Jharkhand News: झारखंड की ‘लेडी टार्जन’ चामी मुर्मू को पद्म पुरस्कार, लगाए 30 लाख से ज्यादा पौधे

Jharkhand News: झारखंड की लेडी टार्जन के नाम से मशहूर चामी मुर्मू का नाम भी शामिल है. 52 साल की चामी मुर्मू को सामाजिक कार्य (पर्यावरण - वनरोपण) में पद्मश्री सम्मानित किया गया है.

Update: 2024-01-26 05:35 GMT

Jharkhand News: आज भारत देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस पहले गुरुवार शाम को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गयी है. जिसमें झारखंड की लेडी टार्जन के नाम से मशहूर चामी मुर्मू का नाम भी शामिल है. 52 साल की चामी मुर्मू को सामाजिक कार्य (पर्यावरण - वनरोपण) में पद्मश्री सम्मानित किया गया है.

झारखंड के सरायकेला खरसावां की रहने वाली आदिवासी महिला 52 वर्षीय चामी मुर्मू जिन्हें लेडी टार्जन भी कहा जाता है. चामी मुर्मू ने 30 साल पहले पर्यावरण के एक छोटी पहल शुरू की थी और आज इसकी वजह से महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आया. 1988 में जब वन माफियाओं की ओर से पेड़-पौधों के अंधाधुंध कटाई और तस्करी हो रही थी. इससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होने लगी थी. ग्रामीणों को जलाने के लिए लकड़ी मिलना मुश्किल हो गया था.

जिसके बाद मुर्मू ने गाँव की 10 महिलाओं के सहायता से पर्यावरण संरक्षण के काम करना शुरू किया. इस काम इनके साथ और भी कई लोग जुड़ते गए. जिसका परिणाम ये हुआ कि चामी मुर्मू ने लोगों की सहायता से अबतक 30 लाख से ज्यादा पौधे लगा लिए हैं. लकड़ियों की अवैध कटाई रोकने और नक्सल गतिविधियों से सुरक्षा, वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर चामी कई सालों से काम कर रही हैं. इसलिए इन्हे लेडी टार्जन भी कहा जाता है.

चामी मुर्मू अपने एनजीओ ‘सहयोगी महिला’ के तहत महिलाओं के स्वास्थ, एनीमिया, कुपोषण से मुक्ति और बालिकाओं की शिक्षा पर भी काम कर रही है. पर्यावरण के संरक्षण को लेकर अब तक  2800 स्वयं सहायता समूह बनाया गया है. इस स्वयं सहायता समूह 28 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार का अवसर मिला है. इनके सराहनीय काम के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, एनसीसी झारखंड बटालियन, टाटा पावर,नेहरू युवा केंद्र द्वारा इन्हें पुरस्कारित भी किया गया है.

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