लोकायुक्त टीम की बड़ी करवाई: 75 हजार की रिश्वत लेते हेड कांस्टेबल रंगेहाथों गिरफ्तार, जानें कितने की हुई थी डील

Update: 2025-10-17 09:55 GMT

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भोपाल। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के केवलारी थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष पटवा को जबलपुर लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधान आरक्षक पटवा ने एक FIR दर्ज करने के एवज में आवेदक से 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

सूत्रों के अनुसार, आरोपी प्रधान आरक्षक मनीष पटवा ने पहले ही 25 हजार की पहली किस्त ले ली थी। बुधवार को वह 75 हजार की दूसरी किस्त लेने वाला था, वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। प्रधान आरक्षक मनीष पटवा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13(1)(B) और 13(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

बताया जा रहा है कि, ठेकेदार नितिन पाटकर को राय कंस्ट्रक्शन के संचालक राहुल राय के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करानी थी। लेकिन आरक्षक पटवा ने इसके लिए मोटी रकम की मांग की। जिसके बाद शिकायतकर्ता ठेकेदार नितिन पाटकर ने बीते 8 अक्टूबर को जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

जिसके इस मामले की गहनता से जांच की गई और आरोप सही पाए जाने पर लोकायुक्त की टीम ने 16 अक्टूबर की शाम केवलारी थाना परिसर में ट्रैप कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस टीम में निरीक्षक उमा कुशवाहा, राहुल गजभिए, जितेंद्र यादव और बृजकिशोर नरवरिया जैसे नाम शामिल थे।

एसपी लोकायुक्त जबलपुर अंजूलता पटले से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिविल ठेकेदार नितिन पाटकर को नगर परिषद केवलारी से सीसी रोड तथा नाली निर्माण का ठेका मिला था। सिविल ठेकेदार नितिन पाटकर ने सिवनी की राय कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस निर्माण कार्य का दायित्व दिया था। राय कंस्ट्रक्शन के संचालक राहुल राय ने घटिया स्तर का निर्माण कार्य करते हुए सिविल ठेकेदार के साथ धोखाधड़ी की थी।

इस संबंध में उसने केवलारी थाने में शिकायत की थी। लोकायुक्त टीम अब यह भी जांच कर रही है कि क्या इस मामले में केवलारी थाने के अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी संलिप्त हैं। डीजी लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर जांच को विस्तार दिया गया है।

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