Myanmar-Thailand Earthquake: म्यांमार-थाईलैंड में 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप का कहर, अब तक 20 की मौत, सैकड़ों लापता, 30 मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढेर
Myanmar-Thailand Earthquake:म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का खतरनाकज भूकंप आया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था और इसका केंद्र मांडले शहर के पास स्थित था।

Myanmar-Thailand Earthquake: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार, 28 मार्च 2025 को आए दो शक्तिशाली भूकंपों ने भारी तबाही मचाई। पहला झटका भारतीय समयानुसार सुबह 11:52 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.2 थी। इसके बाद दोपहर 12 बजे दूसरा और भी तेज झटका लगा, जिसकी तीव्रता 7.7 मापी गई। इन झटकों ने म्यांमार को हिलाकर रख दिया और थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इमारतें भरभराकर गिर गईं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग लापता हैं। बचाव अभियान तेजी से चल रहा है।
म्यांमार में मांडले मस्जिद ढही, 10 की मौत
म्यांमार के मांडले में भूकंप के दौरान एक मस्जिद ढह गई, जिसमें कम से कम 10 लोगों की जान चली गई। स्थानीय मीडिया ‘खित थित’ के अनुसार, मांडले की एक यूनिवर्सिटी में भूकंप के बाद आग लग गई, जिससे नुकसान और बढ़ गया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने बताया कि भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। इसका केंद्र 22.01 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 95.92 डिग्री पूर्वी देशांतर पर सतह से सिर्फ 10 किलोमीटर की गहराई पर था। मांडले पैलेस के किले सहित कई ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुंचा। मांडले और यांगून को जोड़ने वाली सड़कें टूट गईं, जिससे आवागमन ठप हो गया।
A new high-rise building being constructed in Chatuchak, near the world’s largest weekend market, did not manage to survive the earthquake and collapsed quite massively! Hopefully no one got killed or badly inured. pic.twitter.com/ukyCEBXn7i
— Joseph Çiprut (@mindthrust) March 28, 2025
थाईलैंड में 30 मंजिला इमारत जमींदोज
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत पल भर में ढह गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 43 लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत के गिरते ही धूल का गुबार छा गया और लोग चीखते-चिल्लाते भागने लगे। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने बैंकॉक में आपातकाल घोषित कर दिया। सेना को राहत और बचाव कार्यों के लिए बुलाया गया है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम जारी है।
पड़ोसी देशों में भी असर
भूकंप का असर म्यांमार और थाईलैंड तक सीमित नहीं रहा। लाओस की राजधानी वियनतियाने में तीन मंजिल से ऊंची इमारतों में तेज कंपन महसूस हुआ। वियतनाम के हनोई और हो ची मिन्ह सिटी में भी ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग डर के मारे बाहर निकल आए। म्यांमार की राजधानी यांगून में भी आपातकाल लागू कर दिया गया है। आम लोगों के बाहर निकलने पर रोक है और सिर्फ बचाव दलों को काम करने की इजाजत दी गई है।
राहत और बचाव में जुटे दल
म्यांमार अग्निशमन सेवा विभाग ने बताया कि यांगून और ने पी ताव में बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। ने पी ताव में कई स्कूल और ऑफिस की इमारतें ढह गईं। थाईलैंड में भी सेना और आपदा प्रबंधन टीमें मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटी हैं। म्यांमार में सड़कों के अवरुद्ध होने से राहत कार्यों में मुश्किल हो रही है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
भूकंप की गहराई सिर्फ 10 किलोमीटर होने के कारण इसका असर ज्यादा व्यापक और विनाशकारी रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि म्यांमार सागाइंग फॉल्ट लाइन पर स्थित है, जो इसे भूकंप के लिए संवेदनशील बनाता है। दूसरा झटका 7.7 की तीव्रता के साथ और खतरनाक साबित हुआ।