6-6-6 Walking Rule: बहुत चर्चित हो रहा है वाॅकिंग का 6-6-6 रूल, क्या आपको पता है इसके बारे में, जानिए रोज़ वाॅक करने के फायदे...

6-6-6 Walking Rule: बहुत चर्चित हो रहा है वाॅकिंग का 6-6-6 रूल, क्या आपको पता है इसके बारे में, जानिए रोज़ वाॅक करने के फायदे...

Update: 2024-11-29 08:21 GMT

6-6-6 Walking Rule:  वाॅकिंग का 6-6-6 फार्मूला आज सबकी ज़ुबान पर है। लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं, इसके तरीके और फायदों को जानना चाहते हैं। एक लाइन में कहा जाए तो यह पैटर्न बताता है कि आपको सुबह और शाम को 6 बजे 60 मिनट की वाॅक करनी चाहिए जिसमें 6-6 मिनट का वार्म अप और कूल डाउन सेशन भी जोड़ना चाहिए। इस नए ट्रेंड के फायदे दरअसल वाॅकिंग के ही फायदे हैं। जिसमें एक निश्चित समय की निरंतरता और वार्म अप और कूल डाउन सेशन का महत्व भी आम लोगों को बताया गया है जिसपर आमतौर पर ध्यान नहीं दिया जाता। तो चलिए हम भी वाॅकिंग के इस नए ट्रेंड को थोड़ा करीब से जानते हैं।

क्या है 6-6-6 वाॅकिंग फार्मूला?

6-6-6 वाॅकिंग फार्मूला के अनुसार आपको सुबह 6 बजे और शाम 6 बजे 60 मिनट की वॉक करनी है। साथ ही वॉक से पहले 6 मिनट का वॉर्मअप और टहलने के बाद 6 मिनट का कूल डाउन सेशन भी करना है जिससे आपको वाॅक के सभी फायदे मिल सकें। इस स्टडी के अनुसार सुबह की वाॅक जहां आपको फ्रेश एयर, फुर्ती और एनर्जी देगी, आपके अंदरूनी अंगों को मजबूती देगी, शरीर को लचीला बनाएगी और वजन को कम करने में मदद करेगी। इससे आपकी मेंटल हेल्थ भी बेहतर होगी। वहीं शाम की वाॅक आपको रिलेक्स करेगी। दिनभर के तनाव और व्यस्तता के बाद आप दोबारा एक्टिव होंगे। आपके अंदर पसरा आलस दूर होगा। शरीर हल्का होगा। आपके पास मंथन और चिंतन करने का मौका होगा। आप खुद के साथ समय बिता पाएंगे और वाॅक के फायदे तो आपको मिलेंगे ही।

क्या है वार्म अप और कूल डाउन सेशन का फायदा?

किसी भी एक्सरसाइज से पहले वार्म अप करने के बहुत से फायदे होते हैं। वार्म अप करने से मांसपेशियों का लचीलापन बढ़ता है।साथ ही इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। वार्म अप करने के दौरान आपके शरीर का नर्वस सिस्टम एक्टिव हो जाता है। यह ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को बढ़ा देता है। वार्म अप करने से दिल को भी बहुत फायदा होता है। वहीं कूल डाउन सेशन से आपके दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है, मांसपेशियां रिलेक्स होती हैं और आपकी रिकवरी बेहतर होती है। इस दौरान स्ट्रेचिंग करने से आपका शरीर लचीला बनता है और आप अगले दिन इसे रिपीट करने के लिए खुद को सक्षम पाते हैं।

क्या 6-6-6 फार्मूला आपके लिए है?

कोई भी नया ट्रेंड या फार्मूला आपके लिए है है या नहीं, यह आपकी व्यस्तता और डेली रूटीन पर निर्भर करता है। हर किसी के लिए तय समय पर सुबह और शाम छह बजे टहलना संभव नहीं है। आमतौर पर सुबह महिलाएं इस दौरान लंच बाॅक्स तैयार करने में लगी रहती हैं वहीं शाम को वर्किंग प्रोफेशनल्स ऑफिस में व्यस्त होते हैं। इसलिए किसी भी ट्रेड का अक्षरशः पालन नहीं किया जा सकता। ये भी गौरतलब है कि आपको अपने शहर के प्रदूषण के स्तर का ध्यान रखना होता है खासकर जब आप दिल्ली जैसे शहर में हों। आप अपनी सुविधा अनुसार उसमें बदलाव कर सकते हैं। यहां बात सिर्फ निरंतरता पर ध्यान देने की है कि आप यथासंभव दोनों टाइम वाॅक का समय निकालें और इस दौरान वार्म अप और कूल डाउन के सेशन का भी ध्यान रखें तो आपको भरपूर फायदा मिलेगा।

जाते-जाते जान लीजिए वाॅकिंग के फायदे

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजे़शन के अनुसार आपको हर दिन काम से कम 30 मिनट का समय वॉकिंग के लिए निकालना चाहिए। आप जिम भी जा सकते हैं लेकिन वॉकिंग इसलिए आरामदायक है कि इसे हर कोई कर सकता है। इसका कोई शुल्क नहीं है। और ना ही इसके लिए किसी मशीन की आवश्यकता है इसलिए यह एक तरह से मुफ्त में होने वाली एक्सरसाइज़ है। इसलिए वॉकिंग हमेशा से लोगों की पसंदीदा एक्टिविटी रही है। 30 से 40 मिनट की वॉक आपको क्या फायदे पहुंचाती है, यह भी जान लीजिए।

पूरे शरीर को फायदा

वाॅक करने से आपके शरीर को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है जिससे आपके शरीर के सभी अंगों को फायदा मिलता है और आपका शरीर स्वस्थ रहता है।

स्वस्थ मस्तिष्क

वाॅक करने से आपके मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है। आपकी सोचने,समझने और एकाग्र करने की क्षमता बढ़ती है। आपका मूड अच्छा होता है। स्ट्रेस लेवल घटता है।

डायबिटीज़ में फायदेमंद

खासकर सुबह की सैर डायबिटीज पेशेंट के लिए बहुत अच्छी है यह उनकी इम्युनिटी बढ़ाती है। साथ ही इससे इंसुलिन का स्तर भी संतुलित रहता है। डायबिटीज पेशेंट वॉक के साथ अपनी डाइट पर भी भरपूर ध्यान दें।

हेल्दी हार्ट

जब आप तेज वाॅक करते हैं तो निश्चित रूप से आप महसूस करते हैं कि आपका दिल तेजी से धड़क रहा है यानी वॉकिंग से हार्ट की पंपिंग की क्षमता बेहतर होती है। आपके पूरे शरीर में रक्त संचार अच्छा होता है। इससे बीपी भी कंट्रोल में रहता है और हृदय की बीमारियों का जोखिम कम होता है।

अच्छी नींद

वाॅक करने से आपकी नींद भी बेहतर होती है। जब आप थकेंगे तो स्वतः ही आपको गहरी नींद आएगी। साथ ही इससे आपके शरीर में संतुलित हार्मोन्स बनते हैं।

बढ़ती उम्र के लिए फायदेमंद

पैदल चलने से आपकी एजिंग की प्रोसेस को कम किया जा सकता है। वाॅक करने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होंगी और जोड़ों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचेगी। इससे वे मजबूत होते हैं।

पसीने के साथ निकल जाती है गंदगी

जब आप तेजी से वॉक करते हैं तो इससे शरीर से पसीना निकलता है, साथ ही शरीर से गंदगी भी बाहर निकल जाती है। जिससे कई बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।

वेट लाॅस में मदद

तेज वॉक करने से कैलोरी भी तेजी से बर्न होती है, इससे आपको वेट लॉस में भी मदद मिलेगी।

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