Pneumonia In Children: बच्चे की सर्दी निमोनिया में ना बदले, पहचाने लक्षण, रहें सतर्क
Pneumonia In Children: बच्चे की सर्दी निमोनिया में ना बदले, पहचाने लक्षण, रहें सतर्क
Pneumonia In Children: सर्दी के महीनों में छोटे बच्चों में निमोनिया होने के केस बहुत बढ़ जाते हैं और यह तो आप सभी जानते हैं कि निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए बच्चों की सर्दी -खांसी या बुखार को सामान्य वायरल संक्रमण समझ कर देरी करना उचित नहीं है। क्योंकि यही सर्दी-खांसी निमोनिया भी हो सकती है। इसलिए निमोनिया के लक्षणों को पहचानना और समय से डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। आइये जानते हैं कि 'निमोनिया' क्या है और निमोनिया होने पर बच्चों में किस तरह के लक्षण दिखते हैं।
निमोनिया क्या है
निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है। यह आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया या फंगस के कारण होता है। हमारे फेफड़ों में छोटी-छोटी थैलियां जैसी होती है जिनमें हवा भरी रहती है। इन्हें एल्विओली कहते हैं। लेकिन जब एल्विओली में पानी या मवाद भर जाता है तो सांस लेना मुश्किल हो जाता है और बच्चे को खांसी होने लगती है। सामान्य रूप से माता-पिता इसे मौसम बदलने से होने वाली सर्दी-खांसी समझ सकते हैं। लेकिन बहुत तेजी से सांसों का चलना निमोनिया का प्रमुख संकेत है। निमोनिया के अन्य लक्षणों पर हम बाद में बात करेंगे। पहले यह जान लेते हैं कि सांसों की गति ज्यादा तेज हो रही है, यह कैसे पहचाने।
जन्म से दो महीने
अगर जन्म से 2 महीने के भीतर के बच्चे में सांस की गति प्रति मिनट 60 से ज्यादा है तो यह चिंता का विषय है।
दो से 12 महीने
अगर 2 से 12 महीने के बीच के बच्चों में सांस की गति प्रति मिनट 50 से ज्यादा है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए।
12 महीने से 5 साल
12 महीने से 5 साल तक की आयु के बच्चों में सांस लेने की गति प्रति मिनट 40 से ज्यादा है तो आपको इसे नोटिस कर लेना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कैसे फैलता है निमोनिया
छोटे बच्चों में आमतौर पर निमोनिया किसी संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकली बूंदों के संपर्क में आने से फैल सकता है। ये बूंदें खिलौनों, मोबाइल, विभिन्न सतहों, दरवाज़े के हैंडल जैसी चीज़ों पर फैल सकती हैं। बच्चा साँस लेकर इन कीटाणुओं को अंदर खींच लेता है। या ऐसी चीज़ों को छूकर अपना हाथ मुँह में डाल लेता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है।
बच्चों में निमोनिया के लक्षण
बच्चों में निमोनिया के प्रमुख लक्षण ये हैं-
1. तेजी से छाती का उठना
2. फड़कते हुए नथुने
3. सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
4. असामान्य रूप से परेशान होना और करना
5. पेट का तेजी से अंदर-बाहर होना
6. बहुत गहराई से आती खांसी, अक्सर कफ़ के साथ
7. बच्चे का थका-थका दिखना
8. बुखार
9. पसीना और कंपकंपी
10. पेट खराब होना, दस्त, उल्टी या मतली
जल्दी पहचानना क्यों है ज़रूरी
बच्चों में निमोनिया को जल्दी पहचानना और डॉक्टर से संपर्क करना खासकर इसलिए जरूरी है क्योंकि बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है और मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली बहुत सी दवाइयां 6 साल से छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होतीं। इसलिए निमोनिया का संदेह होते ही डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी बताई दवाइयां लें।
घर में बरती जाने वाली सावधानियां
1. 6 माह तक के बच्चों को मां स्तनपान अवश्य कराएं, इससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत होगी और शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
2. संक्रमित लोग बच्चों से दूर रहें और घर में रहते समय मास्क पहन कर रहें।
3. घर में बच्चा जिन चीजों को प्रायः छूता है, उन्हें साफ करते रहें, सेनेटाइज़ करते रहें।
4. वे बच्चे जो स्कूल या बाहर खेलने के लिए जाते हैं, उन्हें समय-समर पर हाथ अच्छी तरह धोने के लिए प्रेरित करें। साफ सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
5. बच्चे का खाना पौष्टिक हो और दिनचर्या व्यवस्थित। देर रात तक न जागें और बाहर का न खाए
6. बच्चों में सर्दी खांसी के लक्षण हैं तो उसे पर्याप्त आराम दें और घर के भीतर ही खेलने के लिए कहें।
7. बच्चों को पर्याप्त पानी पिलाएं।
8. बच्चे को सांस लेने में दिक्कत है तो डॉक्टर से परामर्श लेकर ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें। यह हवा को नम रखने में मदद करता है। नम हवा आपके बच्चे को आराम से साँस लेने में मदद करती है।
9. डॉक्टर की बताई दवाइयों का कोर्स पूरा करें। उसे बीच में ना छोड़ें।
10. जन्म के बाद तय समय पर डॉक्टर द्वारा बताया गया टीकाकरण अवश्य करवाएं।