हो गई है. लेकिन भर्ती की प्रक्रिया में नियमों में किये बदलाव ने हज़ारों युवाओं के लिए चिंता खड़ा कर दी है. नए सिलेबस और पात्रता शर्तों से शिक्षक बनने का सपना देख रहे हज़ारों उम्मीदवार का सपना टूट सकता है. पात्रता, भाषा विकल्प और सिलेबस में बदलाव किये गए हैं. जिससे शिक्षक बनने के लिए हज़ारों उम्मीदवार अयोग्य घोषित हो जायेंगे. और इस साल शिक्षक बनने के सपने पर पाने फिर जाएगा. तो चलिए जानते हैं क्या तीन बड़े बदलाव किए गए हैं.

पात्रता में बदलाव

दरअसल, अब शिक्षक भर्ती के लिए सिर्फ वही उम्मीदवार आवेदन कर पाएंगे, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 1 अगस्त 2025 तक पूरी हो चुकी हो. यानी ऐसे उम्मीदवार जो डीएड/बीएड के आखिरी साल में हैं और उनका रिजल्ट नहीं आया है. वो इस साल आवेदन नहीं कर पाएंगे. पहले की भर्तियों में उम्मीदवारों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और काउंसलिंग के समय तक डिग्री पूरी करना अनिवार्य हुआ करता था. लेकिन इस बार 1 अगस्त तक ही मौका है. ऐसा करने से इस साल बीएड/डीएड परीक्षा देने वाले हज़ारों अभ्यर्थियों के अपात्र हो जाने की आशंका है.

अंग्रेजी हुआ कंपलसरी

 प्राथमिक शिक्षक (वर्ग 3) भर्ती प्रक्रिया की भाषा में भी बदलाव हुआ है. इस बार भाषा-1 में सिर्फ हिंदी और भाषा-2 में केवल अंग्रेजी रखी गई है. संस्कृत और उर्दू के विकल्प हटा दिए गए हैं. पहले अंग्रेजी ऑप्शनल होता था. भाषा-1 और भाषा-2 के रूप में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू में से विकल्प चुनने की सुविधा थी. लेकिन इस बार अंग्रेजी को कंपलसरी कर दिया गया है. जिन अभ्यर्थियों ने संस्कृत या उर्दू से TET पास की है, वे भी इस परीक्षा के लिए अपात्र हो गए हैं. 

सिलेबस में भी बदलाव

इसी तरह परीक्षा से ठीक पहले सिलेबस में भी बदलाव कर दिया गया है. बाल मनोविज्ञान और पर्यावरण जैसे सब्जेक्ट को हटा दिया गया है. इसके बदले विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय जोड़े गए हैं. इससे उम्मीदवारों को काफी समस्या होगी.




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