सरगुजा राजपरिवार की अभिभावक राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव का अंतिम संस्कार तीन बजे.. प्रदेश और देश से पहुँच रहे लोग.. देंगे श्रद्धांजलि

Update: 2020-02-12 05:17 GMT

अंबिकापुर,12 फ़रवरी 2020। सरगुजा राजपरिवार की अभिभावक राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव का पार्थिव शरीर अब से कुछ देर बाद अनंत में विलीन हो जाएगा। सरगुजा पैलेस की ओर से जानकारी दी गई है कि, 11 बजे विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर अंबिकापुर लाया जाएगा। कोठी घर में जनता उन्हें श्रद्धांजलि देगी, जिसके बाद ठीक तीन बजे उन्हें रानी तालाब स्थित पैलेस के सदस्यों के अंतिम संस्कार के लिए आरक्षित स्थल पर ले ज़ाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
सरगुजा राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव हिमाचल के जुब्बल रियासत की राजकुमारी थीं। उनका विवाह सरगुजा राजपरिवार में महाराजा मदनेश्वर शरण सिंहदेव से हुआ था। एम एस सिंहदेव एकीकृत मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव और फिर योजना मंडल के उपाध्यक्ष थे।
सरगुजा में श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव ने राजनीतिक जीवन में पदार्पण 66 के बाद तब किया जबकि उनके ससुर अंबिकेश्वर शरण सिंहदेव का अवसान हुआ। ऐसे में सरगुजा में पैलेस की जनमानस के बीच उपस्थिति और हर आमो ख़ास के बीच श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव पूरे अपनत्व के साथ मौजुद रहीं, सरगुजा पैलेस का रिश्ता जो आम जनता से बना रहा उसके पीछे बेहद अहम कारण श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव की वह भुमिका थी जिसने उन्हें सरगुजा के जनमानस से लगातार जोड़े रखा।
कांग्रेस की शिर्षस्थ नेता श्रीमती इंदिरा गाँधी से उनके बेहद निकट संबंध थे।एकीकृत मध्यप्रदेश में वे दो बार मंत्रीमंडल की सदस्य रहीं थीं। सियासत में सरगुजा पैलेस की ताक़त कभी कम नहीं हुई, राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव, आज के कई दिग्गजों के लिए प्रथम गुरु और माँ ही थीं।
आज जबकि उनके अंतिम संस्कार का दिन है तो ज़ाहिर है लोगों की भीड़ पैलेस के इर्द गिर्द लगने लगी है। उन्हें अंतिम विदा देने वालों में कई राजनैतिक दिग्गज मौजूद रहेंगे।

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