न्यूज इंपेक्टः CGMC ने अस्पतालों के फायर ऑडिट का टेंडर किया निरस्त, जांच के बाद फैसला, NPG.NEWS के खुलासे पर बनी थी जांच कमेटी

सरकारी अस्पतालों के फायर ऑडिट के नाम पर करोड़ों का खेला करने की सनसनीखेज रिपोर्ट 19 दिसंबर को NPG.NEWS में प्रकाशित होने पर तत्कालीन हेल्थ सिकरेट्री मनोज पिंगुआ ने सीजीएमएसी से सवाल जवाब किया था। इसके बाद जांच का आदेश हुआ। और आज सीजीएमएससी के एमडी ने टेंडर निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया।

Update: 2025-01-03 16:06 GMT



रायपुर। नगर सेना की बजाए एनजीओ से अस्पतालों का फायर ऑडिट कराने का टेंडर छत्तीसगढ़ मेडिकल कारपोरेशन ने आज निरस्त कर दिया। एनपीजी न्यूज ने 19 दिसंबर को खुलासा किया था कि एनजीओ को काम देकर सीजीएमएसी के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए का खेला किया जा रहा है। हेल्थ विभाग ने अस्पतालों के फायर ऑडिट का काम नगर सेना की जगह NGO को दे डाला, CGMC ने ऐसे बनाया रास्ता

एनपीजी न्यूज की खबर को एसीएस हेल्थ मनोज पिंगुआ ने संज्ञान लिया और जांच का निर्देश दिया। सीजीएमएससी की नोटशीट में एनपीजी न्यूज का स्क्रीन शॉट लगाकर जांच का आदेश हुआ। जांच के बाद सीजीएमएससी ने टेंडर को निरस्त कर दिया।


फायर सिक्यूरिटी और उसके ऑडिट का दूसरा पहलू यह है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों याने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का हर साल होम गार्ड याने नगर सेना विभाग फायर ऑडिट करता है। इसका पेमेंट सीजीएमसी याने छत्तीसगढ़ मेडिकल कारपोरेशन करता था। हेल्थ विभाग ने अस्पतालों के फायर ऑडिट का काम नगर सेना की जगह NGO को दे डाला, CGMC ने ऐसे बनाया रास्ता

चूकि दुखी बीमार मरीजों के जानमान का सवाल था, इसलिए सरकार प्रायवेट पार्टियों की बजाए सरकारी एजेंसी नगर सेना से कराती फायर ऑडिट कराती थी। सरकारी एजेंसियों की अपनी एक जिम्मेदारी होती है। वे स्टैंडर्ड मापदंड से ऑडिट करती है। इसमें ईमानदारी की अधिक गुंजाइश होती है क्योंकि भुगतान नगर सेना के एकाउंट में होता है।

रायपुर का एनजीओ

राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा कि सीजीएमसी ने फायर ऑडिट का रेट तय कर फर्म और एनजीओ से आवेदन मंगा लिया। इसके बाद रायपुर के एनजीओ छत्तीसगढ़ फायर सेफ्टी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी को टेंडर फायनल कर दिया।

सीजीएमसी के एमडी का पत्र

एनजीओ को फायर ऑडिट का काम देने के बाद सीजीएमसी के एमडी ने डायरेक्टर हेल्थ और डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को पत्र लिखकर सूचित कर दिया कि छत्तीसगढ़ फायर सेफ्टी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी से फायर ऑडिट के लिए रेट तय किया गया है, आप इस दर से सभी अस्पतालों, र्मेडकल कॉलेज और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से मांग पत्र मंगाकर फायर ऑडिट संबंधी दिशा-निर्देश जारी करें।

करोड़ों का खेला

सीजीएमसी ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा के लिए अलग-अलग कलस्टर बनाकर फुट में रेट तय किया है। 700 बेड का रायपुर का आंबेडकर अस्पताल कई एकड़ में पसरा है। उसका फायर ऑडिट का बिल 50 लाख से उपर जाएगा। इससे आप समझ सकते हैं कि पूरे प्रदेश में कितने की बिलिंग होगी। छत्तीसगढ़ में 33 जिला अस्पताल हैं। 10 मेडिकल कॉलेज और अस्तपाल। इसके अलावा 147 ब्लॉकों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। याने करोड़ों का खेला होगा।

डबल ऑडिट

चूकि सरकारी अस्पतालों का फायर ऑडिट प्रायवेट से नहीं कराया जा सकता। इसलिए सुनने में यह भी आ रहा कि एनजीओ से ऑडिट कराने के बाद सीजीएमसी फिर नगर सेना से भी ऑडिट कराएगा। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। मगर सुनने में आ रहा कि सीजीएमसी ने प्रायवेट पार्टी को उपकृत करने ये रास्ता निकाल लिया।

क्या होता है फायर ऑडिट

फायर ऑडिट में जहां-जहां फायर सिस्टम लगे होते हैं, उसे साल में एक बार चेक किया जाता है कि उसका कनेक्शन कहीं से ढिला तो नहीं हुआ है। फिर पाईप पर एक नजर मार लिया जाता है। याने दो-तीन आदमी जाए तो दिन भर का भी ये काम नहीं है। अब तो जिओ मैपिंग का जमाना है। और समय कम लग रहा है। उसके लिए सीजीएमसी ने फुट में भारी-भरकम रेट तय कर दिया है।

 


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