आपके काम की खबर: अगर जूस या शरबत में डलवा रहे हैं बर्फ तो हो जाएं सावधान, साथ ही गर्मियों में स्ट्रीट फूड से कर लें तौबा
गर्मियों के मौसम में अगर आप बर्फ डलवाकर जूस, शरबत या कोल्ड ड्रिंक पीते हैं, तो फिर बिल्कुल सावधान हो जाएं, क्योंकि ये आपको बुरी तरह से बीमार कर सकता है। साथ ही तली-भुनी और स्ट्रीट फूड को भी अवॉयड करें।
इन दिनों सूरज खूब तप रहा है, ऐसे में लोग खुद को हाइड्रेट रखने के लिए पानी, नींबू पानी, कोल्ड ड्रिंक्स, कई तरह के शरबतों और जूस का सहारा ले रहे हैं। सड़क किनारे भी ठेलों पर जूस, गन्ने का रस और नींबू पानी आपको बिकते हुए मिल जाएंगे। ये चिलचिलाती धूप में राहत तो देते हैं, लेकिन बर्फ के साथ परोसे जा रहे ये ड्रिंक्स आपको बीमार भी बना सकते हैं।
डायरिया, पीलिया की चपेट में आ सकते हैं आप
इससे डायरिया, पीलिया, फ्लू, वायरल फीवर जैसी बीमारियां हो सकती हैं, क्योंकि ड्रिंक्स में मिलाई जाने वाली बर्फ अक्सर घटिया क्वालिटी की होती है। कई बार दुकानदार खाने-पीने की चीजों के लिए इंडस्ट्रियल बर्फ का इस्तेमाल करते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक इंडस्ट्रियल बर्फ को खाने-पीने की चीजों में बिल्कुल नहीं मिलाना चाहिए, क्योंकि इसे बनाने के दौरान साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखा जाता है।
इंडस्ट्रियल बर्फ है खतरनाक
इसका इस्तेमाल सिर्फ खाने-पीने की चीजों के आसपास रखकर उन्हें ठंडा रखने और लंबे समय तक फ्रेश बनाए रखने के लिए होता है। जो दुकानदार शुद्ध पानी से बनाई हुई बर्फ का इस्तेमाल करते हैं, केवल उनका सेवन ही करें। या फिर किसी भी ड्रिंक में बर्फ डलवाने से बचें। साथ ही बाजार में जो जूस या शरबत मिलते हैं, उन्हें बनाने के लिए जिस बर्तन और जूसर का इस्तेमाल होता है, वो भी कई बार साफ नहीं होता।
दूषित बर्फ से टायफाइड, गैस्ट्रोएन्टराइटिस और कैंसर का भी खतरा है। बर्फ की बड़ी-बड़ी सिल्लियों को हम सभी देखते हैं। इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर ड्रिंक में मिलाया जाता है। लेकिन बर्फ के ये टुकड़े कितने हाइजीनिक हैं पता नहीं चलता। दूषित बर्फ या कच्ची बर्फ में पानी के साथ घुली हुई कार्बन डाई ऑक्साइड, घुली हुई ऑक्सीजन के साथ कई ऑर्गेनिक, इन-आर्गेनिक चीजें मिली होती हैं।
रंग-बिरंगे रंगों में बिकने वाला बर्फ का गोला भी अनहाइजीनिक
सड़क पर लाल-पीले, हरे रंगों में बिकने वाला बर्फ का गोला भी अनहाइजीनिक होता है। बर्फ की सिल्लियां तोड़कर जो कुल्फी बनाने में इस्तेमाल की जाती है, वो भी सेफ नहीं होतीं।
गंदे पानी का कई दुकानदार करते हैं इस्तेमाल
कई जगहों पर सीधे नल से निकले पानी का भी इस्तेमाल होता है, जो हानिकारक होता है, इसलिए बाजार में मिलने वाली जूस या शरबत से बचना ही ठीक रहता है या फिर आप सिर्फ विश्वसनीय जगहों से ही इन चीजों को लें। इसके अलावा गर्मियों में स्ट्रीट फूड खाने से भी बचें। घर में बना साफ खाना ही खाएं और तली-भुनी चीजों से बचें।
जूस को मीठा करने सैकरीन का धड़ल्ले से इस्तेमाल
कई दुकानदार जूस में खतरनाक केमिकल का भी इस्तेमाल करते हैं। कई बार दुकानदार जूस मीठा करने के लिए सैकरीन का यूज करते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। ये चीनी से कई गुना ज्यादा मीठा होता है। इससे ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ सकता है। इसके अलावा सैकरीन से सिरदर्द, एंग्जाइटी, पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। दुकानदार कई बार ग्राहकों की नजरों से बचाकर पहले से तैयार किए जूस को भी उसी में मिला देते हैं। जबकि पहले से रखा हुआ जूस क्वालिटी और हाइजीन में निम्न स्तर का होता है।
स्ट्रीट फूड खाने से बचें
स्ट्रीट फूड को लोग बेहद चाव से खाते हैं। गोलगप्पे, चाट, मोमोज, वेज रोल, चाउमीन, बर्गर जैसे स्ट्रीट फूड सेहत के लिए भारी नुकसानदायक होते हैं। स्ट्रीट फूड में तेल, मिर्च-मसाले, सॉस और कई अनहेल्दी इंग्रीडिएंट्स मिलाए जाते हैं, जिससे सेहत खराब हो सकती है।
स्ट्रीट फूड खाने से डिहाइड्रेशन की समस्या
गर्मी के दिनों में स्ट्रीट फूड खाने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। स्ट्रीट फूड में सोडियम और मसालों की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे ज्यादा प्यास लगती है। ज्यादा प्यास लगने पर अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीएं, तो डिहाइड्रेशन हो सकता है।
स्ट्रीट फूड खाने से एसिडिटी, पेट में जलन, अपच जैसी समस्याएं
गर्मियों में हीट स्ट्रोक आम बीमारी है। ये तब होता है जब शरीर तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता और इस वजह से बॉडी टेंपरेचर तेजी से बढ़ने लगता है। गर्मियों में ज्यादा स्ट्रीट फूड खाने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है और हीट स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। स्ट्रीट फूड हैवी होता है, जिसे पचाने के लिए शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। गर्मियों में स्ट्रीट फूड खाने से एसिडिटी, पेट में जलन, अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्मियों के दिनों में स्पाइसी और ऑयली चीजें खाने से ब्लोटिंग, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।