Indore News: पति पत्नी और वो की गजब कहानी: युवक ने किया मोहब्बत का ऐसा एग्रीमेंट, कोर्ट गया मामला तो जज हुए हक्के-बक्के

Indore News: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से बड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहाँ कोर्ट ने दुष्कर्म, गर्भपात और जान से मारने की धमकी देने के मामले में आरोपी को रिहा कर दिया है. एक एग्रीमेंट के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को निर्दोष घोषित किया है.

Update: 2024-05-07 09:03 GMT

Indore News: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से बड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहाँ कोर्ट ने दुष्कर्म, गर्भपात और जान से मारने की धमकी देने के मामले में आरोपी को रिहा कर दिया है. एक एग्रीमेंट के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को निर्दोष घोषित किया है.

क्या है मामला 

दरअसल, यह पूरा मामला भंवरकुआं थाने का है. 27 जुलाई 2021 को 29 साल की युवती ने प्रेमी चंद्रभान पंवार (34 वर्ष ) के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.  जिसमें युवती ने दुष्कर्म, गर्भपात और धमकाने के आरोप लगाए थे. शिकायत में युवती ने बताया 2019 में उसकी युवक से दोस्ती हुई थी और धीरे - धीरे ये प्यार में बदल गया. प्रेमी पहले से शादीशुदा था और उसका एक बच्चा भी है. लेकिन इसने यह बात छुपाकर रखी. साल 2020 में उसे इस बात जानकारी हुई. उसके बाद प्रेमी ने उसे 25 अप्रैल 2021 को एक कमरे में बुलाया और शारीरिक सम्बद्ध बनाये. जब गर्भवती हुई तो धोखे से गर्भपात करा दिया. इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. 

प्रेमी-प्रेमिका के बीच हुआ था एग्रीमेंट

इस मामले में कुछ दिनों पहले कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान आरोपी ने बताया कि वो पहले से शादीशुदा है और युवती को जानता है. दो साल से वो उसके साथ था. लेकिन रिलेशनशिप को लेकर उसने एक एग्रीमेंट कराया था. साल 15 जून 2021 को प्रेमी-प्रेमिका के बीच एक एग्रीमेंट हुआ था. 

एग्रीमेंट में क्या लिखा है? 

एग्रीमेंट में लिखा था कि प्रेमी 7 दिन अपनी पत्नी और 7 दिन प्रेमिका के साथ रहेगा और उसके लिए वो तैयार थी. इसके अलावा पहले से शादीशुदा है. साथ ही उसका एक बच्चा भी है ये सभी बातें एग्रीमेंट में लिखी गयी थी. 

एग्रीमेंट के आधार पर आरोपी बरी 

15 जून 2021 को एक एग्रीमेंट हुआ था और इसके बाद युवती ने केस दर्ज कराया. कोर्ट का कहना है युवती ये जानते हुए भी कि प्रेमी शादीशुदा है और उसने इसका गर्भपात कराया है. उसके साथ रहने को तैयार थी. यह आपसी सहमति से हुआ है ऐसे में आरोपी को दोषी नहीं माना जा सकता. इसके बाद कोर्ट ने 25 अप्रैल को आरोपी निर्दोष घोषित कर बरी कर दिया.

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