High Court Lawyer Suicide: हाईकोर्ट के मशहूर वकील का फंदे से लटका मिला शव, पास में पड़ी मिली जन्म कुंडली, हत्या या आत्महत्या जांच में जुटी पुलिस

High Court Lawyer Suicide: ग्वालियर शहर के जाने - माने वकील सुरेश अग्रवाल का संदिग्ध परिस्थिति में लाश मिली है. वकील सुरेश अग्रवाल का शव फ्लैट में फांसी के फंटे पर लटका मिला है.

Update: 2024-10-14 10:10 GMT
High Court Lawyer Suicide: हाईकोर्ट के मशहूर वकील का फंदे से लटका मिला शव, पास में पड़ी मिली जन्म कुंडली, हत्या या आत्महत्या जांच में जुटी पुलिस
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High Court Lawyer Suicide: मध्यप्रदेश के ग्वालियर से हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. ग्वालियर शहर के जाने - माने वकील सुरेश अग्रवाल का संदिग्ध परिस्थिति में लाश मिली है. वकील सुरेश अग्रवाल का शव फ्लैट में फांसी के फंटे पर लटका मिला है. 

फ्लैट से मिली वकील की लाश

जानकारी के मुताबिक़, मामला विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के बलवंत नगर का है. ग्वालियर हाईकोर्ट के मशहूर वकील सुरेश अग्रवाल रविवार को सुबह 9 बजे घर से इंदरगंज क्षेत्र में स्थित अपने ऑफिस  निकले थे. लेकिन वकील सुरेश अग्रवाल ऑफिस ही नहीं पहुंचे और न ही घर लौटे. रविवार को दिनभर गायब रहे. कई बार उन्हें फोन किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. 

इसके बाद उनकी तालाशी छानीबीन शुरू की गयी. सुरेश अग्रवाल के परिवार और उनके साथी वकील किसी को उनके बारे में नहीं पता था. देर शाम परिजन सुरेश अग्रवाल को ढूंढते हुए थाना विश्वविद्यालय क्षेत्र के बलवंत नगर स्थित मनोहर एन्क्लेव के फ्लैट पहुंचे. जैसे उन्होंने कमरे में गए वकील सुरेश अग्रवाल का शव फांसी के फंदे से लटका मिला. इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. 

तनाव में थे 

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है. फिलहाल मामला आत्महत्या का लग रहा है. हालाँकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही इसका खुलासा हो पायेगा. वही मौके से जन्मकुंडली और भविष्य से जुड़ी सामग्री मिली है. परिजनों का कहना है सुरेश अग्रवाल कई दिनों से तनाव में थे. वे मानसिक रूप से परेशान थे. लेकिन क्यों इस बारे में किसी को पता नहीं था. 

बता दें, सुरेश अग्रवाल ने ग्वालियर के जाने माने वकील हैं. उन्होंने कई बड़े केस सुलझाए हैं. सुरेश अग्रवाल ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा से जुड़े मामले में स्वतंत्र याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी की थी. दो साल पहले सेंट पॉल चर्च के फादर थॉमस थन्नॉट से भी जुड़े थे. उनके ही याचिका पर फादर थॉमस थन्नॉट के शव को पोस्टमार्टम के लिए कब्र से निकाला गया था. आर्य समाज में बिना माता-पिता की अनुमति से होने वाली शादियों को भी अदालत में चुनौती दी थी. 

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