प्रदर्शनकारी दुर्गाबाई देशमुख साउथ कैंपस मेट्रो स्टेशन के पास जमा हुए जिसके बाद पुलिस ने बांग्लादेश उच्चायोग की ओर जाने वाले मार्गों पर सख्त निगरानी शुरू कर दी। अधिकारियों के अनुसार किसी भी स्थिति में प्रदर्शनकारियों को राजनयिक परिसर तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी गई।
उच्चायोग की ओर जाने वाली सड़कें बंद
दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए बांग्लादेश उच्चायोग की ओर जाने वाली सड़कों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। सैन मार्टिन मार्ग पर तीन स्तर की बैरिकेडिंग लगाई गई और अतिरिक्त पुलिस बल के साथ अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने और राजनयिक प्रतिष्ठान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पहले ही सूचित कर दिया था कि उन्हें उच्चायोग की ओर आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पूरे इलाके में यातायात भी आंशिक रूप से प्रभावित रहा।
बैरिकेड तोड़ने की कोशिश
प्रतिबंधों के बावजूद कुछ प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया और पहली स्तर की बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें दूसरे स्तर पर रोक लिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स के आगे सड़क के पार दिल्ली परिवहन निगम की एक बस भी खड़ी की। प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए और कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्रों का पाठ भी किया। पुलिस और आयोजकों की ओर से बार-बार शांति बनाए रखने और संयम बरतने की अपील की जाती रही।
मोहम्मद यूनुस का पुतला जलाया गया
प्रदर्शन के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला भी जलाया। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और VHP नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया और प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखने की अपील की। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर और तख्तियां भी थीं, जिन पर बांग्लादेश में हुई घटना के विरोध में नारे लिखे हुए थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल तैनात रखा।
क्या है मयमनसिंह की घटना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में 18 दिसंबर की रात एक कपड़ा फैक्टरी में काम करने वाले दीपू चंद्र दास की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था। बताया जा रहा है कि घटना के समय फैक्टरी परिसर में मौजूद लोगों ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की। हालांकि इस मामले में सभी तथ्यों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बांग्लादेश प्रशासन की ओर से मामले की जांच जारी बताई जा रही है और अब तक किसी निष्कर्ष की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
ढाका ने भारतीय उच्चायुक्त को किया गया तलब
दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर हुए विरोध-प्रदर्शन पर बांग्लादेश सरकार ने आपत्ति जताई है। इस मामले में ढाका स्थित विदेश मंत्रालय ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश अपने राजनयिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा या धमकी की निंदा करता है। मंत्रालय के अनुसार ऐसे कृत्य राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और आपसी सम्मान, शांति और सहिष्णुता के सिद्धांतों को कमजोर करते हैं।
फिलहाल दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने को प्राथमिकता दी जा रही है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।