Triphala Churna Benefits And Side Effects: रोज़ त्रिफला चूर्ण के सेवन के हैं ये कमाल के फायदे, सेवन की मात्रा, तरीका और नुकसान भी जानें...

Triphala Churna Benefits And Side Effects: रोज़ त्रिफला चूर्ण के सेवन के हैं ये कमाल के फायदे, सेवन की मात्रा, तरीका और नुकसान भी जानें...

Update: 2024-03-22 15:12 GMT

Triphala Churna Benefits And Side Effects: ऐसी आयुर्वेदिक दवा जिसे आमतौर पर हमारे यहां घर-घर में अपनाया जाता है वो है त्रिफला चूर्ण। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला शरीर में वात,पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करता है। आमतौर पर त्रिफला को गैस और कब्ज़ की परेशानी होने पर खाने का चलन है लेकिन त्रिफला के फायदे इससे कहीं ज्यादा है। तीन फलों आंवला, बिभीतकी (बहेड़ा) और हरीतकी (हरड़) को मिलाकर

तैयार किया जाने वाला त्रिफला कब्ज़ और गैस की समस्या का निराकरण करने के अलावा वजन कम करने, डायबिटीज़, हार्ट, स्किन से जुड़ी समस्याओं , मूत्र विकार आदि को भी ठीक करता है। चलिए जानते हैं इसके बेजोड़ फायदे और कुछ सावधानियों पर भी बात करेंगे।

लेख में आगे पढ़ें

  • त्रिफला के सेवन के फायदे
  • त्रिफला के सेवन की मात्रा और तरीका
  • त्रिफला के सेवन के नुकसान
  • त्रिफला के फायदे

फैट घटाने में मददगार

त्रिफला मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। कैलोरी को तेजी से बर्न करता है और बाॅडी को डिटाॅक्स करता है। जब बाॅडी की अनावश्यक कैलोरी जल जाती है, आंतों में जमी गंदगी और हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाते है तो इसका फायदा वजन और फैट कम करने में मिलता है।

आंखों के लिये फायदेमंद

त्रिफला कमजोर दृष्टि में सुधार कर दृष्टि को तेज बनाता है। यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है जिससे दृष्टि अधिक आयु तक भी कमजोर नहीं होती। यही नहीं, यह ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी आंखों की बीमारियों के होने की संभावना घटाता है। आयुर्वेद के अनुसार आप रात को दो चम्मच त्रिफला पानी में घोल कर छोड़ दें और सुबह इस पानी को छानकर यदि इससे आंखें धोएं। नियमित उपयोग से आंखों की रौशनी बढ़ती है। त्रिफला भिगोने के लिए आप तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा।

दांत और मसूड़े के लिए फायदेमंद

त्रिफला दांतों को कैविटी से बचाने और मसूड़ों को सुरक्षित रखने में भी मददगार है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो दांतों में प्लाक बिल्डअप को धीमा करते हैं। आप त्रिफला चूर्ण को रात भर पानी में गलाकर छोड़ दें और सुबह इसके पानी को छानकर कुल्ला करें तो मसूढ़ों को मजबूती मिलती है। उनकी सूजन से भी आराम मिलता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

त्रिफला आपकी इम्यूनिटी को इंप्रूव करता है। इसमें विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो रोगों से लड़ने की आपकी क्षमता बढ़ाते हैं। इसके रोगाणुरोधी गुण कई तरह के रोगाणुओं से आपकी रक्षा करते हैं।

एंटी एजिंग गुणों की खान है त्रिफला

ढलती उम्र के साथ घटता कोलेजन स्किन को ढीला, झुर्रिदार बना देता है। त्रिफला के सेवन से एजिंग इफेक्ट धीमे पड़ जाते हैं। यह कोलेजन के निर्माण में सहायता करता है और आपको जवां बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा के संक्रमण से बचाता है। यह रक्त को भी शुद्ध करता है जिसका असर आपकी स्वस्थ त्वचा के रूप में दिखता है। आप त्रिफला और पानी मिलाकर बनाए गए पेस्ट को चेहरे पर भी लगा सकते हैं। यह यह डेड स्किन को रिमूव करता है, रंगत को निखारता है,रोम छिद्रों को गहराई से साफ करता है जिससे आपके चेहरे पर ताज़गी और ग्लो आता है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

त्रिफला एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी से युक्त होता है। इसलिए यह आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है और आर्टरीज़ में प्लाक के निर्माण को रोकता है।इस तरह यह बीपी और दिल की अनेक बीमारियों से आपकी रक्षा करता है।

डायबिटीज नियंत्रण में मददगार

त्रिफला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं। इसमें मौजूद बिभितकी यानि बहेड़ा रक्त में शुगर के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।

मूत्रजनित रोगों में फायदेमंद

त्रिफला मूत्रजनित रोगों में भी फायदेमंद है। इसकी एंटीबैक्टीरियल प्रापर्टी बैक्टीरिया के विकास को रोकती हैं। इसके सेवन से पेशाब में रुकावट और जलन आदि समस्याओं से आराम मिलता है। यह यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति में भी लाभदायक है। यह बाॅडी को डिटाॅक्स करता है और किडनी की क्रियाशीलता बढ़ाता है।

बालों का झड़ना रोके

त्रिफला चूर्ण के सेवन से बालों का गिरना काफी हद तक कम किया जा सकता है।आप त्रिफला के तेल या इसके पेस्ट को बालों की जड़ों में भी लगा सकते हैं। इससे बाल मजबूत होते हैं और उनका झड़ना कम होता है।

मानसिक तनाव से राहत

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर त्रिफला स्ट्रेस को कम करने और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है।

त्रिफला के सेवन की मात्रा

आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार सामान्य रूप से स्वस्थ वयस्क के लिए रात को सोने से पहले 3 से 9 ग्राम त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी या दूध के साथ लेना उचित है। आप इतनी मात्रा में त्रिफला का सेवन रात को पानी में गलाकर सुबह खाली पेट पीकर भी कर सकते हैं। हर व्यक्ति के शरीर का रिस्पांस अलग होता है। उस हिसाब से आप इसकी मात्रा कम-ज्यादा कर सकते हैं। आप एक टी स्पून तक त्रिफला ले सकते हैं। लम्बे समय तक लेने के लिए इसे कम मात्रा में लें। और छोटी अवधि के लिए एक चम्मच लिया जा सकता है। खासकर तब जब आपको इसे खाने के बाद कोई परेशानी न हो रही हो। अगर लंबी अवधि के लिए त्रिफला ले रहे हों तो आयुर्वेद चिकित्सक कुछ महीनों के लगातार सेवन के बाद बीच में व्यक्ति विशेष के शरीर के आधार पर एक से डेढ़ महीने का गैप करने की सलाह दे सकते हैं।

त्रिफला के सेवन के नुकसान

चूंकि त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है इसलिये सामान्य परिस्थितियों में इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं होते। लेकिन नीचे दी गई परिस्थितियों में आपको सावधानी रखनी चाहिए।

1. प्रेगनेंसी और स्तनपान के दौरान महिलाएं इसका इस्तेमाल न करें।

2. इसके सेवन से कुछ लोगों में मूत्र त्याग की आवश्यकता बढ़ सकती है। ऐसे लोग इसे रात में न लें, अन्यथा नींद डिस्टर्ब होगी।

3. त्रिफला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं। इसलिये यह ब्लड शुगर को काफी लो कर सकता है।अगर डायबिटीज की दवा पहले ही ले रहे हैं तो त्रिफला चूर्ण खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

4. किसी भी अन्य बीमारी की नियमित दवा ले रहे हों तो त्रिफला के सेवन से पहले डाॅक्टर का परामर्श ज़रूर लें।

5. कुछ लोगों को त्रिफला के सेवन से दस्त भी लग सकते हैं। वे आयुर्वेद चिकित्सक से संपर्क कर इसे लेने या मात्रा के संबंध में जानकारी लें।

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