Raipur-Vishakhapatanam Express Land Scam: SDM के पावर का इस्तेमाल रेवेन्यू सिकरेट्री ने कर डाला, 324 करोड़ मुआवजा स्कैम में तीनों पटवारियों को हाई कोर्ट ने किया बहाल...

Raipur-Vishakhapatanam Express Land Scam: छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रश्नकाल में आज अभनपुर भारतमाला परियोजना के 324 करोड़ के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सदन गरम रहा। इसमें एक दिलचस्प ट्वीस्ट आया है। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जिन तीन पटवारियों को सस्पेंड करने की लिखित जानकारी दी...सदन में बार-बार इस कार्रवाई का क्रेडिट लेने का प्रयास किया, उन तीन पटवारियों को हाई कोर्ट पहले ही बहाल कर चुका है क्योंकि एसडीएम की जगह रेवेन्यू सिकरेट्री ने उन्हें सस्पेंड किया था। रेवेन्यू सिकरेट्री के पास सामान्य प्रशासन विभाग का भी चार्ज है। पटवारियों ने कोर्ट में इसीलिए चैलेंज कर दिया।

Update: 2025-03-12 12:08 GMT
Raipur-Vishakhapatanam Express Land Scam: SDM के पावर का इस्तेमाल रेवेन्यू सिकरेट्री ने कर डाला

Raipur-Vishakhapatanam Express Land Scam

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Raipur-Vishakhapatanam Express Land Scam: रायपुर। बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ0 चरण दास महंत ने भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने स्वीकार किया कि गड़बड़ियां हुई है...राजस्व विभाग कलेक्टर की रिपोर्ट पर कार्रवाई कर रहा है।

राजस्व सचिव ने सदन को बताया कि इस मामले में तीन पटवारियों को सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अफसर भी निलंबित हुए हैं। राजस्व मंत्री सीबीआई या विधायकों की समिति से जांच कराने से इंकार करते रहे। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा लगातार कार्रवाइयां की जा रही हैं।

मगर दिलचस्प यह है कि राजस्व विभाग ने रायपुर कलेक्टर की रिपोर्ट पर तीन पटवारियों को सस्पेंड किया, उन तीनों को बिलासपुर हाई कोर्ट ने स्टे देते हुए बहाल कर दिया है।

भारत माला परियोजना में करोड़ों के मुआवजा घोटाले के आरोपी तीन पटवारियों के निलंबन में राजस्व विभागों ने अफसरों ने बड़ी लापरवाही बरती है। यह लापरवाही जानबुझकर की या फिर अनजाने में, मामला चाहे जो हो, बिलासपुर हाई कोर्ट के आदेश से राजस्व विभाग की भद्द पिट गई है। तीनों पटवारियों ने नियमों व निर्देशों का हवाला देते हुए निलंबन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने निलंबन आदेश पर रोक लगा दिया है।

जाहिर है, राज्य शासन ने पटवारियों को निलंबित करने का अधिकार एसडीएम को दिया है। इस मामले में राजस्व विभाग के आला अफसरों से बड़ी चुक हो गई। राजस्व विभाग के सचिव जिनके पास सामान्य प्रशासन विभाग का भी दायित्व है, ने एक आदेश जारी कर भू-अर्जन में गड़बड़ी के आरोप में तीन पटवारियों को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया था।

कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद राजस्व विभाग के सचिव ने 8 अक्टूबर 2024 को एक आदेश जारी कर पटवारी जितेंद्र साहू, दिनेश पटेल व लेखराम देवांगन को निलंबित कर दिया था। सचिव के आदेश को तीनों पटवारियों ने चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

दायर याचिका में पटवारियों ने नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि राज्य शासन ने पटवारियों को निलंबित करने का अधिकार एसडीएम को दिया है। उनके मामले में नियमों को दरकिनार करने हुए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने एक आदेश जारी कर दिया है, जो कि नियम विरुद्ध है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 22, 2 के अनुसार अनुशासनात्मक प्राधिकारी अनुविभागीय अधिकारी हैं। अफसरों से यहीं चूक हो गई और इसका फायदा तीनों पटवारियों ने उठा लिया है।

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