पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू हो, छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सोलंकी ने राष्ट्रपति से किया आग्रह...

छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने राष्ट्रपति, राज्यपाल पश्चिम बंगाल व प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। बंगाल में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण अनुच्छेद 356 को तत्काल लागू करने की अपील की हैं...

Update: 2025-04-19 14:26 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के सदस्य पश्चिम बंगाल में व्याप्त कानून व्यवस्था की भयावह स्थिति से काफी दु:खी है। पश्चिम बंगाल में हाल की घटनाएं कानून और व्यवस्था की पूर्ण विफलता को दर्शाते हैं। वर्तमान में जारी व्यापक दंगे, हिंदू समुदाय के खिलाफ व्यवस्थित हमले और हिंसा (HINDU GENOCIDE), बड़ी संख्या में हिंदुओं का पलायन और राज्य प्रशासन की संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने तथा सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता शामिल है।

अनेक जिलों से मिल रही लगातार रिपोर्ट

• संगठित हमले और भीड़ की हिंसा के कारण हिंदू समुदाय को जान - माल की हानि

• आतंक का माहौल जिसने कई हिंदू परिवारों को अपने घरों से पलायन के लिए मजबूर किया है

• राज्य मशीनरी या तो निष्क्रिय है या कथित रूप से हिंसा में शामिल है

• नागरिकों के मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है

यह स्थिति संवैधानिक तंत्र की विफलता को दर्शाता है

विचारणीय है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था के साथ साथ संवैधानिक अनियमितता इस कदर दुर्भर हो चुकी है कि वहां की ममता बनर्जी सरकार द्वारा राज्यपाल को भी दंगा ग्रस्त क्षेत्र मुर्शिदाबाद का दौरा करने में अड़चनें डाली जा रही है तथा उनको क्षेत्र का अवलोकन नही करने दिया जा रहा है। अतः आपके द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

हमें विश्वास है कि राष्ट्रपति शासन लगाना आवश्यक है ताकि भविष्य में जान-माल की हानि को रोका जा सके, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जा सके, और राज्य में लोकतांत्रिक और संवैधानिक शासन को बहाल किया जा सके।

हम आपसे तत्काल उचित कार्रवाई की मांग करते हैं ताकि न्याय, शांति और संवैधानिक व्यवस्था पुनर्स्थापित हो सके।

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