Nerve Damage Ke Lakshan: क्या आपकी हथेलियां और पंजे रहते हैं सुन्न? छोटे-छोटे कामों में आती है दिक्कत? ये हैं नर्व डैमेज के लक्षण, जानिए कैसे करें स्वस्थ जीवन में वापसी...
Nerve Damage Ke Lakshan: क्या आपकी हथेलियां और पंजे रहते हैं सुन्न? छोटे-छोटे कामों में आती है दिक्कत? ये हैं नर्व डैमेज के लक्षण, जानिए कैसे करें स्वस्थ जीवन में वापसी...
Nerve Damage Ke Lakshan: बहुत से लोग इस तरह की शिकायत करते हैं कि उनके हाथों-पैरों में कमजोरी और सुन्नपन महसूस होता है। कई बार उन्हें किसी चीज़ के गर्म और ठंडा होने का एहसास नहीं होता। तो कभी-कभी किसी को जूते के फीते बांधने या चाय का कप पकड़ने में भी दिक्कत होती है। किसी-किसी को सुई चुभने तो किसी को अचानक शार्प पेन का अनुभव होता है। ये और इन जैसे तमाम लक्षण ये बताते हैं कि आपके शरीर में नसें कमजोर पड़ रही है और डैमेज हो रही हैं। समय से इस बात का पता करना जरूरी है ताकि आप इन समस्याओं का इलाज करा सके और स्वस्थ जीवन में वापसी कर सकें। तो चलिए यहां जानते हैं नर्व डैमेज के शुरुआती संकेत क्या हैं।
पहले जानिए शरीर में नसों की भूमिका
शरीर में नसों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, यह तो हम सभी जानते हैं। नसें ही हैं जो शरीर के अंगों से दिमाग में और दिमाग से शरीर के अंगों में संदेशों का आदान-प्रदान करती हैं जिससे हमारा शरीर विभिन्न गतिविधियां करता है। कभी-कभी किसी चोट या किसी पुरानी बीमारी या डायबिटीज के कारण तो कभी कुछ दवाओं के प्रभाव से भी नर्व डैमेज हो सकता है। नर्व डैमेज होने से आपके लिए छोटे-छोटे कामों को करना मुश्किल हो सकता है जिससे आपका जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है इसलिए नर्व डैमेज को पहचानना जरूरी है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख संकेत कौन से हैं।
सुन्नपन महसूस होना
यह सबसे प्रमुख लक्षण है और इसके अंदर इंसान को मुख्यतः हाथों और पैरों में सुन्नता महसूस होती है। ऐसा लगता है जैसे इन अंगों में जान ही नहीं है। संदेशों के सही तौर पर मस्तिष्क तक न पहुंच पाने और मस्तिष्क से सही संदेश ना मिल पाने से यह लक्षण पैदा होते हैं। हथेलियों और पंजोंं से शुरू होने वाली सुन्नता धीरे-धीरे बाहों और पैरों में ऊपर तक पहुंच जाती है। ऐसा अगर आपके साथ भी हो रहा है तो सचेत हो जाएं।
मांसपेशियों में कमजोरी
नसें मांसपेशियों से जुड़ी होती हैं और मांसपेशियों की गतिविधि के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होती हैं। इसलिए नसों में कमजोरी होने पर मांसपेशियों की क्षमता में भी कमी आती है। आप खुद को बहुत कमजोर महसूस कर सकते हैं और सामान्य काम ही आपके लिए कठिन हो सकते हैं। यह भी नर्व डैमेज का एक अलार्मिंग संकेत है।
जलन
नर्व डैमेज का एक संकेत यह भी है कि आपके हाथों-पैरों आदि में स्किन के ठीक नीचे जलन महसूस होती है।
तापमान को महसूस न कर पाना
कुछ लोगों के साथ यह भी देखा जाता है कि वे तापमान को महसूस नहीं कर पाते और बहुत गर्म चीजों को छूने पर भी उन्हें एहसास नहीं होता। यह उनके लिए घातक भी हो सकता है।
संतुलन बिगड़ना
अगर चलने-फिरने के दौरान आपका संतुलन बिगड़ रहा है, आप लड़खड़ा रहे हैं या गिर जा रहे हैं तो यह भी नर्व डैमेज का बहुत बड़ा संकेत है।
तीखा दर्द
अगर बिना किसी चोट के बावजूद आपके शरीर के कुछ हिस्से में अचानक तीखा दर्द उठ रहा है और फिर खुद ब खुद ठीक हो रहा है तो यह भी नर्व डैमेज का एक शुरुआती संकेत है। आपको बता दें कि यह दर्द कुछ ऐसा हो सकता है जैसे किसी ने आप पर चाकू से वार कर दिया हो।
ज्यादा पसीना आना
अगर आपको अचानक जरूरत से ज्यादा पसीना आने लग गया है जो कि नॉर्मल नहीं है तो यह भी नर्व डैमेज का एक संकेत हो सकता है।
पेशाब पर नियंत्रण खोना
अगर पेशाब पर आपका नियंत्रण खो रहा है और आपको बिना पता चले ही यूरिन पास हो जा रही है तो यह भी नर्व डैमेज का एक संकेत होता है।
पाचन संबंधित समस्याएं
नर्व डैमेज का असर आपके पाचन तंत्र पर भी पड़ सकता है। आपको गैस, ब्लोटिंग, कब्ज़ जैसी समस्याएं अचानक अधिक होने लगें तो यह भी नर्व डैमेज का संकेत हो सकता है।
यौन समस्याएं
नर्व डैमेज के चलते आपको यौन समस्याएं भी पेश आ सकती है।
सुधार के लिए क्या करें?
नर्व डैमेज के संकेत मिलने पर डॉक्टर से परामर्श करें। यह बहुत जरूरी है क्योंकि उपेक्षा करने पर आपको दीर्घकालिक असर झेलने पड़ सकते हैं। सुधार के कुछ प्रारंभिक उपाय आप यहां जान सकते हैं।
1. शुरुआती तौर पर आप विटामिन बी काॅम्प्लेक्स खासकर विटामिन b1, B6 और B12 की खुराक लें। यह नर्व डैमेज के असर को कम करते हैं। अगर आप आहार से विटामिन बी काॅम्प्लेक्स पाना चाहते हैं तो इसके लिए आप हरी सब्जियां, लो फैट मिल्क प्रोडक्ट्स, अंडे, मीट, मछली, फोर्टिफाइड सीरियल्स आदि ले सकते हैं।
2. आप शुद्ध हल्दी का सेवन अपनी डाइट में बढ़ाएं।
3. ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त फिश, नट्स, सीड्स आदि लें।
4. अल्फा लिपोइक एसिड युक्त चीज़ें जैसे पालक, ब्रोकोली आदि शामिल करें। ये नर्व्स को मजबूती देते हैं।
5. इसके अलावा नर्व डैमेज महसूस करने पर रोजाना गर्म पानी से स्नान करें। मेडिटेशन करें। एक्सरसाइज करें। एक्टिव रहें। धीरे-धीरे आपकी क्षमता बेहतर होगी।
6. नर्व डैमेज का संकेत मिलने पर स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं।