CBI Action Jabalpur : जबलपुर : CGST रिश्वतकांड में बड़ी कार्रवाई, असिस्टेंट कमिश्नर और इंस्पेक्टर को CBI ने भेजा जेल, अधीक्षक की तलाश जारी

CBI Action Jabalpur : मध्य प्रदेश के जबलपुर में सेंट्रल जीएसटी (CGST) विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है।

Update: 2025-12-23 05:51 GMT

CBI Action Jabalpur : जबलपुर : CGST रिश्वतकांड में बड़ी कार्रवाई, असिस्टेंट कमिश्नर और इंस्पेक्टर को CBI ने भेजा जेल, अधीक्षक की तलाश जारी

Jabalpur CGST Bribery Case : जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सेंट्रल जीएसटी (CGST) विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। सीबीआई की विशेष अदालत के निर्देश पर गिरफ्तार किए गए असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा और इंस्पेक्टर सचिन खरे को न्यायिक हिरासत (ज्यूडिशियल कस्टडी) में जेल भेज दिया गया है। इस पूरे मामले में शामिल तीसरे आरोपी, सेंट्रल जीएसटी के अधीक्षक (Superintendent) मुकेश बर्मन की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

Jabalpur CGST Bribery Case : 4 लाख रुपये की घूस और रंगेहाथों गिरफ्तारी

पूरा मामला बीते बुधवार का है, जब सीबीआई की टीम ने जबलपुर स्थित सीजीएसटी कार्यालय में छापेमारी की थी। जांच एजेंसी को शिकायत मिली थी कि विभाग के अधिकारी एक कारोबारी से काम के बदले मोटी रकम की मांग कर रहे हैं। योजना के अनुसार, सीबीआई ने जाल बिछाया और असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा और इंस्पेक्टर सचिन खरे को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।

Jabalpur CGST Bribery Case : यह गिरफ्तारी इतनी अचानक हुई कि विभाग के अन्य अधिकारियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। सीबीआई की इस कार्रवाई से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है।

बैंक खातों और फोन कॉल से खुले कई राज

गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे कड़ी पूछताछ की। इस दौरान जांच एजेंसी ने उनके मोबाइल फोन और बैंक अकाउंट्स को खंगाला। सूत्रों के मुताबिक, फोन कॉल रिकॉर्ड्स और बैंक लेनदेन से कई ऐसे राज सामने आए हैं जो विभाग के अन्य अधिकारियों की मिलीभगत की ओर भी इशारा कर रहे हैं।

सीबीआई ने आरोपियों के घर और दफ्तरों पर भी छापेमारी की, जहाँ से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अधिकारियों के बैंक लॉकर और संपत्ति के कागजातों की भी गहराई से जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने भ्रष्टाचार के जरिए कितनी काली कमाई जमा की है।

तीसरे आरोपी की तलाश और फरार होने का डर

इस रिश्वतकांड में केवल दो ही अधिकारी शामिल नहीं थे। जांच में सेंट्रल जीएसटी के अधीक्षक मुकेश बर्मन का नाम भी प्रमुखता से सामने आया है। सीबीआई के शिकंजा कसते ही मुकेश बर्मन फरार हो गया है। सीबीआई की अलग-अलग टीमें उसकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। एजेंसी को अंदेशा है कि मुकेश बर्मन के पास इस गिरोह से जुड़े कई और अहम सबूत हो सकते हैं।

न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए आरोपी

सीबीआई ने शुरुआती पूछताछ और रिमांड पूरी होने के बाद असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा और इंस्पेक्टर सचिन खरे को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता और सबूतों को देखते हुए दोनों ही आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब जांच एजेंसी इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता चार्जशीट तैयार करने में जुटी है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश

जबलपुर में हुई इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। सीजीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विभाग में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों का रिश्वत लेना न केवल सरकारी छवि को धूमिल करता है, बल्कि व्यापारिक समुदाय के बीच भी डर पैदा करता है। इस कार्रवाई के बाद से जबलपुर के व्यापारियों ने राहत की सांस ली है, वहीं भ्रष्ट अधिकारियों में खौफ का माहौल है।

सीबीआई की जांच अब इस दिशा में बढ़ रही है कि क्या इन अधिकारियों ने पहले भी इस तरह की वसूली की है और क्या इस रैकेट में कोई और बड़ा चेहरा शामिल है। आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

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