US-China Tariff War: अमेरिका ने लगाया 104% टैरिफ, चीन बोला- 'आखिरी दम तक लड़ेंगे', जानिए अब क्या होगा?
Trump Tariff News: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर तनातनी चरम पर पहुंच गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज, 9 अप्रैल 2025 से चीनी सामानों पर 104 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया है।

Trump Tariff News: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर तनातनी चरम पर पहुंच गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज, 9 अप्रैल 2025 से चीनी सामानों पर 104 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया है। यह कदम ट्रंप की उस चेतावनी के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर चीन अपने 34 फीसदी जवाबी टैरिफ को 8 अप्रैल तक वापस नहीं लेता, तो अमेरिका 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। चीन ने इस धमकी को ठुकराते हुए 'लड़ाई जारी रखने' का ऐलान किया। इसके जवाब में व्हाइट हाउस ने नया टैरिफ लागू कर दिया। दूसरी ओर, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि उनका देश इस आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आइए जानते हैं इस टैरिफ वॉर की पूरी कहानी और इसके वैश्विक प्रभाव।
अमेरिका ने चीनी आयात पर 104 फीसदी टैरिफ को तीन चरणों में लागू किया है:
- 20% टैरिफ: इस साल की शुरुआत में फेंटेनाइल तस्करी रोकने के लिए लगाया गया।
- 34% टैरिफ: 2 अप्रैल को 'रिसिप्रोकल टैरिफ' के तहत जोड़ा गया, जिसे ट्रंप ने 'लिबरेशन डे' करार दिया।
- 50% टैरिफ: 9 अप्रैल से लागू नया टैरिफ, जो चीन के 34% जवाबी टैरिफ के खिलाफ प्रतिक्रिया है।
इन तीनों को मिलाकर अब चीनी सामानों पर कुल 104 फीसदी टैक्स लगेगा। यह अमेरिकी इतिहास में सबसे ऊंचे टैरिफ में से एक है, जो दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध को और गहरा कर रहा है।
चीन का करारा जवाब
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने अमेरिकी कदम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे 'एकतरफा संरक्षवाद' और 'आर्थिक दबाव' करार देते हुए कहा, "चीन ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। हमारी आर्थिक नीतियां बाहरी प्रभावों को झेलने में सक्षम हैं।" ली ने जोर देकर कहा कि बीजिंग अपनी आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए 'असाधारण कदम' उठाएगा, जिसमें घरेलू खपत को बढ़ावा देना और रिजर्व नीतियां लागू करना शामिल है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा, "हम अंत तक लड़ेंगे। यह अमेरिकी धौंसबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
टैरिफ वॉर की शुरुआत
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब ट्रंप ने चीनी सामानों पर 34 फीसदी टैरिफ की घोषणा की। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 34 फीसदी टैरिफ लगा दिया। ट्रंप ने इसे 'अनुचित व्यापार प्रथा' करार देते हुए 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी। 8 अप्रैल तक चीन के पीछे न हटने पर अमेरिका ने 104 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया। दोनों देशों के बीच यह तनाव अब वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन रहा है।
वैश्विक और भारतीय प्रभाव
- अमेरिका: विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों का सामना करना पड़ेगा। स्टॉक मार्केट में भी गिरावट देखी जा रही है।
- चीन: निर्यात पर निर्भर चीनी अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, इससे चीन की GDP ग्रोथ 1.5-2% तक कम हो सकती है।
- भारत: भारत जैसे देशों को फायदा हो सकता है, क्योंकि कंपनियां चीन से बाहर उत्पादन इकाइयां स्थानांतरित कर सकती हैं। हालांकि, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने से भारत में भी महंगाई बढ़ सकती है।