Kuttu Atta Side Effects: नवरात्रि फलाहार में कुट्टू का आटा फिर साबित हुआ जहर समान, जाने इसके सेवन में कौन सी सावधानियां हैं ज़रूरी...

Kuttu Atta Side Effects: नवरात्रि फलाहार में कुट्टू का आटा फिर साबित हुआ जहर समान, जाने इसके सेवन में कौन सी सावधानियां हैं ज़रूरी...

Update: 2025-09-25 07:26 GMT

Kuttu Atta Side Effects: नवरात्रि की शुरुआत में ही दिल्ली में कुट्टू के आटे के सेवन से 200 लोगों की जान संकट में आ गई। ऐसे मामले देश के विभिन्न हिस्सों से समय-समय पर सुर्खियों में आते रहते हैं जब फलाहार बनाने के लिए कुट्टू के आटे का इस्तेमाल करना भारी पड़ जाता है। इसमें दोष कुट्टू के आटे का नहीं, बल्कि सही जानकारी के अभाव का है। अपने आप में कुट्टू का आटा बेहद फायदेमंद हैं लेकिन इसके मिलावटी, दूषित और जल्दी एक्सपायर होने समेत कई अन्य भी कारण हैं जिसके चलते कुट्टू के आटे को ज़हर समान बनते देर नहीं लगती। आइये जानते हैं कुट्टू के आटे के सेवन के समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

जल्दी खराब होता है कुट्टू का आटा

इस बात का खास ख्याल रखें कि कुट्टू के आटे की शेल्फ लाइफ ज्यादा लंबी नहीं होती है। इसमें बैक्टीरिया जल्दी ग्रो करते हैं जिसके चलते आपको फूड पॉइजनिंग, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए लंबे समय से घर में बचा हुआ कुट्टू का आटा इस्तेमाल करने की गलती बिल्कुल न करें। साथ ही मार्केट से पैकेट बंद आटा लें और एक्सपायरी डेट ध्यान से चैक करें। तभी आटा खरीदें। खुले में मिलने वाले आटे में नमी के चलते जल्दी खराबी आ सकती है।

ब्लड शुगर लेवल में गिरावट

कुट्टू का आटा वैसे तो ब्लड शुगर के पेशेंट्स के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें फाइबर की बहुत अच्छी मात्रा होती है लेकिन यही फायदा तब नुकसान में बदल जाता है जब आपका ब्लड शुगर पहले ही कम हो और आप कुट्टू के आटे से बना फलाहार ले लें।ऐसे में आप लो ब्लड शुगर के शिकार भी हो सकते हैं। इसलिए लो ब्लड शुगर वालों को कुट्टू के आटे के सेवन से परहेज करना चाहिए।

पेट की तकलीफ वाले न खाएं

जिन लोगों को पेट से जुड़ी दिक्कतें हैं, आईबीएस है, कब्ज़ रहती है या जल्दी लूज़ मोशन शुरू हो जाते हैं उन सभी को कुट्टू के आटे से परहेज करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में फाइबर होता है जो पेट से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों को नुकसान कर सकता है।

सीवियर एलर्जिक रिएक्शन का खतरा

अगर आपने पहले एक बार कुट्टू के आटे से बनी चीज़ें खाने के बाद असहजता महसूस की हो तो दूसरी बार इसे खाने की गलती बिल्कुल ना करें। क्योंकि इससे सीवियर एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं जैसे सांस लेने में दिक्कत, उल्टी, दस्त आदि जो आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।

बच्चों और गर्भवती को न खाने दें

अभी दिल्ली के केस में बच्चे भी बड़ी संख्या में कुट्टू के आटे से बनी चीज़ें खाने के बाद दिक्कत में आए हैं। बच्चे कोमल होते हैं और उनमें से कइयों में कुट्टू के आटे को पचाने की क्षमता नहीं होती। इसी तरह गर्भवती स्त्री के लिए भी यह बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है इसलिए बच्चों और गर्भवती के लिए कुट्टू का आटा इस्तेमाल न करें।

शरीर में पानी की कमी हो सकती है

जैसा कि हमने बताया कि कुट्टू के आटे में फाइबर बहुत ज्यादा होता है इसलिए इसे पचाने के लिए पानी की भी ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए अगर आपने कुट्टू का आटा खाया और भरपूर पानी नहीं पिया तो शरीर में पानी की कमी हो जाती है जो आपके लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है।

किडनी की समस्या वाले न खाएं

कुट्टू के आटे में फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है। इसलिए अगर आपको किडनी की समस्या है, तो आपका शरीर फॉस्फोरस को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाएगा। इससे आपको दूसरी बड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को कुट्टू के आटे से परहेज करना चाहिए।

लो ब्लड प्रेशर की समस्या

कुट्टू के आटे के सेवन से ब्लड प्रेशर के लो होने की समस्या भी हो सकती है जिससे चक्कर आना, बेहोशी जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं और आपको तुरंत अस्पताल भागने की जरूरत भी पड़ सकती है।

इन फायदों को भी जान लें

ऊपर बताई गई बातों के आधार पर यह न मानें कि कुट्टू का आटा केवल नुकसानदायक है। कुट्टू के आटे के बेहद सारे फायदे भी हैं। यह फाइबर और प्रोटीन से भरपूर है। साथ ही इसमें ढेर सारे अन्य विटामिन्स और मिनरल्स भी हैं। यह बीपी और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है।लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के चलते डायबिटीज के मरीजों के लिए भी कुट्टू का आटा फायदेमंद है। फाइबर से भरपूर होने के कारण देर तक पेट को भरा रखता है जिससे कम खाने की इच्छा होती है और वजन कम करने में मदद मिलती है। स्वस्थ लोगों के पाचन तंत्र के लिए भी यह अच्छा है क्योंकि फाइबर खूब है। हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए भी मददगार है।

लेकिन यह ध्यान रखें कि कुट्टू के आटे के जल्दी खराब होने की आशंका हमेशा है। इसलिए सूखे आटे के पैकेट को फ्रिज़ में सहेजें और दो-तीन महीने के अंदर ही इस्तेमाल कर लें। अगर यह हाथों से छूने पर खुरदुरा महसूस हो, आटा गूंधते समय बिखरा-बिखरा सा रहे, मुश्किल से बंधे या इसकी रंगत सामान्य से अलग दिखे तो इसमें संभवतः फंगस लगनी शुरू हो चुकी है। ऐसा आटा बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें।

कुट्टू के आटे में मिलावट भी खूब होती है। इसे भी परखें। अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को भी ध्यान में रखें और उसी के मुताबिक कुट्टू के आटे के सेवन का निर्णय करें।

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