काम की खबर: बारिश के पानी को पीएं या नहीं?, साथ ही जानें इसके बेहतर इस्तेमाल के टिप्स
बारिश के पानी को देखकर अक्सर आपने मन में भी ये ख्याल कभी न कभी जरूर आया होगा कि क्या हम बारिश के पानी को पी सकते हैं, वहीं कई लोगों ने तो बचपन में इसे पीया भी होगा, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या आप बारिश के पानी को पी सकते हैं या फिर ऐसा करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है?

रायपुर, एनपीजी डेस्क। मानसून के सीजन में आजकल देशभर में जमकर बारिश हो रही है। ऐसे में लोगों को गर्मी से राहत मिली है, तो वहीं लोग बारिश का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां पानी की बहुत समस्या है, वहीं भारत के भी कई राज्य ऐसे हैं, जहां पीने के पानी की किल्लत है। ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि क्या हम बारिश के पानी को पी सकते हैं?
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या आप बारिश के पानी को पी सकते हैं या फिर ऐसा करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है? साथ ही हम आपको ये भी जानकारी देंगे कि बारिश के पानी का हम बेहतर इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं और इसे पीने लायक कैसे बना सकते हैं?

पुराने समय में लोग पीते थे बारिश का पानी, लेकिन अब नुकसानदेह
पहले के जमाने में लोग घरों में बरसात का पानी इकट्ठा करके रखते थे। जरूरत पड़ने पर इसे पीने के लिए भी इस्तेमाल करते थे, लेकिन बढ़ते प्रदूषण ने वातावरण को दूषित कर दिया है, ऐसे में बारिश का पानी नुकसानदायक साबित हो सकता है। आज के समय में बारिश का पानी शुद्ध नहीं है। इसमें वातावरण में मिले प्रदूषित कण बारिश के पानी में मिल सकते हैं। इसे पीने से आप गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। लिहाजा बारिश का पानी बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए।

डायरिया, इन्फेक्शन और फेफड़ों से जुड़ी हो सकती हैं दिक्कतें
बारिश का पानी एसिडिक होता है। हवा में पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड के बीच रिएक्शन के कारण इसका औसत pH लगभग 5.0 से 5.5.3 होता है। इसके अलावा पानी में फाइन पार्टिकल (PM2.5) भी हो सकते हैं। इससे डायरिया, इन्फेक्शन और फेफड़ों से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं।
प्रेगनेंट औरतों, बुजुर्गों और बच्चों को तो बारिश का पानी पीने से जरूर बचना चाहिए। साथ ही जिन लोगों की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी नहीं है, वे भी बरसात का पानी नहीं पीएं।
बारिश के पानी को ऐसे करें साफ या फिर इस तरह से पीने के लिए करें इस्तेमाल
अगर आप बरसात के पानी पर निर्भर हैं, तो इसे उबालकर पी सकते हैं। ऐसा करने से पानी में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस मर जाते हैं। इसके लिए पानी को कम से कम 15 मिनट तक उबालें। वहीं पानी से हैवी मेटल्स को रिमूव करने के लिए वॉटर फिल्ट्रेशन सिस्टम का इस्तेमाल करें. जिस बर्तन में पानी इकट्ठा कर रहे हैं, वह कांच, स्टेनलेस स्टील, पॉलीप्रोपाइलीन और फूड ग्रेड मटेरियल से बना होना चाहिए।
बारिश के पानी को इन चीजों में करें इस्तेमाल
आप बारिश के पानी का इस्तेमाल बर्तन धोने, गार्डनिंग, सफाई, नहाने और कपड़े धोने के लिए करें। बारिश के पानी का इस्तेमाल आप घर की साफ-सफाई के लिए कर सकते हैं।
बारिश के पानी के फायदे
- बारिश का पानी शरीर, त्वचा और चेहरे को साफ करता है।
- चेहरे पर जमा हानिकारक बैक्टीरिया को दूर कर देता है।
- बारिश का पानी बहुत हल्का होता है और इसका पीएच क्षारीय होता है, जो बालों से गंदगी दूर करने में मदद करता है।
- बारिश का पानी कपड़ों की चमक भी बढ़ाता है।
- इससे कपड़े का रंग लंबे समय तक बरकरार रहता है।
- बारिश होने पर पेड़-पौधे भी हरे-भरे हो जाते हैं।
- बारिश के पानी से सिंचाई करने से पेड़ और पौधों में फूल, कलियां और फल बहुत तेजी से आते हैं।
बारिश के पानी के नुकसान
- बरसात के पानी में पार्टिकुलेट मैटर होता है।
- इसमें वाष्पशील यौगिक घुले होते हैं, जो हवा में वाष्पित हो जाते हैं और अम्ल वर्षा कराते हैं। इसके कारण पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- कई बार बारिश का पानी सूक्ष्म जीवाणुओं के कारण दूषित हो जाता है, जिसे पीने पर पेट में संक्रमण पैदा हो जाता है।
- बारिश के पानी में कई तरह के धातु और आर्सेनिक मिले होते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं।
- अगर किसी व्यक्ति की त्वचा संवेदनशील है, तो बारिश के पानी से उसे खुजली होने लगती है और चेहरे व शरीर पर दाने उभर आते हैं।
- संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए बारिश का पानी नुकसानदायक हो सकता है।
- बारिश में भीगने के बाद बालों को अच्छी तरह से पोंछने के बाद सुखा लेना चाहिए।
- यह घावों जल्दी सूखने नहीं देता है और उनमें सड़न पैदा कर देता है।
- बारिश के पानी से पैरों की उंगलियों में तेज खुजली होती है, उंगलियों की त्वचा मृत हो जाती है।
- पैरों को बारिश के पानी से बचाकर रखना चाहिए।
- बारिश का पानी कई तरह की संक्रामक बीमारियों को भी जन्म देता है।
- जगह-जगह गड्ढों में बारिश का पानी इकट्ठा होने से इसमें हानिकारक जीवाणु पैदा होते हैं, साथ में मच्छर भी बहुत तेजी से पैदा होते हैं, जिससे मलेरिया होने का खतरा बना रहता है।