कोरोना को लेकर आ सकती है गाइडलाइन, पीएम मोदी की हाई लेवल मीटिंग खत्म....

Update: 2022-12-22 13:36 GMT

NPG न्यूज़। कोरोना को लेकर पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक खत्म हो गई है। बैठक के बाद कहा जा रहा है कि जल्द ही कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी की जा सकती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की गई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, नीति आयोग के मुख्य अधिकारी परमेश्वर अय्यर, सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

करीब दो घंटे चली बैठक के बाद संभावना है कि राज्यों को क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान मास्क और सामाजिक दूरी पर जोर देने और भीड़ को रोकने की सलाह देते हुए एक नोट जारी किए जा सकते है।वहीं, राज्य सरकारें भी इसको लेकर अपनी-अपनी तैयारी कर रही हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आज कोरोना को लेकर आपात बैठक करेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने कोविड टेस्ट की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है। वहीं, केरल सरकार ने वायरस के संभावित प्रसार को लेकर चेतावनी दी है। फिर एक बार कोरोना का कहर!: फर्श पर लेटे मरीज, बेहोश होते डॉक्टर...अस्पताल की भयावह हालत का वीडियो वायरल...

दुनियाभर के कई देशों में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है। इसे लेकर भारत भी अलर्ट मोड पर है। केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देश दिये गए है कि वे कोरोना सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें। साथ ही नए वैरिएंट्स का समय रहते ही पता लगाए। इस समय देश में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं हैं, मौतें भी काफी कम हो गई हैं। लेकिन पूरी दुनिया में ये वायरस फिर पैर पसार रहा है, ऐसे में सरकार भी कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। वैसे एक तरफ भारत सरकार सभी राज्यों को सावधान रहने के लिए कह रही है, वहीं दूसरी तरफ पैनिक ना करने की भी नसीहत दे रही है। कोरोना को लेकर बड़ी बैठक: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से किया ये आग्रह...

मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा है जिसमें कोरोना वायरस के नये वैरिएंट पर नजर रखने के लिए संक्रमित पाये गये नमूनों के जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाने का आग्रह किया। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जो पत्र लिखा गया है वो केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लिखा है जिसमें कहा गया है कि इस तरह की कवायद देश में वायरस के नये वैरिएंट का समय पर पता लगाने में सक्षम होगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सुनिश्चित करेगी।

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