Dahi-Chuda Khane Ke Fayde: गोल्डन काॅम्बिनेशन कहलाता है दही-चूड़ा का मेल, विटामिन बी-12 की नहीं होने देता कमी, जानिए कमाल के फायदे और कुछ परहेज...
Dahi-Chuda Khane Ke Fayde: गोल्डन काॅम्बिनेशन कहलाता है दही-चूड़ा का मेल, विटामिन बी-12 की नहीं होने देता कमी, जानिए कमाल के फायदे और कुछ परहेज...
Dahi-Chuda Khane Ke Fayde: बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत आसपास के इलाकों में सुबह के नाश्ते और खासकर मकर संक्रांति के दिन दही चूड़ा खाने का खूब चलन है। कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन इसके सेवन से जीवन में खुशहाली आती है। दही-चूड़ा को माॅडर्न मेडिसिन में भी एक गोल्डन काॅम्बिनेशन बताया गया है जो कि आपके शरीर में विटामिन बी 12 और कैल्शियम-आयरन समेत विभिन्न विटामिन्स - मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट की पूर्ति करता है। इसलिये यह नाश्ते का एक बेहतरीन विकल्प है। पोषक तत्वों से भरपूर ताज़ा दही और चूड़ा का काॅम्बिनेशन ग्लूटेन फ्री होने के साथ एक लो कैलोरी, लो स्टार्च वाला फूड भी है जो शरीर को अंदर से स्वस्थ रखता है। तो आइए जानते हैं दही-चूड़ा खाने के खास फायदे, साथ ही यह भी जानेंगे कि किन लोगों को इसके सेवन से परहेज करना चाहिए।
पोषक तत्वों का है खजाना
दही-चूड़ा काॅम्बिनेशन में पोषक तत्वों की भरमार है। बेहतरीन प्रोबायोटिक दही कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन बी-12, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन समेत अनेक पोषक तत्वों से भरा होता है। वहीं चूड़ा यानी पोहा आयरन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होता है। साथ ही इसमें प्रोटीन, कैल्शियम समेत कई विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं।
विटामिन बी 12 की करेगा पूर्ति
बिहार के फेमस डाॅक्टर डॉ राजीव रंजन के अनुसार दही-चूड़ा का कांबिनेशन एक गोल्डन काॅबिनेशन है। इसकी खास बात यह है कि यह शरीर में B12 की पूर्ति करता है जिसकी भारत के करीब 75% लोगों में भारी कमी है। B12 की कमी होने से अनेक शारीरिक और मानसिक तकलीफें होती हैं। शरीर कमजोर हो जाता है। नसें अपनी ताकत खो देती हैं और इंसान खुद को अशक्त महसूस करता है। डॉ राजीव रंजन कहते हैं कि यदि हम दिन के पहले मील के रूप में दही-चूड़ा का सेवन नियमित रूप से करने लगें तो विटामिन B12 की कमी होगी ही नहीं।
वेट लॉस में मदद
दही-चूड़ा के काॅम्बिनेशन से आपको वेट लॉस में भी मदद मिलती है। मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने वाला दही-चूड़ा एक लो कैलोरी फूड है जो कि फाइबर से भी भरपूर है। इसलिए एक कटोरी दही-चूड़ा के सेवन से आपका पेट घंटों भरा रहता है और आप ओवर ईटिंग से बच जाते हैं जिससे आपको वेट लॉस में भी मदद मिलती है।
पाचन करे बेहतर
दही-चूड़ा के सेवन से पाचन को दुरुस्त करने में भी मदद मिलती है। दरअसल दही में प्रोबायोटिक होते हैं जो आंत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह हानिकारक बैक्टीरिया को मारता हैं और गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है जिससे संपूर्ण पाचन तंत्र को फायदा होता है और पाचन क्रिया सुचारू रूप से चलती है। दही-चूड़ा के साथ में सेवन से अपच, ब्लोटिंग कब्ज़ जैसी तमाम समस्याओं से राहत मिलती है। खासकर अगर आप लूज मोशन जैसी समस्या से पीड़ित है तब दही-चूड़ा खाना आपके लिए बेहद फायदेमंद है।
एनीमिया से राहत
आयरन से भरपूर दही-चूड़ा हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है इसलिए इसके सेवन से एनीमिया से राहत मिलती है। आमतौर पर महिलाएं एनीमिया से खासकर पीड़ित होती हैं। इसलिए आसानी से बनने वाला दही चूड़े का नाश्ता उनके लिए बेहद ही फायदेमंद है।
हड्डियों को बनाए मजबूत
दही-चूड़ा के सेवन से हड्डियों का मजबूत बनाने में मदद मिलती है। कैल्शियम के साथ-साथ मैग्नीशियम,पोटैशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर दही चूड़ा हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है। इसके नियमित सेवन से उम्र बढ़ने के बावजूद हड्डियां खोखली होने से बच जाती हैं।
हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
दही-चूड़ा का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह कोलेस्ट्रॉल को घटाता है और बीपी को भी नियंत्रित रखता है। पाचन को सुचारु रख कर भी यह काॅम्बिनेशन हृदय रोगों के जोखिम से बचाव करता है। दही चूड़ा में नमक डालने के बजाय गुड़ का प्रयोग किया जाता है। इसलिए बीपी पेशेंट्स के लिए यह नाश्ता बहुत बढ़िया है क्योंकि उनके लिए नमक का सीमित सेवन अनिवार्य है।
डायबिटीज़ में फायदेमंद
दही-चूड़ा का सेवन डायबिटीज के पेशेंट के लिए भी फायदेमंद है। दरअसल दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद करता है जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहती है। वहीं पोहे में मौजूद फाइबर इसे धीरे-धीरे पचने वाला भोजन बनाता है जिससे ब्लड में ग्लूकोज़ भी धीरे-धीरे मिलता है।
ये लोग बरतें एहतियात
1. दही-चूड़ा का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है लेकिन कुछ परिस्थितियों में इसके सेवन को अवॉइड करना चाहिए।
2. आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों के शरीर में कफ प्रबल होता है, उन्हें दही के सेवन से बचना चाहिए।
3. जिन लोगों का पाचन कमजोर है, उनके लिए भी इस नाश्ते को पचाना थोड़ा कठिन हो सकता है।
4. दही में लैक्टोज होते हैं इसलिए लेक्टोज इन्टोलरेंस वाले लोगों को इस नाश्ते से परहेज करना चाहिए वरना उन्हें पेट में ऐंठन, दस्त, मरोड़, पेट फूलना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
5. अर्थराइटिस के मरीजों को भी दही-चूड़ा के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह उनके दर्द को बढ़ा सकता है।
6. रात में दही-चूड़ा खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह कफ बढ़ा सकता है।