MP News: मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी में लागू हुई सेल्फ लर्निंग एन्ड एडवांसमेंट पॉलिसी, जानिए इससे क्या होगा लाभ

MP News: ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी ने अपने कार्मिकों के सतत् कौशल विकास, ज्ञान संवर्धन एवं शैक्षणिक उन्नयन को बढ़ावा देने के लिये स्व-अध्ययन तथा उन्नति नीति (सेल्फ लर्न‍िंग एन्ड एडवांसमेंट पॉलिसी) लागू की है

Update: 2025-07-10 04:04 GMT

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MP News: ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी ने अपने कार्मिकों के सतत् कौशल विकास, ज्ञान संवर्धन एवं शैक्षणिक उन्नयन को बढ़ावा देने के लिये स्व-अध्ययन तथा उन्नति नीति (सेल्फ लर्न‍िंग एन्ड एडवांसमेंट पॉलिसी) लागू की है। इस नीति के अंतर्गत अब सभी अभियंता व कार्मिक अपने नियमित कार्यालयीन कर्तव्यों के साथ-साथ कम्पनी के कार्यक्षेत्र से संबंधित विषयों में पार्ट-टाइम, ऑनलाइन अथवा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम (Certificate Courses), डिप्लोमा, डिग्री, एमटेक, एमबीए, बीटेक, एलएलबी, एलएलएम,एमसीए व पीएचडी जैसे अनेक शैक्षणिक कार्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे।

पॉवर जनरेटिंग कंपनी एक लर्निंग आर्गेनाइजेशन

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने कहा कि पॉवर जनरेटिंग कंपनी स्वयं को एक लर्निंग ऑर्गेनाइजेशन मानती है। कंपनी अपने कार्मिकों के व्यावसायिक विकास, ज्ञान विस्तार व शैक्षणिक प्रगति के लिए सतत् प्रतिबद्ध है।

नौकरी के साथ उच्च शिक्षा का लाभ

सेल्फ लर्न‍िंग एन्ड एडवांसमेंट पॉलिसी लागू होने से पावर जनरेटिंग कंपनी के कार्मिक को दोहरा लाभ होगा। वे अपने कार्यालयीन कार्यों के साथ ऑनलाइन, पार्ट-टाइम व दूरस्थ शिक्षा जैसे विकल्पों के साथ उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे। इससे कार्मिक के समय और बाहर जाकर अध्ययन करने की समस्या का समाधान होगा।

कैसे ले सकेंगे पाठ्यक्रम में प्रवेश

पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए इच्छुक अभियंता व कार्मिकों को मुख्य अभियंता मानव संसाधन एवं प्रशासन को निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये अधीक्षण अभियंता प्रशिक्षण को नीति समन्वयक नियुक्त किया गया है।

कार्मिकों को मिलेगी फीस में रियायत

कर्मचारियों को उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कम्पनी ने पाठ्यक्रम शुल्क का 50 प्रतिशत तक करने का प्रावधान भी रखा गया है। इसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रूपए होगी। यह सुविधा केवल मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों व संस्थानों से किए गए अनुमोदित पाठ्यक्रमों के लिए लागू होगी। 

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