लाल किला ब्लास्ट! दिल्ली की वो शाम जिस की हौलनाकी सुन फट जायेगा दिल! अब तक 10 मौतें, आसमान में उड़े जिस्म के टुकड़े, पेड़ पर लटकता मिला शव

Delhi Red Fort Blast 2025: लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर 10 नवंबर 2025 को हुए धमाके ने दिल्ली को दहला दिया। 10 लोगों की मौत, DNA से शवों की पहचान जारी, NIA जांच में आतंकी साजिश के संकेत।

Update: 2025-11-11 11:40 GMT

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नई दिल्ली। 10 नवंबर 2025, सोमवार की शाम दिल्ली का आसमान अचानक चिंगारियों से भर गया। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक तेज़ धमाके ने सबकुछ बदल दिया। चश्मदीदों को बस एक पल की याद है हवा को चीरती धमाके की आवाज़, आग का गुबार और सड़क पर फैलता आग यार खून का गंध। देखते ही देखते 50 मीटर का इलाका मौत के सन्नाटे में बदल गया।

लाल किला मेट्रो के बाहर मौत का धमाका

शाम ठीक 6:55 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के बाहर खड़ी एक हुंडई i20 कार अचानक जोरदार धमाके से फट गई। आवाज़ इतनी भयानक थी कि आसपास खड़े लोगों के कान सुन्न पड़ गए। शुरुआती जांच में 5 से 10 किलो हाई-इंटेंसिटी विस्फोटक (संभावित अमोनियम नाइट्रेट और फ्यूल ऑयल मिश्रण) के इस्तेमाल की आशंका है। धमाके के तुरंत बाद आग की लपटों ने आसपास की गाड़ियों और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। मेट्रो स्टेशन के शीशे चकनाचूर हो गए, सड़क पर अफरातफरी मच गई।
पूरा इलाका हिल गया… लगा जैसे धरती फट गई
एक चश्मदीद ने मीडिया को बताया, पूरा इलाका हिल गया, मानो जैसे धरती फट पड़ी हो। बस एक चमक, और फिर सब आग में बदल गया। कई लोगों के मुताबिक कुछ सेकंड तक कुछ सुनाई ही नहीं दिया, और फिर हर तरफ चीखें थीं।
हवा में उड़ा इंसान, पेड़ पर मिला शव
इस विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि एक व्यक्ति का शरीर हवा में उछलकर करीब 30 फीट दूर एक पेड़ की शाख पर जा फंसा। मंगलवार सुबह जब NDRF और फॉरेंसिक टीमें सैंपल इकट्ठा कर रही थीं तब यह शव दिखाई दिया। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। अब मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
50 मीटर तक तबाही, राख में बदली गाड़ियां
धमाके ने 50 मीटर के दायरे में सब कुछ तबाह कर दिया। सड़क पर खड़ी गाड़ियां जलकर खाक हो गईं, पास के मंदिर की खिड़कियां टूट गईं और दुकानों के शीशे बिखर गए। दीवारों पर विस्फोट के निशान हैं और हवा में अब भी केमिकल की गंध तैर रही है।
DNA से हो रही है पहचान
घटना स्थल पर कई इंसानी जिस्म बुरी तरह झुलस गए। FSL (Forensic Science Laboratory) और NDRF टीमें DNA सैंपल के जरिए पहचान करने में जुटी हैं। घायलों को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।
NIA को सौंपी गई जांच
गृह मंत्रालय ने कल देर रात इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी। जांचकर्ताओं को मौके से डेटोनेटर, फ्यूल ऑयल और सर्किट वायर के अवशेष मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक एजेंसियां इस घटना का संबंध फरीदाबाद मॉड्यूल या किसी अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क से जोड़कर जांच कर रही हैं।
दिल्ली के लिए फिर डर की रात
दिल्ली में 13 साल बाद किसी बड़े विस्फोट ने दहशत का माहौल पैदा किया है। इससे पहले 2012 में इज़राइली राजनयिक के वाहन पर हमला हुआ था। अब लाल किला धमाके ने एक बार फिर राजधानी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर के तमाम मेट्रो स्टेशनों, बस टर्मिनलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
क्या यह दिल्ली के पुराने ब्लास्ट सीरीज़ से जुड़ा पैटर्न है?
सुरक्षा माहिरीन का कहना है कि इस विस्फोट का तरीका और लोकेशन 2008 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट से मिलते-जुलते हैं। हाई-इंटेंसिटी IED और टाइमिंग तकनीक समान पाई गई है। हालांकि NIA ने अभी किसी आतंकी संगठन का नाम नहीं लिया है।
यह हौलनाक हादसा सिर्फ एक धमाका नहीं बल्कि दिल्ली के दिल में फिर से गूंजा डर है। 2005, 2008 और अब 2025 हर बार शहर ने ज़ख्म सहे, और हर बार वही सवाल गूंजा क्या राजधानी कभी सच में सुरक्षित हो पाएगी?
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