Gol Bhaji : कैंसर और डायबिटीज भी गायब कर देगा "कुल्फा भाजी", छत्तीसगढ़ में कहा जाता है "गोल भाजी", कई बीमारियों के साथ बचाता है लू से

कुल्फा गर्मियो में लू से बचाता है. कुल्फा में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करता है.

Update: 2024-04-25 13:51 GMT

कुल्फा एक पत्तेदार पौधा है, जिसकी पत्तियां गोल होती है. इस पौधे पर छोटे पीले रंग के फूल उगते हैं, जो बाद में कैप्सूल जैसे फलों का रूप ले लेते हैं. यह शरीर में नमी को बनाए रखता है.

छत्तीसगढ़ में इस गोल भाजी के नाम से भी जाना जाता है। इसे बड़े चाव से खाया जाता है। 

कुल्फा गर्मियो में लू से बचाता है. कुल्फा में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करता है. शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कंट्रोल कर दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है.

कुल्फा को दाल में मिलाकर भी पका सकते हैं. इसके अलावा सब्जी भी बना सकते हैं या फिर दूसरी हरी सब्जियों के साथ मिलाकर पका सकते हैं. कुल्फा का पराठा और चीला बनाकर भी खा सकते हैं. अगर किसी को पहले से किडनी की समस्या हो या फिर पथरी हो, तो वह कुल्फा का सेवन न करें.

यह साग आमतौर पर बगीचों, मैदानों और सड़कों के किनारे पाया जाता है. इस साग की खास बात यह है कि इसके पत्ते और डंठल दोनों ही खाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.


खरपतवार के रूप में खुद ही तैयार हो जाता है



कुल्फा हमारे खेतों में खरपतवार के रूप में खुद ही तैयार हो जाता है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ए, मैग्निशियम, कैल्सियम, आयरन, पोटैशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें मौजूद कैल्सियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. यह साग आमतौर पर बगीचों, मैदानों और सड़कों के किनारे पाया जाता है. इस साग की खास बात यह है कि इसके पत्ते और डंठल दोनों ही खाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. ये पौधा धूप की तेज तपिश में भी डटकर खड़ा रहता है, इसलिये इसकी खेती ज्यादातर गर्मियों में की जाती है.


पाचन तंत्र, मधुमेह और हड्डियों और दंत के लिए फ़ायदेमंद  

कुल्फा कम ऊर्जा और ज्यादा फाइबर वाला साग है. यह पाचन तंत्र को मजबूत करके वजन को नियंत्रित करता है. इसकी वजह से यह मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए भी बेहद ही फायदेमंद है. यह खून में शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. अगर आप अपनी हड्डियों और दांतों को हेल्दी और मजबूत बनाना चाहते हैं, तो कुल्फा को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.

  • एनीमिया की समस्या को दूर करता है

कुल्फा शरीर में रक्त निर्माण में सहायक होता है. यह एनीमिया की समस्या को दूर करता है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ए और बीटा कैरोटीन आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार होते हैं. कुल्फा का साग आयरन से भरपूर माना जाता है. अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है तो आपको इस साग को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. कुल्फा का साग तेजी से आपके शरीर में खून की कमी को दूर करता है.

तंत्रिका तंत्र को मजबूत

कुल्फा में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने का काम करते हैं. इसका लगातार सेवन करने से कैंसर का खतरा कम होता है.कुल्फा के साग में एंटीइंफ्लामेटरी गुण होता है जो सूजन संबंधी सभी तरह की समस्याओं को कम करने में माहिर है. यानी अगर किसी को गठिया है तो कुल्फा का साग खाने से गठिया के दर्द से राहत मिल सकती है.



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