Pap Smear Test For Cervical Cancer: जान से बड़ी नहीं है शर्म, महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से बचने ज़रूर कराएं पैप स्मियर टेस्ट, यहां है जानकारी...
Pap Smear Test For Cervical Cancer: जान से बड़ी नहीं है शर्म, महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से बचने ज़रूर कराएं पैप स्मियर टेस्ट, यहां है जानकारी...

Pap Smear Test For Cervical Cancer
Pap Smear Test For Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को जकड़ने वाली एक खतरनाक बीमारी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार हर आठ मिनट में एक भारतीय महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर के चलते हो जाती है। समय रहते पैप स्मियर टेस्ट कराना इससे बचने का एक सरल रास्ता है लेकिन महिलाएं पैप स्मियर टेस्ट का नाम सुनते ही नज़रें झुकाने लगती हैं जबकि महज शर्म के चलते अपनी जान गंवाना कोई समझदारी नहीं है। पैप स्मियर टेस्ट बताता है कि गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर कोशिकाएं पनप तो नहीं रही हैं। अगर शुरुआत में ही इसका पता चल जाए तो इलाज संभव होता है। इस आर्टिकल में हम आपको पैप स्मियर टेस्ट के बारे में ज़रूरी बातें बता रहे हैं जिससे आपके मन का भ्रम दूर होगा।
सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण क्या है?
सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा कैंसर) मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है। इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एचपीवी वैक्सीन मददगार होती है। यह वैक्सीन एचपीवी संक्रमण और सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करती है। एचपीवी वैक्सीन को 11-12 साल की उम्र में आपको अपनी बेटियों को लगवा लेना चाहिए। वैसे 45 साल तक की महिलाएं भी इसे लगवा सकती हैं। जागरूकता की कमी के चलते एचपीवी वैक्सीन आम तौर पर आज भी नहीं लगवाई जा रही है। ऐसे में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सर्वाइकल कैंसर को जांचने के लिए पैप स्मियर टेस्ट किया जाता है।
पैप स्मियर टेस्ट क्या है?
पैप स्मियर टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को पहचानने के लिए किया जाने वाला टेस्ट है। इसके द्वारा सर्विक्स की कोशिकाओं की जांच की जाती है। सर्विक्स यानी वह स्थान जहां गर्भाशय योनि से मिलता है।
किस उम्र में करना चाहिए पैप स्मियर टेस्ट?
21 से 65 वर्ष के उम्र के दरमियाँ महिलाओं को पैप स्मियर टेस्ट जरूर करना चाहिए। पैप स्मियर टेस्ट 3 साल में एक बार करने की सलाह दी जाती है। यानी अगर एक बार टेस्ट में यह बात लगभग क्लियर हो गई है सर्वाइकल कैंसर नहीं पनप रहा है तो भी 3 साल बाद आप पैप स्मियर टेस्ट करा कर जरूर देखें।
कैसे होता है पैप स्मियर टेस्ट?
पैप स्मियर टेस्ट आपके योनि मार्ग द्वारा किया जाएगा। इसके लिए डाॅक्टर स्पेक्युलम नामक एक मेडिकल डिवाइस की मदद लेते हैं। इस पर एक जैल लगाया जाता है फिर इसे योनि मार्ग से अंदर डाला जाता है। इस डिवाइस का काम यह है कि योनि मार्ग को फैला कर रख सकें जिससे कि डॉक्टर ब्रश या स्पेचुला की मदद से सर्विक्स की कोशिकाओं का नमूना ले सकें। एक बार जब यह नमूना एकत्र कर लिया जाता है तो स्पेक्युलम को बाहर निकाल लिया जाता है। नमूने की माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है और पता लगाया जाता है कि कैंसर पनप रहा है या नहीं। इस जांच का परिणाम आने में कम से कम तीन से चार दिन लग सकते हैं।
पैप स्मियर टेस्ट से क्यों भागती हैं महिलाएं?
स्वाभाविक रूप से क्योंकि यह टेस्ट योनि मार्ग के द्वारा किया जाता है इसलिए महिलाएं शर्मिंदा होकर इस टेस्ट से बचती हैं। लेकिन इसमें शर्मिंदा होने जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि यहां आपकी जान का सवाल है। जब आप एक बच्चे को जन्म देती हैं तो वह भी योनि मार्ग से ही बाहर की दुनिया में आता है। जब आप मां बनने के लिए इस असहजता को स्वीकार करती हैं तो फिर कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से बचने के लिए इस टेस्ट को क्यों नहीं करवा सकतीं। पैप स्मियर टेस्ट महिला डॉक्टर या टेक्नीशियन के द्वारा करवाया जा सकता है इसलिए आप बिना संकोच यह टेस्ट करवा सकती हैं और आपको करवाना चाहिए। आपको बता दें कि पैप स्मियर टेस्ट में किसी तरह का दर्द नहीं होता और मिनटों में ही यह टेस्ट पूरा हो जाता है।