दोस्त को कुलपति बनाने गृहमंत्री अमित शाह बन राज्यपाल को किया फोन…….सेना के विंग कमांडर सहित दो गिरफ्तार…. अनूठे प्रकरण ने पुलिस के उड़ाये होश

Update: 2020-01-11 06:18 GMT

जबलपुर 11 जनवरी 2020। मध्य प्रदेश में अपने दोस्त को एक विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त कराने एक शख्स ने किसी अफसर या मंत्री को नहीं, बल्कि सीधे राज्यपाल को ही आदेश दे डाला। मामला मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का है, जहां कुलपति के पद पर नियुक्ति की जानी थी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम पर राज्यपाल लालजी टंडन को फोन करने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें एक दिल्ली में तैनात सैन्य अधिकारी है.विशेष कार्य बल (STF) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) अशोक अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि जबलपुर के आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कुलपति के लिए आवेदन मंगाए गए थे. भोपाल निवासी डा चंद्रेश शुक्ला ने भी आवेदन किया था और साक्षात्कार भी हो चुका था. शुक्ला ने अपने मित्र विंग कमांडर कुलदीप वाघेला से मदद मांगी था.

एसटीएफ ने इस मामले में धारा 419 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एसटीएफ एडीजी के मुताबिक एयरफोर्स का विंग कमांडर कुलदीप वाघेला पहले मध्य प्रदेश के राज्यपाल निवास पर तैनात रह चुका है, इसलिए उसे जानकारी थी कि फोन पर राज्यपाल से बात कैसे हो पाएगी. उसने इसी का फायदा उठाने की कोशिश की लेकिन पकड़ा गया.

एडीजी अवस्थी ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच की गई. उसके बाद वाघेला को दिल्ली से और डॉ. शुक्ला को भोपाल से गिरफ्तार कर लिया गया. इस बात की जांच की जा रही है कि इन लोगों ने इस तरह किसी और को तो धोखा नहीं दिया है.

दरअसल जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति होनी थी. इस पद के लिए भोपाल के साकेत नगर इलाके में रहने वाले डॉक्टर चंद्रेश कुमार शुक्ला ने भी अपना बायोडाटा दिया था. एक दिन डॉक्टर शुक्ला ने दिल्ली में पदस्थ अपने दोस्त एयरफोर्स के विंग कमांडर कुलदीप वाघेला से बातचीत की और कहा कि क्या वो किसी बड़े आदमी से राज्यपाल को फोन लगवा सकता है? इस पर कुलदीप ने कहा कि वह गृह मंत्री अमित शाह से फोन लगवा कर राज्यपाल से बात करवा देगा.

कुलदीप जब इसमें सफल नहीं हो पाया तो उसने खुद ही गृह मंत्री अमित शाह बन राज्यपाल लालजी टण्डन को फोन लगा दिया और राज्यपाल को आदेश देते हुए डॉक्टर चंद्रेश कुमार शुक्ला को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनाने के लिए कहा. जब राज्यपाल को आवाज और बात करने के लहजे पर संदेह हुआ तो उन्होंने इसकी जानकारी स्टाफ को दी. इसके बाद राज्यपाल के स्टाफ ने गृह मंत्री के दिल्ली स्थित दफ्तर और निवास से ऐसी किसी फोन कॉल की जानकारी ली तो पता चला कि गृह मंत्री ने ऐसा कोई फोन कॉल किया ही नहीं.

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