Sharab Pine Wale Savdhan : शराब पीने वाले सावधान : अगर आप भी शाम होते ही छलकाते हैं जाम, तो आज ही जान लें ये 5 कड़वे सच, वरना पछताने का भी नहीं मिलेगा मौका

Sharab Pine Wale Savdhan : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और सोशल ड्रिंकिंग के नाम पर शराब पीना एक ट्रेंड बन गया है। पार्टी हो, शादी हो या दोस्तों के साथ कोई मुलाकात, बिना शराब के इसे अधूरा माना जाने लगा है।

Update: 2025-12-26 12:00 GMT

Sharab Pine Wale Savdhan : शराब पीने वाले सावधान : अगर आप भी शाम होते ही छलकाते हैं जाम, तो आज ही जान लें ये 5 कड़वे सच, वरना पछताने का भी नहीं मिलेगा मौका

Sharab Pine ke Nuksan : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और सोशल ड्रिंकिंग के नाम पर शराब पीना एक ट्रेंड बन गया है। पार्टी हो, शादी हो या दोस्तों के साथ कोई मुलाकात, बिना शराब के इसे अधूरा माना जाने लगा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस गिलास को आप आनंद का जरिया मान रहे हैं, वह आपके शरीर के अंदर जाकर कितनी बड़ी तबाही मचा रहा है? हाल ही में हुए कई स्वास्थ्य सर्वेक्षणों और मेडिकल रिसर्च ने शराब पीने वालों के लिए ऐसी चेतावनी जारी की है, जिसे नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है।

Sharab Pine ke Nuksan : लिवर ही नहीं, अब दिमाग पर भी सीधा हमला

अक्सर लोग मानते हैं कि शराब सिर्फ लिवर को खराब करती है, लेकिन नई रिसर्च बताती है कि इसका सबसे घातक असर हमारे 'न्यूरोलॉजिकल सिस्टम' यानी दिमाग पर पड़ता है। शराब के सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती हैं। इससे याददाश्त कमजोर होना, निर्णय लेने की क्षमता खत्म होना और समय से पहले बुढ़ापा आने जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग नियमित रूप से शराब पीते हैं, उनके सोचने समझने की शक्ति एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में 30% तक कम हो जाती है।

Sharab Pine ke Nuksan : हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा

पुराने समय में एक भ्रम फैलाया गया था कि थोड़ी मात्रा में रेड वाइन दिल के लिए अच्छी होती है, लेकिन 'वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन' ने अब इसे पूरी तरह नकार दिया है। शोध के अनुसार, शराब की एक बूंद भी आपके हृदय के लिए सुरक्षित नहीं है। शराब पीने से रक्तचाप (Blood Pressure) अचानक बढ़ जाता है, जिससे दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं। यही कारण है कि आजकल युवाओं में 'साइलेंट हार्ट अटैक' के मामले बढ़ रहे हैं, क्योंकि शराब नसों को कमजोर और सख्त बना देती है।

कैंसर की फैक्ट्री है शराब

बहुत कम लोग जानते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शराब को 'ग्रुप-1 कार्सिनोजेन' की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब है कि शराब सीधे तौर पर कैंसर का कारण बनती है। गले का कैंसर, लिवर कैंसर, कोलन कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का एक बड़ा कारण शराब का सेवन है। जब शरीर शराब को पचाता है, तो वह 'एसिटालडिहाइड' नामक एक विषैला रसायन बनाता है, जो हमारे डीएनए (DNA) को नुकसान पहुंचाता है और कैंसर की कोशिकाओं को जन्म देता है।

बजट और परिवार पर भारी चोट

शराब सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि आपके घर की आर्थिक स्थिति को भी खोखला कर देती है। एक औसत व्यक्ति अपनी कमाई का करीब 15 से 20 प्रतिशत हिस्सा शराब और उसके साथ होने वाले खर्चों पर लुटा देता है। इसके अलावा, शराब के नशे में होने वाले घरेलू विवाद और दुर्घटनाएं हंसते-खेलते परिवारों को उजाड़ देती हैं। सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में होने वाले 40% बड़े हादसों के पीछे कहीं न कहीं शराब का नशा ही मुख्य कारण होता है।

कैसे पहचानें कि आप खतरे में हैं?

अगर आपको शराब पिए बिना नींद नहीं आती, या बात-बात पर गुस्सा आता है, तो समझ लीजिए कि आप 'अल्कोहल डिपेंडेंसी' के शिकार हो चुके हैं। सुबह उठते ही शराब की तलब लगना या काम के दौरान भी शराब के बारे में सोचना एक गंभीर मानसिक बीमारी की ओर इशारा है। इसे नजरअंदाज करना यानी मौत को दावत देना है।

अतीत की कुछ डरावनी घटनाएं

इतिहास गवाह है कि शराब ने न केवल व्यक्ति बल्कि पूरे समाज को बर्बाद किया है। पिछले कुछ वर्षों की घटनाओं पर गौर करें तो रूह कांप जाती है:

जहरीली शराब का तांडव (बिहार और गुजरात): शराबबंदी के बावजूद कई राज्यों में जहरीली शराब पीने से एक साथ सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। इन घटनाओं ने साबित किया कि शराब की लत इंसान को मौत के सौदागरों के पास ले जाती है।

शराब और सड़क हादसे (दिल्ली-मुंबई): कई हाई-प्रोफाइल हिट एंड रन मामलों में पाया गया कि ड्राइवर नशे में धुत था। इन हादसों में न केवल शराब पीने वाला मरा, बल्कि उन मासूमों की जान भी गई जिनका कोई कसूर नहीं था।

कम उम्र में मौत: हाल ही में मशहूर हस्तियों और कई फिट दिखने वाले युवाओं की मौत के पीछे का सच जब सामने आया, तो पता चला कि वे क्रोनिक ड्रिंकर थे। शरीर बाहर से फिट दिख रहा था, लेकिन अंदर से शराब ने उनके अंगों को खोखला कर दिया था।

अभी भी वक्त है

जीवन अनमोल है और इसे एक बोतल के पीछे बर्बाद करना समझदारी नहीं है। अगर आप इसे छोड़ना चाहते हैं, तो धीरे-धीरे मात्रा कम करें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या नशामुक्ति केंद्र की मदद लें। याद रखें, आपके घर का दरवाजा आपकी शराब का नहीं, बल्कि आपकी सलामती का इंतजार कर रहा है।

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