Pneumonia bimari kya hoti hai: एक ऐसी खतरनाक बीमारी जिससे फेफड़ों में हो जाते है फोड़े और फंगस, जानिए निमोनिया के बारे में पूरी डिटेल....

Pneumonia bimari kya hoti hai: निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में सुनते ही मन में कई सवाल उठने लगते हैं। यह फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है जो छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी अपने चपेट में ले सकता है। दुनियाभर में हर साल लाखों लोग इस बीमारी का शिकार होते है और अपनी जान गवां बैठते है।

Update: 2025-12-08 06:37 GMT

Pneumonia bimari kya hoti hai: निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में सुनते ही मन में कई सवाल उठने लगते हैं। यह फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है जो छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी अपने चपेट में ले सकता है। दुनियाभर में हर साल लाखों लोग इस बीमारी का शिकार होते है और अपनी जान गवां बैठते है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष करीब 8 लाख बच्चे निमोनिया के कारण अपनी जान गवां देते हैं। यह ऐसी बीमारी है जो दोनों फेफड़ों को संक्रमित करके लोगों को मरने पर मजबूर कर देती है। आइए जानते हैं कि निमोनिया क्या है और किस वजह से होता है?

निमोनिया क्या है?

निमोनिया को समझने के लिए हमें पहले यह जानना होगा कि हमारे फेफड़े कैसे काम करते हैं। जब हम सांस लेते हैं तो हवा हमारी नाक या मुंह से होती हुई श्वासनली के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचती है। फेफड़ों में लाखों छोटी-छोटी वायु थैलियां होती हैं जिन्हें एल्वियोली कहते हैं। यहीं पर ऑक्सीजन हमारे रक्त में प्रवेश करती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है।

जब बैक्टीरिया या अन्य रोगाणु इन वायुकोषों में पहुंच जाते हैं तो वे संक्रमण पैदा करते हैं। इस संक्रमण के कारण वायुकोष में सूजन आ जाती है और वे मवाद से भर जाते हैं। ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन, रक्त में नहीं मिल पाती और व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में यह बीमारी आसानी से पनप सकती है।

निमोनिया, संक्रमण के कारण होता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उससे निकलने वाली बूंदों में बैक्टीरिया या वायरस होते हैं। ये बूंदें हवा में फैल जाती हैं और जब कोई स्वस्थ व्यक्ति इन्हें सांस के साथ अंदर लेता है तो रोगाणु उसके फेफड़ों में पहुंच जाते हैं और संक्रमण पैदा कर सकते हैं।

निमोनिया के प्रकार

• बैक्टीरियल निमोनिया: निमोनिया का यह प्रकार अक्सर लोगों को अपनी चपेट में लेते रहता है। यह स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया जैसे बैक्टीरिया के कारण होता है। कई बार यह अचानक शुरू होता है और तेज बुखार के साथ आता है। कभी-कभी यह सर्दी या फ्लू के बाद भी विकसित हो सकता है।

• वायरल निमोनिया: यह बैक्टीरियल निमोनिया से कम खतरनाक होता है और कई बार अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन जो लोग पहले से वायरल निमोनिया से पीड़ित हैं उनमें बैक्टीरियल निमोनिया विकसित होने का खतरा बना रहता है।

• माइकोप्लाज्मा निमोनिया: इसे वॉकिंग निमोनिया भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य ही होते हैं। यह मुख्य रूप से 40 साल से कम उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। इसमें व्यक्ति काम करने लायक तो होता है लेकिन खांसी और थकान बनी रहती है।

• एस्पिरेशन निमोनिया: यह तब होता है जब भोजन या उल्टी गलती से फेफड़ों में चली जाती है। यह उन लोगों में ज्यादा देखा जाता है जिन्हें भोजन निगलने में परेशानी होती है।

• फंगल निमोनिया: यह उन लोगों को होता है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली(इम्यून सिस्टम) कमजोर है। खासकर कैंसर और एचआईवी का इलाज करवा रहे हैं मरीजों में इसे ज्यादा देखा जाता है क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो गई होती है।

निमोनिया के लक्षण

  • शुरुआत ने इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लगते हैं लेकिन धीरे-धीरे वे गंभीर होते जाते हैं। साथ ही बलगम वाली खासी के साथ साथ खून भी आ सकता है।
  • तेज बुखार भी एक प्रमुख लक्षण है और साथ में ठंड लगना और पसीना आना भी होता है।
  • सीने में दर्द भी होती है जो खांसने या गहरी सांस लेने पर और बढ़ जाता है और सांस लेने में कठिनाई होती है।
  • भूख में कमी आ जाती है और व्यक्ति को कुछ भी खाने का मन नहीं चाहता। कुछ लोगों में तो उल्टी और दस्त भी होते हैं।

निमोनिया से बचाव के घरेलू उपाय

  • तरल पेय पदार्थों का भरपूर सेवन करें और दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीएं। यह बलगम को पतला करता हैं।
  • ताजे फल और सब्जियां खाएं जो विटामिन से भरपूर हों। जैसे दाल, अंडे, मछली आदि। तला हुआ और मसालेदार भोजन से बचें।
  • गुनगुने पानी की भाप लेना बहुत आरामदायक होता है। इससे बंद नाक खुलती है और बलगम ढीला होता है।
  • गहरी सांस लेने का व्यायाम करना चाहिए। हर 2-3 घंटे में कुछ मिनट के लिए गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें।

अगर निमोनिया का सही समय पर और सही तरीके से इलाज न किया जाए तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती हैं। घरेलू उपचार कुछ हद तक ही आपको राहत दे सकते है परंतु अगर आपको निमोनिया के गंभीर लक्षण महसूस हों तो देरी न करें और तुरंत किसी चिकित्सक से परामर्श लें।

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