Satyendra Jain News: सत्येंद्र जैन के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, 7.44 करोड़ की संपत्ति कुर्क, इस मामले में हुई कार्रवाई!
Satyendra Jain: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. ईडी ने उनकी कंपनियों से जुड़ी 7.44 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.
Satyendra Jain: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। ईडी ने उनकी कंपनियों से जुड़ी 7.44 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए 15 सितंबर को मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA)के तहत एक अंतरिम आदेश जारी किया है। यह जांच सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य के खिलाफ बेनामी संपत्ति रखने के एक कथित मामले और आय से अधिक संपत्ति रखने के एक और मामले से संबंधित है। सीबीआई इस मामले में पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जैन पर 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के बीच दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। ईडी ने 2022 में जैन की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
ईडी ने जैन की यह संपत्ति जब्ती से पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि जैन के करीबी सहयोगी- अंकुश जैन और वैभव जैन- संजय जैन की संपत्ति के बेनामी धारक थे और उन्होंने आय प्रकटीकरण योजना 2016 के तहत अग्रिम कर के रूप में बैंक ऑफ बड़ौदा, भोगल शाखा में 7.44 करोड़ रुपये नकद जमा किए थे।
सीबीआई ने सत्येंद्र कुमार जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) के तहत FIR दर्ज कराई थी। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सरकार में मंत्री पद पर रहते फरवरी 2015 से मई 2017 के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। इसको लेकर सीबीआई ने चार्जशीट भी दाखिल की थी।
कौन हैं सत्येंद्र कुमार जैन?
सत्येंद्र का जन्म तीन अक्तूबर 1964 को यूपी के बागपत जिले में हुआ। यहां किरथल गांव में उनका निवास है। सत्येंद्र के पिता शिक्षक थे। सत्येंद्र के जन्म के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया था। पहले वो सरस्वती विहार में अपने परिवार के साथ रहते थे और अब सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास मिला हुआ है।
सत्येंद्र जैन ने 1992 में असोसिएट मेंबरशिप ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स से आर्किटेक्चर की पढ़ाई की थी। इसके बाद एक वास्तुकार के रूप में उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में नौकरी शुरू की। कुछ समय बाद ही अपनी आर्किटेक्चरल कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। उनकी पत्नी पूनम जैन भी आर्किटेक्चर के क्षेत्र में ही काम करती हैं। पढ़ाई और नौकरी के समय से ही वो तमाम तरह के समाज सेवा कार्यों से जुड़े हुए थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ चले जन लोकपाल आंदोलन से वह इतने प्रभावित हुए कि उसमें ईमानदारी से योगदान देने के लिए उन्होंने अपना करियर छोड़ दिया।
सत्येंद्र कुमार जैन कैसे सियासत में आये
जन लोकपाल बिल की मांग को लेकर जब अन्ना हजारे आंदोलन कर रहे थे, उसी दौरान सत्येंद्र जैन की मुलाकात अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से हुई। इसके बाद जब अरविंद ने आम आदमी पार्टी बनाई तो सत्येंद्र भी इसमें शामिल हो गए।
2013 में पहली बार शकूर बस्ती विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के एससी वत्स और कांग्रेस के देवराज अरोड़ा को हराकर जैन विधायक बने। इसके बाद 2015 और फिर 2020 में भी इसी सीट से जीत हासिल की। 2020 तक जैन के ऊपर एक भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं था। हालांकि, इसके बाद वह मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस गए। सत्येंद्र जैन ने 2020 चुनाव के दौरान हलफनामा में बताया है कि उनके पास करीब सात करोड़ की संपत्ति है।