Delhi Circle Rate Hike: एग्रीकल्चर लैंड हो सकती है 10 गुना महंगी, 17 साल बाद हो सकता है बड़ा बदलाव, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

Delhi Circle Rate Hike: कृषि भूमि के सर्किल रेट को 10 गुना तक बढ़ाने की तैयारी। 17 साल बाद बदलाव से स्टांप ड्यूटी, सरकारी राजस्व और किसानों के मुआवजे में होगा इजाफा।

Update: 2025-12-18 16:22 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार खेती की जमीन के सर्किल रेट में बड़ा बदलाव करने जा रही है और इसका सबसे बड़ा फायदा किसानों को मिलने वाला है। सरकार कृषि भूमि का सर्किल रेट मौजूदा कीमत से 10 गुना तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। अगर यह फैसला लागू होता है, तो 17 साल बाद पहली बार खेती की जमीन की सरकारी कीमत बढ़ेगी।

किसानों को क्यों होगा सीधा फायदा

अभी दिल्ली में खेती की जमीन का सर्किल रेट 53 लाख रुपये प्रति एकड़ है जबकि बाजार में यही जमीन कई करोड़ रुपये में बिक रही है। लेकिन जब सरकार जमीन अधिग्रहित करती है या रजिस्ट्रेशन होता है तो भुगतान सर्किल रेट के आधार पर होता है। सर्किल रेट बढ़ने से किसानों को जमीन का सही दाम मिलेगा।

जमीन अधिग्रहण में मिलेगा ज्यादा मुआवजा

अगर सरकार या कोई एजेंसी किसानों की जमीन लेती है तो मुआवजा सर्किल रेट से जुड़ा होता है। नया रेट लागू होने पर किसानों को पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा मुआवजा मिल सकता है। इससे लंबे समय से चली आ रही किसानों की नाराजगी भी कम हो सकती है।

किसान लंबे समय से कर रहे थे मांग

दिल्ली के गांवों के किसान पिछले कई महीनों से सर्किल रेट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जमीन की कीमत बढ़ गई है, लेकिन सरकारी रेट अब भी बहुत कम है। किसानों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से कई बार मुलाकात कर 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक सर्किल रेट करने की मांग रखी है।

खेती की जमीन घट रही, कीमत बढ़ रही

दिल्ली में खेती की जमीन लगातार कम हो रही है क्योंकि बड़े इलाके अब रिहायशी और व्यावसायिक इस्तेमाल में आ चुके हैं। साल 2023 में दिल्ली का कुल खेती क्षेत्र 81,700 एकड़ रह गया था। जमीन कम होने और मांग बढ़ने से किसानों की जमीन की कीमत और अहमियत दोनों बढ़ गई हैं।

सरकार की कमाई भी बढ़ेगी

सर्किल रेट बढ़ने से किसानों के साथ-साथ सरकार को भी फायदा होगा। रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी से सरकार की आमदनी बढ़ेगी और जमीन सौदों में पारदर्शिता आएगी। मई महीने में बनाई गई सरकारी समिति किसानों की मांगों पर रिपोर्ट तैयार कर रही है। अगर सरकार इसे मंजूरी देती है, तो दिल्ली के किसानों के लिए यह सालों बाद सबसे बड़ा राहत भरा फैसला साबित हो सकता है।

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