H3N2 Virus Attack Winter : शीतलहर लेकर आया घातक बीमारी : H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का नया अटैक, जानें किन लोगों को है इसका सबसे ज्यादा खतरा
H3N2 Virus Attack Winter : देश में कड़ाके की ठंड के साथ ही एक नया और गंभीर स्वास्थ्य खतरा शुरू हो गया है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का ही एक प्रकार H3N2 हर साल की तरह इस बार भी तेजी से फैल रहा है
H3N2 Virus Attack Winter : शीतलहर लेकर आया घातक बीमारी : H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का नया अटैक, जानें किन लोगों को है इसका सबसे ज्यादा खतरा
H3N2 Virus Attack Winter : देश में कड़ाके की ठंड के साथ ही एक नया और गंभीर स्वास्थ्य खतरा शुरू हो गया है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का ही एक प्रकार H3N2 हर साल की तरह इस बार भी तेजी से फैल रहा है, लेकिन नई रिसर्च के अनुसार यह वायरस पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर और पहचान में मुश्किल हो गया है। यह वायरस हर सर्दी के मौसम में लगभग 10 से 20 प्रतिशत आबादी को अपनी चपेट में लेता है, लेकिन इस बार इसके लक्षण और फैलने की गति ने चिंता बढ़ा दी है।
H3N2 Virus Attack Winter : CDC के अनुसार, यह वायरस पहली बार 1968 में पक्षियों से इंसानों में आया था और तब से यह लगातार बदल रहा है। यह लगातार म्यूटेट होने की वजह से ही कई बार फ्लू वैक्सीन का असर भी इस पर कम हो जाता है। नई रिसर्च में पाया गया है कि आधुनिक H3N2 ने अपनी बाहरी सतह पर एक तरह की शुगरी शील्ड जोड़ ली है। इस शील्ड के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी) इसे बाहरी खतरा मानकर पहचान ही नहीं पाती है, जिससे यह आसानी से कोशिकाओं पर हमला कर देता है। H3N2 वायरस नाक और गले की कोशिकाओं से चिपककर अंदर घुस जाता है और सिर्फ 6 से 8 घंटे के भीतर लगभग 10,000 नए वायरस पैदा कर सकता है, जिससे संक्रमण बहुत तेज़ी से फैलता है।
H3N2 वायरस के सर्दियों में ज्यादा फैलने के दो मुख्य कारण हैं—पहला, ठंडी और सूखी हवा में यह वायरस लंबे समय तक हवा में जीवित रहता है। दूसरा, ठंड के कारण लोग घरों के अंदर बंद रहते हैं, जहाँ हवा का आवागमन कम होता है। इससे संक्रमित व्यक्ति से यह वायरस बहुत तेजी से दूसरे लोगों तक पहुँच जाता है।
भारत में 2025 के टेस्ट के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर के बीच जाँच किए गए सैंपल में से लगभग 20% H3N2 पॉजिटिव पाए गए हैं। इस वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले बच्चे और बुजुर्ग। हैं, नई रिसर्च के अनुसार, इन दोनों आयु समूहों में H3N2 से संक्रमित होने और गंभीर होने का खतरा 4 गुना तक ज्यादा होता है। WHO के अनुसार, H3N2 की गंभीरता H1N1 इन्फ्लूएंजा वायरस की तुलना में 1.5 गुना अधिक होती है और यह बुजुर्गों में निमोनिया का खतरा 5 से 10% तक बढ़ा देता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार (38-40°C), सूखी खांसी, गला खराब, बदन दर्द, कमजोरी और थकान शामिल हैं।
यह वायरस छींकने या खांसने की बूंदों से 1 मीटर तक फैलता है और सतहों पर 48 घंटे तक जीवित रह सकता है। संक्रमण से बचने के लिए हर साल फ्लू शॉट (वैक्सीन) लगवाएं। यदि किसी को फ्लू हो तो 5 से 7 दिन तक घर में रहें, खूब पानी पीकर आराम करें। लक्षण दिखने के 48 घंटे के भीतर डॉक्टर की सलाह पर दवा शुरू करने से बीमारी की गंभीरता 30% तक कम हो सकती है। हाथों को बार-बार धोना, मास्क पहनना, संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।