Peri Menopause: मीनोपाॅज से पहले शरीर में नज़र आते हैं ये बदलाव, जानिए पैरीमीनोपाॅज के इस दौर को कैसे करें हैंडल...

Peri Menopause: मीनोपाॅज से पहले शरीर में नज़र आते हैं ये बदलाव, जानिए पैरीमीनोपाॅज के इस दौर को कैसे करें हैंडल...

Update: 2024-12-31 07:54 GMT

Peri Menopause: एक्चुअल मीनोपाॅज होने से करीब 5 से 10 साल पहले ही पैरी मीनोपाॅज के लक्षण नजर आने लगते हैं। इसलिये इस दौरान ही महिलाओं को सचेत हो जाना चाहिए और खानपान से लेकर दिनचर्या तक में कुछ बदलाव करने के लिए कमर कस लेनी चाहिए वरना मीनोपाॅज के दौर को झेलना और उसके कारण आए शारीरिक बदलाव जैसे वेट गेन,बालों का झड़ना, तरह-तरह के दर्द और मानसिक परेशानियों से निकलना कठिन हो सकता है। इसलिये आपका बाकी का आधा जीवन भी पहले हिस्से की तरह सुखद हो इसके लिए ज़रूरी है कि पैरी मीनोपाॅज के लक्षणों को पहचानें और उनसे डटकर मुकाबला करें।

पैरीमीनोपाॅज को समझें

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर के अनुसार एक्चुअल मीनोपाॅज से पहले यानी आपका महीना पूरी तरह बंद होने से करीब पांच से दस साल पहले ही शरीर संकेत देना शुरु कर देता है। आपके पीरियड्स डिले हो सकते हैं या उनकी अवधि सिमट सकती है और वह 5 दिन के बजाए 3 दिन तक चल सकते हैं या फिर आपकी ब्लीडिंग जरूरत से ज्यादा होने लगती है और कई बार तो यह 10 से 15 दिन तक चलती ही रहती है। इस तरह के तमाम संकेत यह बताते हैं कि शरीर मीनोपॉज का सामना करने वाला है। पीरियड्स में होने वाले इन बदलावों के अलावा भी शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। चलिए अब उन्हीं के बारे में जानते हैं।

हड्डियों का कमजोर होना

पैरीमीनोपाॅज के दौरान हड्डियों का वजन और उनकी सघनता कम होना शुरू हो जाती है। इसका असर यह पड़ता है कि महिलाएं अपने जोड़ों, पीठ ,पैरों आदि में दर्द महसूस करती हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी शुरू होना इसका मुख्य कारण है।

असमंजस महसूस करना, भूलना

पैरीमीनोपाॅज के दौरान कई महिलाएं ब्रेन फाॅग को भी महसूस करती हैं यानी उनके दिमाग में असमंजस सा बना रहता है। दिमाग में कोहरा सा छा जाता है। वे चीजों को भूलने लगती हैं। कंफ्यूज होने लगती हैं कि वे क्या काम करने आई थीं या क्या बात बताने आईं थीं।

हार्मोनल इंबैलेंस

पैरीमीनोपाॅज के दौरान सबसे बड़ा बदलाव है हार्मोनल इंबैलेंस। इस दौरान प्रोजेस्टरॉन और एस्ट्रोजन हार्मोन घटने लगते हैं और टेस्टोस्टेरोन का लेवल घट भी सकता है और बढ़ भी सकता है। इससे शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं जैसे चेहरे और ठोड़ी पर बाल नजर आना, एडल्ट एक्ने,कमजोरी और थकावट,चिड़चिड़ापन, सिरदर्द आदि।

हार्ट से जुड़े बदलाव हो सकते हैं

कई महिलाओं को इस दौरान हार्ट से संबंधित समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं जैसे कि उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, उनका ट्राईग्लिसराइड लेवल बढ़ सकता है, उनका बीपी भी बढ़ सकता है। ऐसा होना जरूरी नहीं है लेकिन कई मामलों में ऐसा होता है।

शरीर का फैलना

पैरीमीनोपाॅज के दौरान वजन बढ़ने लगता है और शरीर फैला हुआ महसूस होता है। ऐसे में खासकर आज के दौर में जब महिलाएं स्लिम फिट नज़र आना चाहती हैं,वे खुद में आए इस बदलाव को देखकर डिप्रेशन में चली जाती हैं।

यूरिनेशन में बदलाव

पैरीमीनोपाॅज के दौरान यूरिनेशन से संबंधित बदलाव भी होते हैं। मतलब यह है कि आपको पेशाब या तो कम मात्रा में आने लगती है, रुक-रुक कर आती है और ऐसा महसूस होता है कि आपका ब्लैडर खाली नहीं हुआ है। कई महिलाओं को यह भी डर होता है कि अगर वे झींकेगी तो भी थोड़ी यूरिन निकल जाएगी।

स्किन में बदलाव

पैरीमीनोपाॅज के दौरान स्किन पर भी बहुत से बदलाव नजर आते हैं। स्किन पहले की तरह फ्रेश नजर नहीं आती, डल होने लगती है। पैचेज़ नज़र जाने लगते हैं। डार्क स्पॉट्स और पिगमेंटेशन होने लगता है। हॉट फ्लैशेज़ महसूस होते हैं यानी आपको अचानक से बहुत तेज गर्मी महसूस होती है, चेहरा लाल पड़ जाता है। रात में सोते-सोते अचानक बहुत तेज गर्मी महसूस होती है फिर अचानक से ठंडक महसूस होने लगती है। इस तरह के बहुत से बदलाव आपको नजर आते हैं।

बालों में बदलाव

बालों पर भी पैरीमीनोपाॅज का असर स्पष्ट रूप से दिखता है। बाल पतले होने लगते हैं। उनकी शाइन चली जाती है। उनका वॉल्यूम कम होने लगता है और बाल तेजी से झड़ने लगते हैं।

ब्रेस्ट टेंडरनैस

पैरीमीनोपाॅज के दौरान बहुत सी महिलाएं ब्रेस्ट टेंडरनैस फील करती हैं। यानी उन्हें चलने- फिरने और ईवन बैठने के दौरान भी ब्रेस्ट में भारीपन और दर्द महसूस होता है। यह पैरीमीनोपाॅज का सामान्य लक्षण है।

वजाइनल ड्राइनेस

पैरीमीनोपाॅज के दौरान महिलाएं वजाइनल ड्राइनेस महसूस करती हैं। वजाइना में लुब्रिकेशन की कमी होने से उन्हें उठने, बैठने, चलने से लेकर शारीरिक संबंध के दौरान भी असुविधा होती है।

पैरीमीनोपाॅज के दौरान करें ये बदलाव

बढ़ते वजन को मैनेज करें

पैरीमीनोपाॅज के दौरान वजन का बढ़ना निश्चित है इसलिए बजाय इसके कि आप बढ़ते वजन को घटाने के लिए डाइटिंग पर जाएं, अपनी फिटनेस पर ध्यान दें। अपनी तमाम जिम्मेदारियों के बीच भी फिज़िकल एक्टिविटीज के लिए समय जरूर निकालें। योग करें, वाॅक करें, रनिंग, साइकलिंग स्विमिंग, वेट ट्रेनिंग करें। भले ही हफ्ते में केवल तीन दिन भी करें लेकिन इन्हें बदल- बदल कर जरूर करें।आपको कोई डंबल खरीदने की जरूरत नहीं है या जिम न जा पाने का बहाना बनाने की ज़रूरत नहीं है। आप एक लीटर की पानी की बाॅटल का भी वजन उठा सकती हैं और उसका फायदा आपको जरूर मिलेगा।

दिमाग को फिट रखेगी हाॅबी

घर-गृहस्थी,पति-बच्चों और नौकरी के चक्कर में अगर आपकी हाॅबीज़ पीछे छूट गई हों तो दोबारा कम से कम एक हाॅबी को पुनर्जीवित कीजिए। हाॅबी को टाइम देने से आपके दिमाग को नया जीवन मिलेगा। आपका डिप्रेशन कम होगा और आप अपने टास्क भी बेहतर तरीके से कंप्लीट कर पाएंगी।

हेल्दी डायट पर फोकस करें

बड़े हुए वजन को घटाने के लिए इस दौरान आप अपनी डाइट में कटौती न करें बल्कि अपनी डाइट को बेहतर बनाएं। आप नट्स और सीड्स ले सकती हैं। और आसान है कि कम से कम मुट्ठी भर मूंगफली रोज खाएं। आप शकरकंद, अरबी,सूरन जैसी रूट वेजिटेबल्स हफ्ते में एक दिन ज़रूर खाएं। आप दही को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। आप इसमें किशमिश भिगो कर खाएं तो फायदे बढ़ जाएंगे। मुनक्का आप के लिए बेहद फायदेमंद है। आप छाछ भी पी सकती हैं। साथ ही हरी सब्जी, फल और सलाद पर जरूर फोकस करें।

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