Why Japanese Still Fit After Eating Rice Daily: चावल खाकर भी दुबले-पतले और फिट कैसे रहते हैं जापान के लोग? जानिए कारण...

Why Japanese Still Fit After Eating Rice Daily: सही है ना! लेकिन ये भी ज़रूर देखा होगा कि जापानी चावल खाकर भी फिट और दुबले-पतले रहते हैं। और ये बात आंकड़ों में भी दर्ज है कि जापानी आज के दौर में सबसे स्वस्थ और फिट लोगों में शुमार हैं...बार-बार चावल खाने के बाद भी! कैसे?

Update: 2025-06-24 12:07 GMT

Why Japanese Still Fit After Eating Rice Daily:  आपने अपने बच्चों के साथ जितने भी जापानी कार्टून शोज़ जैसे शिन चैन, निन्जा हथौड़ी, डोरेमाॅन या दूसरे ऐनीमे देखे होंगे, उन सभी में ये जरूर मार्क किया होगा कि जापानी लोग दिन भर में कई बार चावल खाते हैं। सही है ना! लेकिन ये भी ज़रूर देखा होगा कि जापानी चावल खाकर भी फिट और दुबले-पतले रहते हैं। और ये बात आंकड़ों में भी दर्ज है कि जापानी आज के दौर में सबसे स्वस्थ और फिट लोगों में शुमार हैं...बार-बार चावल खाने के बाद भी! कैसे? चलिए आपको बताते हैं इसका कारण।

जापानी रखते हैं मात्रा का ध्यान

सामान्य तौर पर जापानी लोग दिन दो से तीन बार चावल खाते हैं। इस लिहाज़ से उनका मोटापा जरूर बढ़ जाना चाहिए, क्योंकि हमारे यहां तो चावल को मोटापा बढ़ाने वाले सबसे ज़िम्मेदार आहारों में शामिल किया जाता है। लेकिन जापानी तो दुबले-पतले हैं? भला क्यों?

दरअसल जापानी लोग चावल खाते वक्त उसकी मात्रा का विशेष ध्यान रखते हैं। वे इतना ही चावल खाते हैं जिससे 200 कैलोरी से अधिक ना मिले। इसलिए चावल खाने के बावजूद वे मोटे नहीं होते।

चावल से पहले सूप

अपने कार्टून शोज़ में देखा होगा कि जापानी लोग खाना खाने से पहले एक कटोरा सूप जरूर पीते हैं। ये सूप पेट को भर देता है, संतुष्टि भी देता है और कैलोरी इंटेक को भी कम कर देता है। इसलिए बाद में चावल खाने के बावजूद जापानी लोग स्लिम बने रहते हैं।

जंक फूड से दूरी

जापानियों की खास बात ये है कि वे जंक फूड से दूरी रखते हैं। वे अपनी छोटी-मोटी भूख के लिए ऐसी चीज़ें नहीं खाते जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हों। कहना तो ये चाहिए कि वे स्नैकिंग को ही अवाॅइड करते हैं।

एक्टिव लाइफस्टाइल

जापानी खूब पैदल चलते हैं और अपने छोटे-मोटे काम तो वे पैदल जाकर ही निपटाते हैं। और थोड़ा दूर जाना हो तो साइकिल से चलते हैं। एक्टिव लाइफस्टाइल निश्चित रूप से उन्हें फिट रखती है, चावल खाने के बाद भी।

फर्श पर बैठना

अपने शिनचैन में देखा होगा की शिन-चैन का पूरा परिवार एक टेबल के इर्द-गिर्द जमीन पर बैठकर खाना खाता है। जमीन पर उठने और बैठने से उनका व्यायाम भी होता है और अंदरूनी मसल्स की मालिश भी हो जाती है। जापानी आमतौर पर लेटने के लिए भी जमीन पर बिस्तर डालते हैं। जमीन पर उठना-बैठना और ग्राउंडिंग की ये हैबिट उनके स्वास्थ्य को अच्छा रखती है।

थाली में अनाज ना छोड़ने की हैबिट

जापानी लोग थाली में अनाज छोड़ने को सही नहीं मानते। थाली में अन्न का एक भी दाना ना छूटे, यही उनके लिए सम्मान की बात है। इसलिए स्वाभाविक रूप से वे खाने की मात्रा सीमित रखते हैं जिससे भोजन की समाप्ति पर थाली में खाना न छूटे। उनकी यह आदत उन्हें भोजन को सीमित मात्रा लेने के लिए प्रेरित करती है और इसलिए वे फिट भी रहते हैं।

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