Diet For Pregnancy: पहली बार माँ बनने जा रही हैं? तो इस तरह रखिए अपना और अपने खानपान का ध्यान...
Diet For Pregnancy: पहली बार माँ बनने जा रही हैं? तो इस तरह रखिए अपना और अपने खानपान का ध्यान...
Diet For Pregnancy: आप माँ बनने जा रही हैं। यह जितना सुखद अहसास है उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी है। अब आपको अपना और भी बेहतर तरीके से ख्याल रखना है। अपने साथ अपने पेट में विकसित हो रहे नन्हे बच्चे के हिसाब से भी पोषक तत्व लेने हैं। खाने की मात्रा में भी थोड़ा इज़ाफा करना है लेकिन तीन से ज्यादा मील में बांटकर। आपको शुरुआती महीनों में 300 अतिरिक्त कैलोरी लेने की ज़रूरत होती है जिसे अगले महीनों में डाॅक्टर की सलाह अनुसार बढ़ाएं। आपको ध्यान देना होता है कि आपकी डाइट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन, फोलिक एसिड, आयरन और विटामिन्स ज़रूर शामिल हों। साथ ही साथ आपको एक्टिव भी रहना है लेकिन सावधानी पूर्वक थोड़ी धीमी गति से चलकर। छोटी-छोटी सावधानियां और अच्छे आहार से आपकी गोद में एक स्वस्थ शिशु आने की पूरी संभावना है। तो यकीनन इसके लिए आप कोशिश करेंगी ही। हम यहां बता रहे हैं कि प्रैगनेंसी के दौरान आपका खानपान कैसा होना चाहिए।
प्रेगनेंसी और खानपान
प्रेगनेंसी के शुरुआती तीन महीने काफी कठिन होते हैं। ज़रा सी चूक भारी पड़ सकती है। इसलिये अपने डाॅक्टर के दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करें। अगर आपको बीपी की समस्या पहले से है तो डाॅक्टर को पहले ही बता दें। डाॅक्टर शिशु के स्वस्थ विकास के लिए और आपके लिए ज़रूरी सभी दवाइयां प्रैगनेंसी कन्फर्म होने के बाद से ही शुरू कर देते हैं। बढ़ा हुआ बीपी होने पर वे उसकी दवा भी एड करेंगे। साथ ही आपको खानपान में कौन सी चीज़ें बढ़ानी चाहिए, वे इसकी जानकारी भी देंगें। हम यहां आपके लिए ज़रूरी खानपान की जानकारी दे रहे हैं। इनमें से जो चीज़ें आपको उपलब्ध हो सकती हैं, वे ज़रूर लें।
कार्बोहाइड्रेट
जैसा कि आप जानती हैं कि कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत हैं। शुरुआती महीनों में गर्भवती को खाने से करीब दो सो-सवा दो सौ ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए। कार्बोहाईड्रेट्स शरीर में जाने के बाद ग्लूकोज में बदल जाते हैं जो मां और गर्भस्थ शिशु दोनों को एनर्जी देते हैं। कार्बोहाइड्रेट के लिए आप गेहूं के आटे की रोटी, चावल, दलिया, शकरकंद, ओट्स,रागी जैसी चीजें ले सकती हैं।
कैल्शियम
कैल्शियम शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए आवश्यक है। एक प्रेग्नेंट महिला को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम हर रोज लेना चाहिए। कैल्शियम तंत्रिका और पेशी तंत्र को भी नियंत्रित करता है। कैल्शियम के लिए दूध, पनीर, दही आदि सबसे आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं और शरीर इनका इस्तेमाल भी आसानी से कर पाता है। इसके अलावा संतरे, पालक, सोया उत्पाद, कीवी, स्ट्राबेरी और सैल्मन फिश भी ले सकती हैं।
प्रोटीन
प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोटीन ऊतकों के विकास में योगदान देता है। यह शरीर को ऊर्जा देता है।मांसपेशियों के विकास में अहम है और त्वचा के निर्माण के लिए भी ज़रूरी होता है। प्रोटीन के लिए आप दालें, राजमा, अंडा, दूध, चीज़
पनीर, सोया, ओट्स, अच्छी तरह पका हुआ अंडा आदि ले सकती हैं। ध्यान दें कि प्रोटीन की मात्रा 100 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिये। डाॅक्टर आपको अधिक सटीक जानकारी देंगे।
आयोडीन
आयोडीन बढ़ते हुए शिशु के दिमाग के विकास के लिए बेहद ज़रूरी है। साथ ही यह मां और भ्रूण के थायराइड हार्मोन बनने के लिए भी जरूरी है। सबसे पहले तो इसकी पूर्ति आप फोर्टिफाइड आयोडीन युक्त नमक से कर सकती हैं। इसके अलावा दूध, दही, पनीर आदि डेयरी प्रोडक्ट, ग्रीन बीन्स और अच्छी तरह उबला अंडा भी प्रेग्नेंसी में आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।
फोलिक एसिड
गर्भवती के लिए फोलिक एसिड लेना बहुत ज़रूरी है। इसकी हर रोज 400 माइक्रोग्राम मात्रा की ज़रूरत मां को अवश्य ही होती है।फोलिक एसिड लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है। साथ ही डीएनए के संश्लेषण तथा मरम्मत करने के लिए भी शरीर फोलिक एसिड का इस्तेमाल करता है। फोलिक एसिड के लिए आप गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, मटर, दाल, ब्रोकोली, राजमा और अन्य फोर्टिफाइड अनाज का सेवन कर सकती हैं।
आयरन
शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। हीमोग्लोबिन स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक है। लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं। यही नहीं आयरन की कमी होने पर महिलाओं को एनीमिया, थकान, कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं। आयरन की पूर्ति के लिए आप पालक, फलियां, दाल, छोले, राजमा, कद्दू के बीज, खुबानी, किशमिश और इसके अलावा डाॅक्टर से सलाह ले कर लीन मीट का सेवन कर सकती हैं।
विटामिन्स
गर्भस्थ शिशु के उचित विकास के लिए विटामिन्स की पूर्ति पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए।
विटामिन सी
आयरन के अवशोषण और बच्चे के शरीर के सही विकास के लिए विटामिन सी आपको खट्टे फलों से मिलेगा। आप संतरे, अमरूद, नींबू, किवी आदि ले सकती हैं।
विटामिन डी
विटामिन डी बच्चे की हड्डियों को मजबूत करेगा और आपको भी थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ेपन आदि से बचाएगा। अनाज, दूध, अंडा, सैल्मन,सार्डिन आदि मछलियों से आपको विटामिन डी मिलेगा। डाॅक्टर आपको ज़रूरी सप्लीमेंट्स देंगे।
विटामिन बी6
विटामिन बी6 मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए आवश्यक है । विटामिन बी 6 के लिए आप फोर्टिफाइड अनाज, चना, सैल्मन मछली, आलू, स्टार्च वाली सब्जियां, आलूबुखारा, केला आदि ले सकती हैं।
विटामिन ए
बच्चे के विकास के लिए विटामिन ए की भी आवश्यकता होती है।अंडे, तैलीय मछली, दूध और फोर्टिफाइड अनाज जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन ए से भरपूर होते हैं।
विटामिन बी 12
विटामिन बी12 शिशु के स्वस्थ मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए आवश्यक है। फोर्टिफाइड अनाज, दूध, दही, पनीर, सोया उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, संतरे, केला, सेब, चुकंदर, फोर्टिफाइड सीरियल्स आदि ले सकते हैं। इसके अलावा अन्य ज़रूरी पोषक तत्वों की जानकारी आपको आपके डाॅक्टर देंगे। ध्यान दें कि गर्भावस्था के दौरान जंक फूड और शराब, सिगरेट से बचना चाहिए। कच्चे पपीते के सेवन के लिए भी सामान्यतया मना किया जाता है।
डिस्क्लेमर : खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है।आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने डाॅक्टर की राय अवश्य ले लें। हमारा मकसद आप तक जानकारी पहुंचाना भर है।