Benefits of Jayanti: गंजापन भी दूर कर सकता है ये चमत्कारी जयंती का पौधा...

Update: 2023-07-28 16:41 GMT

Benefits of Jayanti : रायपुर। बहुत से पेड़-पौधे ऐसे होते हैं, जिनके बारे में हम जानते नहीं और इस कारण उन्हें देख कर भी अनदेखा कर देते हैं। ऐसा ही एक पौधा है जयंती।जयंती का वानस्पतिक नाम सेस्बेनिया सेसबेन है। यह भारत में लगभग सभी जगहों पर मिल जाता है। हालांकि दक्षिण भारत में ज्यादा देखा जाता है। आमतौर पर पीले फूलों वाली जंयती सभी जगह पाई जाती है। वैसे इसके सफेद, लाल और काले फूलों वाले पौधे भी होते हैं। पर ये रेयरली नज़र आते हैं। हर पौधे का अलग और खास महत्व है। आयुर्वेद जयंती को महत्वपूर्ण औषधि मानता है। इसके जड़, बीज, पत्ते, छाल और फूल, सभी उपयोगी होते हैं। यह कफ तथा पित को शान्त करती है। हम यहां आपको जयंती के प्रमुख फायदे बता रहे हैं।

सर्दी-जुकाम दूर करेंगे जयंती के फूल

मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम होना आम बात है। बहुत से लोगों को एलर्जी के कारण भी सर्दी होती है। जयन्ती के फूलों का चूर्ण बनाकर 1-2 ग्राम मात्रा में सेवन करने से जुकाम में लाभ होता है।

गंजापन दूर करते हैं जयंती के पत्ते

बाल झड़ना आज के दौर की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक बन गया है। लोग बालों को झड़ने से बचाने के लिए तरह-तरह के महंगे इलाज आज़मा रहे हैं। आयुर्वेद के अनुसार जयंती के पत्तों को पीसकर सिर में लगाने से या जयंती के पत्तों का काढा बनाकर सिर को धोने से बालों का झड़ना बंद होता है और गंजापन भी दूर हो सकता है।

जोड़ों के दर्द में मिले राहत

पहले जोड़ों का दर्द आमतौर पर बुजुर्गों में पाई जाने वाली आम समस्या थी लेकिन अब युवा भी इसके शिकार होने लगे हैं। जयन्ती के पत्तों को पीसकर घुटने या दर्द वाले हिस्से पर लगाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। वहीं अगर जोड़ों में सूजन के कारण दर्द और तकलीफ है तो जयंती के पत्तों को हल्दी तथा लहसुन के साथ पीसकर सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन कम हो जाती है।

अण्डकोषों की सूजन कम करे

बहुत से पुरुष अंडकोषों की सूजन से परेशान होते हैं। जयंती के पत्तों को पीसकर अण्डकोषों पर लगाने से इनकी सूजन से राहत मिलती है।

पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से राहत

अगर पीरियड्स रेगुलर न हों, पेट में दर्द हद से ज्यादा हो या रक्त स्राव बेहद कम हो तो इस तरह की सभी समस्याओं में जयंती उपयोगी है।

बिच्छू का जहर उतार देता है जयंती

बिच्छू काट ले तो उसकी पीड़ा असहनीय होती है। ऐसे में जयंती की जड़ के चूर्ण को बिच्छु के काटे हुए स्थान पर लगाएं। इससे बिच्छू के काटने से होने वाला दर्द और जलन आदि समाप्त होते हैं।

पेशाब की जलन दूर करे

पेशाब की जलन कई बार इतनी बढ़ जाती है कि सहना मुश्किल होता है। जयंती के पत्तों का काढ़ा पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।

बच्चों के पेट के कीड़े मार देता है जयंती

छोटे बच्चों को पेट में कीड़े होने की समस्या अक्सर हो जाती है। इससे उनकी भूख मर जाती है और शरीर का सही तरीके से विकास भी नहीं होता। जयंती के पत्तों का रस 5-10 एमएल मात्रा में पिलाने से बच्चों के पेट के कीड़े मर जाते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि जयंती का उपयोग करने से पहले एक आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श ज़रूर ले लें और उनकी बताई मात्रा और विधि का पालन करें।

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