Global Market Crash: ट्रंप के टैरिफ से वैश्विक बाजार में कोहराम, भारत में 10 लाख करोड़ स्वाहा- जानिए पूरी रिपोर्ट

Global Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 को वॉल स्ट्रीट से लेकर भारतीय शेयर बाजार तक भारी बिकवाली देखी गई।

Update: 2025-04-05 06:22 GMT

Global Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 को वॉल स्ट्रीट से लेकर भारतीय शेयर बाजार तक भारी बिकवाली देखी गई। अमेरिकी बाजारों में दो दिनों में निवेशकों के 5 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 428 लाख करोड़ रुपये) डूब गए, वहीं भारत में एक ही दिन में 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह गिरावट 2020 की कोरोना महामारी के बाद सबसे बड़ी मानी जा रही है। ट्रंप के इस कदम से ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है, जिसका असर भारत सहित दुनियाभर के बाजारों पर पड़ रहा है।

अमेरिकी बाजार में तबाही

ट्रंप की पारस्परिक टैरिफ घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल मची हुई है।

  1. डॉव जोन्स: शुक्रवार को 2,231 अंक (5.5%) की गिरावट के साथ 38,314.86 पर बंद हुआ।
  2. S&P 500: 6% की गिरावट के साथ यह सूचकांक मार्च 2020 के बाद सबसे खराब दो दिवसीय बिकवाली का गवाह बना। यह अब अपने फरवरी 2025 के शिखर से 17% नीचे है और तकनीकी रूप से 'करेक्टेड' क्षेत्र में है।
  3. नैस्डैक: 5.8% की गिरावट के साथ यह 'बेयर मार्केट' में प्रवेश कर गया, जो लगातार कीमतों में गिरावट का संकेत है। यह अपने दिसंबर 2024 के उच्चतम स्तर से 22.7% नीचे है।

इस बिकवाली का कारण ट्रंप का 180 से अधिक देशों पर 10% से 50% तक के टैरिफ लगाने का फैसला है। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी आयात पर 34% टैरिफ लगाया, जिससे वैश्विक ट्रेड वॉर की आशंका गहरा गई।

भारतीय बाजार पर असर

ट्रंप के टैरिफ का असर भारतीय शेयर बाजार से भी नहीं बचा। 4 अप्रैल को भारी बिकवाली के चलते:

  1. सेंसेक्स: 930.67 अंक (1.22%) गिरकर 75,364.69 पर बंद हुआ।
  2. निफ्टी: 345.65 अंक (1.49%) की गिरावट के साथ 22,904.45 पर आ गया।
  3. नुकसान: निवेशकों की संपत्ति में करीब 10 लाख करोड़ रुपये की कमी आई। सेंसेक्स के 30 में से 24 शेयर लाल निशान में बंद हुए।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के ऑटो, टेक्सटाइल और जेम्स-ज्वेलरी जैसे निर्यात-निर्भर क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इससे कीमतें बढ़ेंगी और व्यापार घाटा गहरा सकता है।

क्यों आई यह गिरावट?

ट्रंप ने 2 अप्रैल को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में नई टैरिफ नीति की घोषणा की, जिसमें सभी आयात पर कम से कम 10% टैरिफ और कुछ देशों पर 34% तक की दरें शामिल हैं। इसके जवाब में चीन ने तुरंत पलटवार करते हुए अमेरिकी सामानों पर 34% टैरिफ लगा दिया। इससे निवेशकों में डर फैल गया कि यह ट्रेड वॉर वैश्विक मंदी को ट्रिगर कर सकता है।

  • अमेरिकी डेटा: S&P 500 का मौजूदा मूल्य 505.28 USD है (4 अप्रैल को 6% गिरावट के बाद), जो इसके साल के उच्चतम स्तर 613.23 USD से काफी नीचे है।
  • वैश्विक प्रभाव: जापान का निक्केई 2.8% और यूरोप का STOXX 600 2.57% गिरा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह अनिश्चितता कुछ समय तक बनी रहेगी। JPMorgan ने चेतावनी दी है कि ये टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी में धकेल सकते हैं, जिसका असर भारत जैसे उभरते बाजारों पर भी पड़ेगा। हालांकि, कुछ का कहना है कि भारत को चीन की तुलना में कम टैरिफ (26% बनाम 54%) का सामना करना पड़ रहा है, जिससे भारतीय निर्यात प्रतिस्पर्धी रह सकता है। निवेशकों को सतर्क रहने और वैश्विक घटनाक्रम पर नजर रखने की सलाह दी जा रही है।

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