How To Stay Young In Old Age: बुढ़ापे को 20 साल पीछे धकेलना है तो 40 प्लस में ये छह काम ज़रूर करें...
How To Stay Young In Old Age: बुढ़ापे को 20 साल पीछे धकेलना है तो 40 प्लस में ये छह काम ज़रूर करें...
How To Stay Young In Old Age: बहुत से ऐसे लोग हैं जो 65-70 की उम्र में भी के 50 के नज़र आते हैं। फिर चाहे वे पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ हों या कुछ मिलिंद सोमन जैसे माॅडल या कुछ बाॅलीवुड स्टार। दरअसल इन सभी लोगों ने उन तरीकों को समझ लिया है और जीवन में उतार लिया है जो बुढ़ापे को पीछे धकेलते हैं। हम या आप भी यह कर सकते हैं। यहां हम उन पांच खास बदलावों की बात कर रहे हैं जिन्हें हमें 40 प्लस होते ही जीवन में उतार लेना चाहिए जिससे न केवल हम अपनी उम्र से छोटे नजर आएं बल्कि अंदर से स्वस्थ और खुशहाल भी रहें, बीमारियां हमसे कोसों दूर रहें और हम एनर्जी से भरपूर रहें। तो क्या है ये पांच बड़े बदलाव? चलिए जानते हैं।
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करें
40 पार में हमारा मेटाबॉलिज्म दिन पर दिन स्लो होने लगता है इसका असर यह होता है की बॉडी फूड से प्राप्त कैलोरी को ऊर्जा में तेजी से बदल नहीं पाती और फैट इकट्ठा होने लगता है। यह इकट्ठा होता हुआ फैट न केवल हमें मोटा और उम्र से बड़ा दिखाता है बल्कि अनेक बीमारियों की वजह भी बनता है तो हमें सतर्क होकर मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए और ऐसी डाइट लेना चाहिए जिसमें विटामिन,मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर हों।
क्या करें - मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए आप साबूत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां,खट्टे फल, फूलगोभी, पत्ता गोभी, जैसी क्रूसीफेरस सब्जियां और बेरीज़ लें। ये न केवल आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करेंगी बल्कि आपको अंदर से मजबूत बनाएंगी और इम्यूनिटी को भी स्ट्रांग करेंगी। साथ ही शुगर-बीपी जैसी बीमारियों से हमारा बचाव करेंगी।
मसल मास लाॅस को रोकें
इस उम्र में मसल मास तेजी से कम होता है जिससे हमारी स्ट्रैंथ कम होने लगती है और डेली एक्टिविटीज करने की हमारी क्षमता भी घटने लगती हैं। सरल शब्दों में मसल मास शरीर में सॉफ्ट मसल टिश्यू की मात्रा है। यह मुख्यतः उम्र के साथ होने वाले हार्मोनल चेंजेज़ के कारण और एक्टिविटीज़ कम होने के कारण होता है। मसल मास बढ़ने से शरीर की ताकत बढ़ जाती है। हड्डियों को अच्छा सपोर्ट मिलता है। शरीर का संतुलन बेहतर रहता है।बढ़ती उम्र में जिन लोगों का मसल मास ज़्यादा होता हैं, उन्हें असंतुलन के चलते गिरने, चोट लगने, फ्रेक्चर आदि से लेकर समय से पहले मौत होने का खतरा भी कम रहता है। इसलिये बुढ़ापे की समस्याओं को पीछे धकेलने के लिए मसल मास के लाॅस को रोकना ज़रूरी है।
क्या करें- स्ट्रैंथ ट्रेनिंग करें। स्क्वेट, पुश अप्स, वाॅल पुश अप्स, हल्के वेट उठाएं, बैलेंस को साधें। इसके अलावा खाने में प्रोटीन इंटेक बढ़ाएं। इसमें अंडे, दालें,डेयरी प्रोडक्ट, छोले, चने, कई बीज आपकी मदद करेंगे। प्रोटीन मसल मास को बनाने और रिपेयर करने में बहुत मदद करता है। साथ ही पर्याप्त नींद भी लें।
बोन डेंसिटी बढ़ाएं
उम्र बढ़ाने के साथ बोन की डेंसिटी यानी सघनता कम होने लगती है। वे कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस के चलते उनके जल्दी टूटने का डर पैदा होता है। इसके लिए हार्मोनल चेंजेज़, कैल्शियम और विटामिन डी की डिफिशिएंसी, कम एक्टिविटीज़ जैसे कई कारण जिम्मेदार होते हैं।
क्या करें- कैल्शियम रिच डाइट लें जैसे मिल्क प्रोडक्ट,ग्रीन लीफी वेजिटेबल्स, रागी आदि मिलेट, सब्जा सीड्स,चिया सीड्स आदि। इसके अलावा कैल्शियम के बेहतर अब्जॉर्प्शन के लिए विटामिन डी लें इसके लिए आप कम से कम 20-30 मिनट सूरज की रोशनी में बैठे। हल्की-फुल्की वेट लिफ्टिंग करें।
स्किन पर एजिंग के असर को स्लो करें
बुढ़ापे को पीछे धकेलने के लिए स्किन पर एजिंग के इफेक्ट को कम करने की कोशिश भी करनी चाहिए। जब बॉडी में कोलेजन और हाइड्रेशन की कमी होने लगती है तो रिंकल्स और फाइन लाइंस दिखना शुरु हो जाते हैं। हम विटामिन- मिनरल्स,एंटीऑक्सीडेंट्स के इंटेक और थोड़ी सावधानियां रख कर स्किन पर एजिंग के असर को खत्म नहीं तो कम ज़रूर कर सकते हैं।
क्या करें- इसके लिए आप पानी भरपूर पिएं।कोलेजन बढ़ाने वाली डाइट लें। धूप के ज्यादा एक्सपोज़र से बचें। हरी पत्तेदार सब्जियां, आंवला,स्ट्राॅबेरीज़,खट्टे फल आदि लें।
मेंटल हेल्थ बेहतर रखने पर फोकस करें
उम्र बढ़ने के साथ हमारे मस्तिष्क की क्षमता भी घटने लगती है। जिससे चीज़ों को समझने, याद रखने, एकाग्र होने आदि में दिक्कतें आती हैं।
क्या करें- फिज़िकली एक्टिव रहें। नई भाषा सीखें। अपनी हाॅबी को समय दें। दिमाग को तेज करने वाली पहेलियाँ, सुडोकू आदि हल करें। सामाजिक दायरा बढ़ाएं। ओमेगा 3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम रिच डाइट लें।
हार्मोनल इंबैलेंस को रोकें
हार्मोनल इंबैलेंस भी आपको समय से पहले बूढ़ा बना देते हैं। एस्ट्रोजन,टेस्टोस्टेरॉन आदि का संतुलन बिगड़ने से न केवल शरीर पर बल्कि मनोदशा पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
क्या करें- तनाव को मैनेज करने की विधियों को सीखें। योग-मैडिटेशन को अपनाएं। बाहर निकलें। मेंटल डिटॉक्स पर ध्यान दें। फाइबर बढ़ाएं। साबुत अनाज और फल लें। पर्याप्त नींद लें। कैफीन-अल्कोहल का सेवन कम करें, फिज़िकल एक्टिविटीज़ बढ़ाएं।