जूनियर डॉक्टर्स ने खोला मोर्चा: स्वास्थ्य मंत्री से मिले जूनियर डॉक्टर, दूसरे राज्यों से मानदेय कम होने पर नाराजगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टर्स को अन्य कई राज्यों के मुकाबले कम मानदेय मिलने की शिकायत लेकर शुक्रवार को डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भेंट की। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने उन्हें आश्वस्त कराया कि वे वित्त विभाग से बात करेंगे। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि मूलभूत उनकी मांगों पर शासन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया तो वे हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे।
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में इंटर्न डॉक्टर्स को 12500 रुपए हर महीने मानदेय मिलता है। यह देश के किसी भी दूसरे राज्य से कम है। एक डॉक्टर को इतना कम मानदेय कैसे मिल सकता है। 2014 के बाद से इसमें वृद्धि नहीं हुई है। इसके अलावा पीजी रेसीडेंट का मानदेय भी दूसरे राज्यों से कम है। इसको लेकर कई बार मुलाकात और बैठकें हुई हैं पर अब तक उचित समाधान नहीं हुआ है।
जूडॉ के प्रेसीडेंट डॉ. प्रेम चौधरी ने कहा कि एमडी/एमएस पास हो जाने के बाद राज्य सरकार दो साल का बॉन्ड भरवाती है। उसमें जो मानदेय मिल रहा है, वह जूनियर रेसीडेंट डॉक्टर से भी कम है। जूनियर रेसीडेंट जो अभी पीजी कर रहा है, उसको ज्यादा मानदेय और जो एमडी-एमएस यानी पीजी कर चुके हैं, उनका जूनियर से कम वेतन कैसे हो सकता है। यह भी दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे कम है। यही नहीं, बॉन्ड की व्यवस्था भी दूसरे राज्यों में कम समय के लिए है।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की मांगें उचित हैं। वे वित्त विभाग को अपनी अनुशंसा भेजेंगे। इधर, बेसिक डिमांड पूरी नहीं होने की स्थिति में जूनियर डॉक्टर और इंटर्न एसोसिएशन ने हड़ताल की चेतावनी दी है। साथ ही, यह भी कहा है कि हड़ताल पर जाने की स्थिति में मरीजों के इलाज पर जो भी असर पड़ेगा, उसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
इस दौरान डॉ. अमन अग्रवाल, डॉ. गौरव परिहार, डॉ. आयुष वर्मा, डॉ. व्योम अग्रवाल, डॉ. सत्यम जैन, डॉ. कंवरजीत, डॉ. हिमांशु सिन्हा, डॉ. आशुतोष पांडेय और पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज यूजी के प्रेसीडेंट डॉ. गगनमोहन छाबड़ा मौजूद थे।