Chhattisgarh Assembly Election 2023 Congress Ticket: टिकट फाइनल: इन 5 सीटों पर कांग्रेस प्रत्‍याशी तय, 85 सीटों पर दावेदारों के बीच कड़ी टक्‍कर

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Congress Ticket: छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस से टिकट के दावेदारी की प्रक्रिया समाप्‍त हो गई है। अब प्राप्‍त आवेदनों पर जिला और प्रदेश स्‍तर पर विचार के लिए रखा जाएगा।

Update: 2023-08-26 15:34 GMT

Congress Ticket: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election 2023) के लिए कांग्रेस में प्रत्‍याशी चयन की प्रक्रिया चल रही है। कांग्रेस से विधानसभा टिकट (Congress Ticket) के दावेदारों से पार्टी ने आवेदन मांगें थे। आवेदन की यह प्रक्रिया 17 से 22 अगस्‍त तक चली। अब जिला स्‍तर पर नामों पर विचार चल रहा है। इस बीच राज्‍य की 90 में से पांच सीटों पर प्रत्‍याशी फाइनल हो गए हैं। पार्टी की तरफ से सितंबर के पहले सप्‍ताह में जारी होने वाली प्रत्‍याशियों की पहली सूची में इन पांचों सीट के प्रत्‍याशियों का नाम सबसे ऊपर रहने की संभावना है। बाकी 85 सीटों पर लगभग 1900 दावेदर हैं।

सिंहदेव की सीट से 100 दावेदार, जाने बाकी मंत्रियों की सीटों पर क्‍या है हाल

कांग्रेस में मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार रहे और बाद में डिप्‍टी सीएम बनाए गए टीएस सिंहदेव की अंबिकापुर सीट से 100 दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया। 2018 में सीएम पद के दावेदारों में शामिल रहे दुर्ग ग्रामीण सीट से विधायक ताम्रध्‍वज साहू की सीट से दर्जनभर लोगों ने टिकट की दावेदारी की है। इसी मंत्री मोहम्‍मद अकबर की कवर्धा सीट से सात, शिवकुमार डहरिया की आरंग सीट से 10, कोरबा से 5 लोगों ने टिकट की दावेदारी की है। जयसिंह अग्रवाल इस सीट से विधायक हैं। अमरजीत भगत की सीतापुर सीट से 15 से ज्‍यादा, गुरु रुद्र कुमार की सीट अहिवारा से 26 और अनिला भेंडि़या की डौंडी-लोहारा सीट से 6 लोगों ने टिकट की दावेदारी की है।

रायपुर में बृजमोहन को टक्‍कर देने की होड़

रायपुर जिला की 4 विधानसभा सीटों में कांग्रेस पार्टी से सबसे ज्‍यादा दावेदार रायपुर दक्षिण सीट से सामने आए हैं। इस सीट से सबसे ज्‍यादा 36 दावेदार सामने आए हैं। इस सीट से भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल लगातार चुनाव जीत रहे हैं। यह सीट 2008 में अस्तित्‍व में आई। अग्रवाल 1990 में पहली बार रायपुर शहर सीट से विधायक चुने गए थे, तब से अब तक वे हारे नहीं है। इसके बाद रायपुर उत्‍तर सीट से 33 दावेदार हैं। यहां से कुलदीप जुनेजा विधायक हैं। जुनेजा 2008 में भी विधायक चुने गए थे, लेकिन 2013 में हार गए थे। संसदीय सचिव विकास उपाध्‍याय की पश्चिम सीट से 14 लोगों ने दावेदारी की है। वहीं, वरिष्‍ठ विधायक सत्‍यनारायण शर्मा की रायपुर ग्रामीण सीट से 9 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। इनमें शर्मा के स्‍थान पर उनके बेटे पंकज शर्मा ने आवेदन किया।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार बिलासपुर जिला में कुल 345 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। वहीं, रायपुर सीटों की सभी सीटों पर 145 और दुर्ग में लगभग 300 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। सिवाहा सीट से मौजूदा विधायक लक्ष्मी ध्रुव के साथ उनके पति लखनलाल ध्रुव ने आवेदन जमा किया है। इसी तरह दंतेवाड़ा से विधायक देवती कर्मा और उनके पुत्र छबिंद्र कर्मा ने दावेदारी पेश की है। कटघोरा से जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर और उनके पति छत्रपाल सिंह ने आवेदन किया है। वहीं रामपुर सीट से पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर व उनके पुत्र मोहिंदर सिंह ने दावेदारी पेश की है। चिरमिरी से चंद्रप्रकाश मित्तल और उनके पुत्र अर्पित मित्तल आवेदन किया है।

जानिए उन 5 सीटों का हाल, जहां केवल एक ही दावेदार

कांग्रेस की जिन पांच सीटों पर प्रत्‍याशी फाइनल हो गया है उनमें भरतपुर-सोनहत, खरसिया, पाटन, साजा और कोंटा सीट शामिल है। इन सीटों के लिए केवल एक-एक दावेदारों ने आवेदन किया है। इसी वजह से इन सीटों पर प्रत्‍याशी फाइनल माने जा रहे हैं। पार्टी नेताओं के अनुसार भरतपुर-सोनहत सीट से मौजूदा विधायक गुलाब कमरो के अलावा किसी भी दावेदार ने आवेदन नहीं किया है। राज्‍य बनने के बाद 2008 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव के दौरान यह सीट अतिस्‍व में आया। 2008 और 2013 में यह सीट भाजपा जीती थी। 2018 में पहली बार गुलाब कमरो ने जीत दर्ज की।

कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ों में शामिल खरसिया सीट से भी मौजूदा विधायक उमेश पटेल के अलावा कांग्रेस से किसी दावेदार ने आवेदन नहीं किया है। पटेल इस सीट से लगातार दूसरी बार के विधायक हैं। उमेश से पहले उनके पिता नंद कुमार पटेल रिकार्ड पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं। 1977 में अस्तित्‍व में आई इस सीट पर अब तक कांग्रेस के अतिरिक्‍त कोई पार्टी नहीं जीती है।

मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की पाटन सीट से भी बघेल के अतिरिक्‍त किसी ने भी कांग्रेस से टिकट के लिए दावेदारी नहीं की है। बघेल 1993 में पहली बार इस सीट से विधायक चुने गए थे। तब से 2008 तक वे इस सीट से कभी नहीं हारे। 2008 में पहली बार भाजपा प्रत्‍याशी विजय बघेल ने उन्‍हें पहली चुनावी मात दी, लेकिन 2013 में भूपेश बघेल ने पलटवार किया और फिर से पाटन में जीत दर्ज की। 2018 में इसी सीट से चुनाव जीतकर बघेल मुख्‍यमंत्री बने।

राज्‍य की चौथी सीट जिससे कांग्रेस की टिकट के लिए केवल एक ही नेता ने दावेदार की है वह साजा सीट है। यह सीट भी कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ में शामिल है। चौबे परिवार के दबदबे वाली इस सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक रविंद्र चौबे ही एक मात्र दावेदार हैं। चौबे 1985 में पहली बार इस सीट से विधायक चुने गए थे, तब से अभी तक वे 8 बार इस सीट से जीत चुके हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्‍हें पहली बार हार का सामना करना पड़ा था, तब भाजपा के लाभचंद बाफना ने उन्‍हें हरा दिया था।

बस्‍तर के अंतिम छोर पर स्थित कोंटा विधानाभा सीट पांचवीं सीट है, जहां से कांग्रेस प्रत्‍याशी फाइनल है। यहां भी मौजूदा विधायक कवासी लखमा के अलावा किसी ने भी कांग्रेस से टिकट की दावेदारी नहीं की। लखमा 1998 से इस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। 2008 में बस्‍तर में भगवा लहर के बीच भी कवासी अपनी सीट बचाने में सफल रहे थे। बता दें कि 2008 में बस्‍तर संभाग की 12 में से 11 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज किया था।

जानिए अब आगे क्‍या होगा

ब्‍लॉक स्‍तर पर प्राप्‍त आवेदन अब ब्‍लॉक कांग्रेस कमेटी से जिला कांग्रेस कमेटी को भेज जाएंगे। ब्‍लॉक कांग्रेस कमेटी चाहे तो आवेदनों में से 5 नामों का पैनल बनाकर भेज सकती है, लेकिन बाकी दावेदारों के नाम भी जिला को भेजना होगा। इसके लिए 26 अगस्‍त की डेड लाइन तय की गई थी।

ब्‍लॉक कांग्रेस से प्राप्‍त सूची को लेकर 29 अगस्‍त को जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक होगी। इनमें जिला कांग्रेस कमेटी दावेदारों में से 3-3 नामों का पैनल तैयार करेगी।

जिला कांग्रेस कमेटी अपने प्रस्‍तावित पैनल की सूची के साथ, बाकी आवेदन भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेज देगी। इसके लिए 31 अगस्‍त की मियाद तय की गई है।

इन नामों को लेकर प्रदेश कांग्रेस के इलेक्‍शन कमेटी की 3 सितंबर को बैठेगी। कमेटी प्राप्‍त आवेदनों के आधार पर प्रत्‍याशी का नाम फाइनल करेगी।

इसके बाद 4 सितंबर को स्‍क्रीनिंग कमेट की बैठक होगी। यह कमेटी फाइन सूची बनाकर इलेक्शन कमेटी को भेज देगी। इसके आधार पर एआईसीसी से प्रत्‍याशियों की सूची जारी की जाएगी।

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा 2023 (Chhattisgarh Assembly Election 2023) के चुनाव के लिए घोषण पत्र बनाने की लिए गठित कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति (Congress Manifesto) की आज प्रदेश कांग्रेस मुख्‍यालय राजीव भवन में बैठक हुई। समिति के अध्‍यक्ष मोहम्‍मद अकबर की अध्‍यक्षता में हुई इस बैठक में समिति के सदस्‍यों ने अपने- अपने सुझाव दिए। पार्टी ने इस बार आम लोगों सुझाव प्राप्‍त करने के लिए ई- मेल जारी किया है। कोई भी व्‍यक्ति cgpccryp.2018@gmail.com मेल आईडी पर 31 अगस्‍त तक अपने सुझाव दे सकती है। 

इस बीच सत्‍ता में वापसी के लिए कांग्रेस इस बार भी लुभावना घोषणा पत्र तैयार करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसमें लोगों को महंगाई से राहत देने वाले उपायों की घोषणा के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है। किसान और पशुपालकों सहित सरकार की अन्‍य योजनाओं के विस्‍तार पर भी विचार किया जा रहा है। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

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सुकमा। तस्‍वीर में बीड़ी का सुट्टा मरते दिख रहे नेताजी छत्‍तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इनका नाम कवासी लखमा है। कोटा विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार के विधायक कवासी लखमा को अक्षर ज्ञान नहीं है। इसके बावजूद वे हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। अब उनका बीड़ी पीकर नाक से धुंआ‍ निकालने वाली वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। विधानसभा का चुनाव नजदीक है, ऐसे में लखमा राजधानी छोड़कर इन दिनों लगातार अपने क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। उनका विधानसभा क्षेत्र नक्‍सल प्रभावित है। इसके बावजूद वे अंदरुनी क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों के संपर्क कर रहे हैं। यह वीडियो भी उनके विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान का बताया जा रहा है। वीडियो के संबंध में बताया जा रहा है कि लखमा एक गांव से निकल रहे थे वहां एक ग्रामीण बीड़ी पी रहा था, मंत्री लखमा उससे बीड़ी ली और उसकी ही अपनी बीड़ी सुलगा ली। इसके बाद ग्रामीण का हाथ पकड़े उसके साथ घूम-घूम कर बीड़ी पीते दिखे। साथ ही नाक से धुंआ छोड़ते भी दिखे। इस खबर को विस्‍तार से पढ़नें के लिए यहां क्‍लीक करेंयह भी

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रायपुर। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए घोषणा पत्र तैयार करने की प्रक्रिया कांग्रेस ने शुरू कर दी है। चुनाव के लिए गठित कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर ने बताया कि घोषणा पत्र तैयार करने के लिए लोगों से 31 अगस्त तक सुझाव लिए जाएंगे। सुझाव देने के इच्छुक लोग छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आकर लिखित में अपने सुझाव दे सकते हैं। सुझाव देने के लिए ई-मेल की भी सुविधा रहेगी। इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर आमजनों और अलग-अलग वर्गों के साथ चर्चा करेंगे। इस खबर को विस्‍तार से पढ़नें के लिए यहां क्‍लीक करें


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